75 पार का दावा करने वाली कांग्रेस अपने उम्मीदवारों की बाड़बंदी करके अपने डर का प्रदर्शन कर रही : साव
HNS24 NEWS December 2, 2023 0 COMMENTSरायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा है कि चुनाव नतीजों के आने से पहले ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस नेता जिस तरह की भाषा बोल रहे हैं, उससे साफ हो चला है कि कांग्रेस छत्तीसगढ़ का विधानसभा चुनाव बुरी तरह हार रही है और भूपेश सरकार को अपने शासनकाल के कर्मों की सजा का डर सता रहा है। श्री साव ने करारा कटाक्ष करते हुए कहा कि 75 पार का दावा करने वाले कांग्रेसियों को अब अपने उम्मीदवारों की बाड़बंदी की मशक्कत करनी पड़ रही है, यह तथ्य कांग्रेस की हार के डर का सत्य है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष साव ने कहा कि पाँच साल तक भरोसे का ढोल पीटते रहने के बाद मुख्यमंत्री बघेल और कांग्रेस नेताओं को अपने उम्मीदवारों पर जरा भी भरोसा नहीं रह गया है और वे चुनाव नतीजे आने से पहले ही बाड़बंदी के पुख्ता इंतजाम में दिन-रात बेचैन हो रहे हैं। शनिवार को कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में भारी संख्या में पहुँचे कार्यकर्ताओं ने उत्साह का प्रदर्शन कर जीत का विश्वास जताया। इस दौरान कार्यकर्ताओं से संवाद करते हुए श्री साव ने कहा कि कांग्रेस तो पूरे पाँच साल तक भरोसे के संकट से जूझती रही है। भ्रष्टाचार, वादाखिलाफी, हर वर्ग के साथ छलावे और धोखाधड़ी ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार की विश्वसनीयता को इस कदर दाँव पर लगा दिया कि कांग्रेस नेतृत्व भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी का चेहरा बताने से परहेज करता रहा। शराब और कोयला घोटालों के खुलासे के बाद से ही कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व तक मुख्यमंत्री बघेल पर भरोसा नहीं कर रहा था। भरोसे का यह संकट हर स्तर पर जगजाहिर हो रहा था। विधायकों को अपनी सरकार पर भरोसा नहीं था, कांग्रेस सरकार को अपने विधायकों पर भरोसा नहीं था, विधायकों और सरकार को पार्टी नेतृत्व पर भरोसा नहीं था और पार्टी नेतृत्व कांग्रेस में मचे घमासान के चलते अविश्वास से घिरा रहा। और अब अपने उम्मीदवारों की बाड़बंदी करके समूचा कांग्रेस नेतृत्व अपने डर और अविश्वास का प्रदर्शन कर रहा है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष साव ने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व का भरोसा खो चुकने के बाद मुख्यमंत्री बघेल तो अपने ही बनाए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज का भी भरोसा खो चुके नजर आ रहे थे। दरअसल पाँच वर्ष के शासनकाल में कांग्रेस में जिस तरह निजी महत्वाकाँक्षा सिर पर चढ़ी हुई थी, उसके चलते कांग्रेस अपनी हार की पटकथा तो रोज लिख ही रही थी, अब 3 दिसंबर को तो इस पटकथा का अंजाम सामने आना ही शेष है। चुनाव में कांग्रेस में टिकट को लेकर शुरुआत से ही घमासान का जो ट्रेलर पेश हुआ था तभी प्रदेश की जनता को पूरी पिक्चर का क्लाइमेक्स समझ आ चुका था। श्री साव ने कहा कि यह विडम्बना ही थी कि कांग्रेस के नेताओं को अपने आंगन के ये गड्ढे दिख नहीं रहे थे। मुख्यमंत्री बघेल छत्तीसगढ़ में कांग्रेस और अपनी सरकार के अंतर्कलह को कैसे भूल रहे हैं, जिसके असली सूत्रधार तो वह खुद थे। मुख्यमंत्री बघेल को अपनी सरकार और कांग्रेस की राजनीतिक दरिद्रता पर नजर डाल लेनी थी। कांग्रेस में खुलकर सामने आ रहे अंतर्विरोध को पार्टी का लोकतंत्र बताने वालों की समझ पर तरस ही आता है, जब वे भाजपा में विचार-विमर्श के आंतरिक लोकतंत्र को सियासी अदावत बताते थे। श्री साव ने कहा कि विधानसभा चुनाव में अपनी तयशुदा पराजय से विचलित कांग्रेस और प्रदेश सरकार के लोग अपनी हताशा को ढँकने के लिए निर्वाचित विधायकों की बाड़बंदी के लिए वे सारे हथकंडे अपना रहे हैं, जो इस तथ्य को फिर प्रमाणित व स्थापित कर रहे हैं कि कांग्रेस में किसी को किसी पर कोई भरोसा नहीं रह गया है। हालत यह है कि ‘कांग्रेसी भरोसे’ की जर्जर काया मरणासन्न पड़ी है। साव ने कहा कि कांग्रेस हर विधानसभा क्षेत्र में अपनी थुक्का-फजीहत के दौर से गुजरती रही है, और अब उम्मीदवारों की बाड़बंदी ने कांग्रेस की रही-सही राजनीतिक हैसियत को दाँव पर लगा दिया है।
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