November 22, 2024
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रायपुर, 14 अक्टूबर 2022/ कभी सूखे की मार झेलने वाला धनुवा नाला अब बारहमासी हो चुका है। नाले में निरंतर बहते पानी से इलाके के किसानों को अब सिंचाई के लिए नया जल स्त्रोत मिल गया है। यह धनुवा नाला कोरबा जिला के जनपद पंचायत पोड़ी उपरोड़ा अंतर्गत ग्राम कुम्हारी दर्री से होकर गुजर रहा है। अब धनुवा नाला के बारहमासी होने से कुम्हारी दर्री के साथ ही नजदीकी गांव अमलीबहरा के 40 से अधिक किसानों को सिंचाई की सुविधा मिल गई है। वहीं सिर्फ एक धनुवा नाला के उपचारित होने से क्षेत्र में सिंचाई का रकबा पूर्व की अपेक्षा 30 हेक्टेयर तक बढ़ गया है। यह सब-कुछ छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘सुराजी गांव योजना’ के तहत चलाए जा रहे नरवा विकास कार्यक्रम से संभव हो पाया है। उल्लेखनीय है कि नरवा विकास कार्यक्रम के तहत बरसाती नालों को उपचारित कर संरक्षित और संवर्धित किया जा रहा है, जिससे वर्षाजल का संरक्षण होने के साथ-साथ भू-जल स्तर में सुधार हो रहा है।

ग्राम पंचायत कुम्हारी दर्री के धनुवा नाला के उपचार के बाद विभिन्न जल सरंचनाओ के निर्माण से दो गांवों कुम्हारी दर्री और अमलीबहरा के 40 किसानों को सिंचाई सुविधा मिल रही है। सिंचाई सुविधा मिल जाने से किसान धान की फसल के साथ ही सब्जी का उत्पादन करके आर्थिक लाभ ले रहे हैं। नाले में सालभर पानी भरा रहने से जहाँ ग्रामीणों को निस्तार के लिए जल मिल रहा है। वहीं पशु-पक्षियों और मवेशियों के लिए अब गर्मी के दिनों में भी पेयजल उपलब्ध हो रहा है। गौरतलब है कि धनुवा नाला 5-6 किलोमीटर लम्बा पुराना नाला है, जिसमें पहले साल में महज 6-7 महीने ही पानी रहता था। यह नाला गर्मियों के दिनों में सूख जाता था, जिससे खेतों की सिंचाई नहीं हो पाती थी। इसके साथ ही ग्रामीणों को निस्तारी जल और मवेशियों के लिय पेयजल का संकट गहरा जाता था। इन समस्याओं के निराकरण के लिए में नरवा-गरुवा-घुरुवा-बाड़ी कार्यक्रम के तहत नरवा विकास के लिए धनुवा नाला चयन किया गया।

नरवा विकास कार्यक्रम के तहत नाला के लिए मनरेगा से जल सरंक्षण एवं जल सवर्धन सरंचनाएं ब्रशवुड, लूज बोल्डर चेकडेम, गेबियन चेकडेम, स्टॉप डेम, फार्म बंड, तालाब और डबरी का निर्माण कराया गया। जिसमें दो सौ से अधिक परिवारों को रोजगार के अवसर मिले। नरवा विकास का कार्य ग्राउंड टूथ्रिंग, रिज टू वेली कॉन्सेप्ट के आधार पर ग्रामीणों की सहभागिता से सिंचाई सुविधा, सिंचाई रकबा बढ़ाने, भू-जल संवर्धन बढ़ाने का कार्य किया गया। नरवा विकास कार्यक्रम के तहत धनुवा नाला के उपचार के बाद मिट्टी का कटाव कम हुआ है, जिससे उपजाऊ खेतों में मिट्टी, मुरुम का भराव कम हुआ है। सिंचाई के लिए पर्याप्त व्यवस्था हुई है, जिससे दो गाँवों के 40 किसानों का फसल उत्पादन बढ़ गया है। फसल उत्पादन से किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है। गाँवों के भू-जल स्तर में वृद्धि होने से जल्दी सूख जाने वाले कुआँ, हैण्डपंप, बोर में भी जल स्तर बढ़ने लगा है।

धनुवा नाला में जल की उपलब्धता को लेकर कुम्हारी दर्री के सरपंच श्री इन्द्रपाल का कहना है कि नरवा विकास कार्यक्रम शासन की लाभकारी योजना है, जिससे ग्रामीणों को आर्थिक लाभ के साथ ही परम्परागत जल स्त्रोतों का संरक्षण किया जा रहा है। नरवा विकास कार्य होने से धनुवा नाला में अब सालभर पानी भरा रहता है, जिससे खेतों में फसल उत्पादन बढ़ा है। इसके अलावा ग्रामीणों को निस्तारी के लिए तथा पशु-पक्षियों के लिए भी पर्याप्त मात्रा में पानी की उपलब्धता हो रही है।

HNS24 NEWS

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