November 22, 2024
  • 6:28 am मुख्यमंत्री ने सपरिवार देखी ‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म
  • 7:40 pm सुरक्षा बल का हिस्सा बनकर होता है गर्व: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से बोली महिला कांस्टेबल
  • 6:17 pm विकास के लिए महत्वपूर्ण कारक है सुशासन : ओ.पी. चौधरी
  • 6:12 pm द साबरमती रिपोर्ट फिल्म देखने जायेंगे सीएम
  • 6:08 pm रायपुर नगर दक्षिण उपनिर्वाचन के लिए मतगणना 23 नवंबर को

रायपुर, 24 अक्टूबर 2021/ मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने आज शाम 24 अक्टूबर से 2 नवंबर तक आयोजित 10 दिवसीय छत्तीसगढ़ हर्बल्स दीवाली मेला का शुभारंभ किया। राजधानी के पंडरी स्थित छत्तीसगढ़ हाट परिसर में लगाए गए विभिन्न स्टॉलों में छत्तीसगढ़ हर्बल्स के 130 से अधिक उत्पाद 15 प्रतिशत की छूट पर उपलब्ध है। इस अवसर पर वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री  मोहम्मद अकबर, महापौर नगरपालिक निगम  एजाज ढेबर, छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड के अध्यक्ष एवं विधायक  कुलदीप जुनेजा, राज्य लघु वनोपज संघ के अध्यक्ष  भरत साय उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री बघेल ने इसका शुभारंभ करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में आदिवासी-वनवासी परिवारों के जीवन को बेहतर बनाने में लघु वनोपजों के उत्पाद का महत्वपूर्ण स्थान है। इस पर हमें गर्व है कि लघु वनोपज संघ वन विभाग के सतत् प्रयत्नों से राज्य के नक्सल प्रभावित क्षेत्र तथा वनांचल के निवासियों का सतत् उत्थान हो रहा है। मुख्यमंत्री बघेल ने इस अवसर पर छत्तीसगढ़ हर्बल्स दीवाली मेला में लगाए गए आयुष स्टॉल और घरेलू उत्पाद स्टॉल, कोदो-कुटकी उत्पाद स्टॉल, आयुर्वेदिक चिकित्सालय, गढ़कलेवा खाद्य उत्पाद स्टॉल और हथकरघा एवं माटी कला बोर्ड तथा शबरी एम्पोरियम आदि हर एक स्टॉल का अवलोकन कर उन्हें प्रोत्साहित किया। उन्होंने इस दौरान जिला यूनियन धमतरी द्वारा वनोपज ‘तिखुर’ से बने उत्पाद जलेबी, बर्फी तथा हलवा का भी स्वाद लिया और इसे छत्तीसगढ़ के स्वादिष्ट पकवान बताते हुए सराहना की। उन्होंने छत्तीसगढ़ के तिखुर से बने पकवान का प्रचार-प्रसार के लिए नगर निगम से भी दुकान आवंटन हेतु आवश्यक पहल करने की बात कही। मुख्यमंत्री ने इस दौरान माटी कला बोर्ड के स्टॉल में इलेक्ट्रिक चाक से मिट्टी का दीया बनाकर परम्परागत व्यावसायियों को प्रोत्साहित भी किया।
इस अवसर पर वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री  अकबर ने कहा कि छत्तीसगढ़ हर्बल्स दीवाली मेला का प्रमुख उद्देश्य प्रदेश के निवासियों को उनके अपने ब्रांड छत्तीसगढ़ हर्बल्स से परिचय कराना है। उन्हें उस स्नेह एवं लगन की शुद्धता से भी परिचय कराना है, जो स्व-सहायता समूह की महिलाएं छत्तीसगढ़ हर्बल्स के इन उत्पादों में डालती हैं। मेला में इस दीवाली खरीदा गया हर छत्तीसगढ़ हर्बल्स उत्पाद किसी आदिवासी अथवा वनवासी परिवार का जीवन रोशन करेगा।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ हर्बल्स दीवाली मेला में छत्तीसगढ़ हर्बल्स के आयुर्वेदिक उत्पाद, खाद्य उत्पाद और विभिन्न प्रकार के घरेलू उत्पाद की खरीदी कर सकते हैं। यह उत्पाद 6 हजार से अधिक स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा बनाए गए हैं, जो दुर्गम क्षेत्रों में स्थित 50 से अधिक वनधन विकास केन्द्रों में कार्यरत हैं। छत्तीसगढ़ हर्बल्स दीवाली मेला में इसके अतिरिक्त 11 अन्य स्व-सहायता समूहों और कृषक समितियों के 60 से अधिक उत्पाद भी प्रदर्शनी में शामिल है। मेला में लोगों की सेहत का ध्यान रखने के लिए परम्परागत वैद्य भी हैं। इस अवसर पर आदिवासी नृत्य समूह द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति भी दी जाएगी। मेले में अन्य आकर्षण बांस शिल्प, छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध झिटकू-मिटकी कला तथा हैण्डलूम उत्पाद के स्टाल भी हैं। इसके अलावा छत्तीसगढ़ के पारम्परिक व्यंजनों का स्वाद वहां गढ़कलेवा के स्टॉल में ले सकते हैं।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव वन  मनोज कुमार पिंगुआ, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख राकेश चतुर्वेदी, प्रबंध संचालक राज्य लघु वनोपज संघ  संजय शुक्ला, प्रधान मुख्य वन संरक्षक  पी.सी. पांडेय,  के.मुरूगन, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक  सुनील मिश्रा, अपर प्रबंध संचालक द्वय  एस.एस. बजाज एवं  आनंद बाबू आदि विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

HNS24 NEWS

RELATED ARTICLES
LEAVE A COMMENT