November 22, 2024
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रायपुर/12 अगस्त 2020। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता एवं सचिव विकास तिवारी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ डॉ. मोहन भागवत के आगामी दो दिवसीय छत्तीसगढ़ राज्य के दौरे के पूर्व गंभीर प्रश्न उठाते हुये राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एवं सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत से सवाल पूछते हुये कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य जो मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का ननिहाल है और उनकी माता कौशल्या का मायका है। वहां से अयोध्या में राम मंदिर की भूमि पूजन में धर्माचार्यो को नहीं बुलाना जिसमें सतनामी के संस्थापक गुरु घासीदास बाबा के वंशज, दामाखेड़ा के कबीर साहेब के वंशज एवं वह आदिवासी समाज जो वनवास के समय भगवान राम के साथ थे और उनकी वन में मदद भी की थी और इकबाल अंसारी एवं फैज खान को बुलावा सहित प्रथम निमंत्रण भेजा था इस क्रोनोलॉजी को छत्तीसगढ़ राज्य की जनता संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत से समझना चाहती है। और उनसे जानना चाहती है कि राम मंदिर के भूमि पूजन के  पवित्र कार्य में माता कौशल्या के मायके को प्रतिनिधित्व प्रथम स्थान पर क्यो नही दिया?

कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने संघ प्रमुख मोहन भागवत से प्रश्न करते हुए कहा है कि संघ प्रमुख लगातार छत्तीसगढ़ राज्य का दौरा करते रहे हैं लगातार आते रहे हैं परंतु कभी भी एक शब्द मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की माता कौशल्या के जन्मभूमि के मंदिर की दुर्दशा पर कोई भी बयान नहीं दिए। कौशल्या माता का मंदिर राजधानी रायपुर के समीप चंदखुरी ग्राम में है जहां पर लगभग सालो-साल से माता के मंदिर के गर्भ गृह में ताला लगा कर रखा गया था और कौशल्या माता के भक्तों को मंदिर जाने की अनुमति नहीं दी जाती थी, यह जानकारी संघ प्रमुख मोहन भागवत सहित संघ के आला नेताओं को थी। बावजूद अयोध्या के राम मंदिर पर बड़े-बड़े व्याख्यान संगोष्ठी और कार्यक्रम आयोजित करने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेताओं की चुप्पी भगवान राम की माता के जन्मभूमि में उन सालो में तालाबंदी था जिस समय संघ समर्थित पूर्ववर्ती भाजपा की रमन सरकार थी उनका कार्यकाल था इस विषय पर भी संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत से प्रदेश देश और समूचे विश्व के राम भक्त जवाब चाहते हैं कि माता के सालों साल कारावास पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिंदू परिषद चुप्पी क्यों साध रखे थे?

कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने कहा कि संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत को प्रदेश की जनता को यह भी बताना चाहिए कि पिछले 15 सालों से संघ समर्थित और संघ के स्वयंसेवक पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह की सरकार थी उसके बावजूद भगवान श्री राम के वन पथ गमन के मार्गों को और उसमें आने वाले पवित्र स्थलों को क्यों नहीं उकेरा गया? किन कारणों से संघ समर्थित पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने प्रदेश के राम वन गमन को हाशिये में डाल कर रखा था? और वहीं दूसरी ओर अयोध्या के राम मंदिर के नाम पर चंदा लेने का कार्य संघ और भाजपा प्रदेश में कर रहे थे। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण जी इसी कौशल प्रदेश छत्तीसगढ़ राज्य में अपने वनवास का अधिकतम समय व्यतीत किए थे और यह भगवान श्री राम का ननिहाल भी है। प्रदेश की जनता और राम भक्त जानना चाहते हैं कि किन कारणों से 15 साल की रमन सरकार जिसे संघ और डॉ. मोहन भागवत का पूरा समर्थन प्राप्त था, उनके द्वारा कौशल्या माता के मंदिर की दुर्दशा तालेबंदी, कारावास और राम वन गमन के पावन स्थलों की दुर्दशा पर संघ प्रमुख की चुप्पी तोड़ने का अब सही वक्त आ गया है। उन्हें अपने छत्तीसगढ़ दौरे के समय इन सवालों का जवाब प्रदेश की जनता और समूचे विश्व के राम भक्तों को देनी चाहिए।

कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार एवं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा कौशल्या माता के मंदिर निर्माण हेतु लगभग 15 करोड़ और राम वन गमन को विकसित करने के लिए लगभग 140 करोड़ की घोषणा की गई है और उसको धरातल पर अमलीजामा पहनाने के लिए कार्य भी प्रारंभ हो चुका हैं। आने वाले वर्षों में कौशल प्रदेश छत्तीसगढ़ में इन तमाम निर्माण कार्यों के पूर्ण होने के पश्चात देश और विदेश के राम भक्त अपने आराध्य की माता कौशल्या के भव्य मंदिर का भी दर्शन कर सकेंगे और भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण जी के वनवास के समय में रुके हुए स्थलों और राम वनपथ गमन के पवित्र स्थानों का भी दर्शन लाभ ले सकेंगे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख डॉ मोहन भागवत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के इन पुनीत राम काज पर क्या कहेंगे और क्या उनके द्वारा मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की माता कौशल्या के सालो-साल के वनवास, राम वन गमन के पवित्र स्थानों का अपमान और उपेक्षा पर पूर्ववर्ती भाजपा की रमन सरकार के सनातन धर्म विरोधी कृतियों पर पश्चाताप करेंगे?

HNS24 NEWS

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