प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की सरकार में देश की अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ – संजय श्रीवास्तव
HNS24 NEWS February 10, 2024 0 COMMENTSरायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने भाजपा कार्यालय एकात्म परिसर में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था पर वित्त मंत्री जी द्वारा जारी किया गया श्वेत पत्र सच्चाई का वो आईना है जिससे कांग्रेस पार्टी के एक परिवार ने देश के सामने नहीं आने दिया था। उन्होंने कहा कि श्वेत पत्र इस बात की साक्षी है कि 2004 और 2014 के बीच की कांग्रेस की यूपीए सरकार की अवधि की तुलना में 2014 से 2024 तक आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की सरकार में देश की अर्थव्यवस्था में कैसे सुधार हुआ। यूपीए ने न केवल देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया, बल्कि यूं कहिये कि देश को लूटा।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने कहा कि श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी सरकार से एक स्वस्थ अर्थव्यवस्था विरासत में मिलने के बावजूद यूपीए ने देश की अर्थव्यवस्था को कैसे गैर-निष्पादित अर्थव्यवस्था में बदल दिया, इसकी जानकारी हमें इस श्वेत पत्र में मिलती है। कांग्रेस की यूपीए सरकार के दौरान देश की जो बदहाल आर्थिक स्थिति थी, उसका जिम्मेदार कहीं न कहीं उस वक्त सरकार का नेतृत्व कर रहे लोग भी थे। पीएम से लेकर सुपर पीएम तक। देश ने उस वक्त 2जी घोटाला देखा, कोयला घोटाला देखा, अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला देखा, सत्यम घोटाला देखा, ट्रक घोटाला देखा, कॉमनवेल्थ घोटाला देखा, कैश फॉर वोट घोटाला देखा, आदर्श घोटाला देखा, शारदा चिटफंट घोटाला देखा, आईएनएस मीडिया मामला देखा, एयरसेल-मैक्सिस घोटाला देखा, एंट्रिक्स-देवास घोटाला देखा, लैंड फॉर जॉब घोटाला देखा। 15 घोटाले कांग्रेस की यूपीए सरकार के दौरान 2004 से 2014 के कालखंड में हुए।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने कहा कि हमारी सरकार ने आने के साथ ही लोगों को अच्छे लगने वाले निर्णयों की जगह ऐसे निर्णय लिए जो लोगों के लिए अच्छे हों। इसका हमने प्रतिफल भी देखा। हमने देखा कि शौचालय बनने से भी देश की जीडीपी बढ़ सकती है, लोगों के लिए घर बनाने से भी देश की जीडीपी बढ़ सकती है, घर में बिजली, पानी, गैस कनेक्शन, आयुष्मान कार्ड देने से भी देश की आर्थिक विकास दर में इजाफा हो सकता है। तब देश ने 2जी घोटाला देखा अब, हमारे पास सबसे कम दरों के साथ 4जी के तहत आबादी का व्यापक कवरेज है और 2023 में दुनिया में 5जी का सबसे तेज रोलआउट है। उस वक्त हमारे पास नीति-पक्षाघात था बुनियादी ढाँचा प्राथमिकता नहीं थी, अब, निवेश, विकास, रोजगार और उद्यमिता, और बचत के पुण्य चक्र के पहिये, जिससे अधिक निवेश और उत्पादकता हो, शुरू हो गया है। यूपीए शासन में भारत में दोहरे अंक में मुद्रास्फीति थी, अब मुद्रास्फीति को 5 प्रतिशत से थोड़ा अधिक पर लाया गया है।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने कहा कि तब की तुलना में बजटीय पूंजीगत व्यय वित्त वर्ष 2014 से वित्त वर्ष 24 (आरई) तक पांच गुना से अधिक बढ़ गया है बिना इसके बेसिक स्ट्रक्चर में फेरबदल किये बिना। एफडीआई यानी फस्र्ट डेवलप इंडिया। 2014-23 के दौरान 596 अरब डॉलर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आया। यह 2005-2014 के दौरान आए एफडीआई से दोगुना था। हम विदेशी पार्टनर्स से बाइलैट्रल इनवेस्टमेंट ट्रीटी (द्विपक्षीय निवेश के लिए समझौता) कर रहे हैं। बेलगाम राजकोषीय घाटे ने देश की अर्थव्यवस्था को एक आर्थिक संकट की ओर ढकेल दिया। अपने राजकोषीय कुप्रंधन की वजह से यूपीए सरकार का राजकोषीय घाटा अंत में अपेक्षा से कहीं ज्यादा हो गया, और बाद में यह 2011-12 में अपने बजट की तुलना में बाजार से 27 प्रतिशत अधिक उधार लेने लगी। आज राजकोषीय घाटे को हम तमाम चुनौतियों के बावजूद 5 प्रतिशत के आसपास रखने में सफल हुए हैं।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने कहा कि 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के बाद वित्त वर्ष 2009 और वित्त वर्ष 2014 के बीच छह वर्षों के लिए उच्च राजकोषीय घाटे ने सामान्य और गरीब परिवारों पर दुखों का अंबार लगा दिया। 2009 से 2014 के बीच महंगाई चरम पर रही और इसका खामियाजा आम आदमी को भुगतना पड़ा। यूपीए सरकार में, विदेशी मुद्रा भंडार जुलाई 2011 में लगभग 294 बिलियन अमेरिकी डॉलर से घटकर अगस्त 2013 में लगभग 256 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गई थी। आज हमारा विदेशी मुद्रा भंडार लगातार 600 अरब डॉलर से अधिक बना हुआ है। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के तहत निराशाजनक निवेश माहौल के कारण घरेलू निवेशक विदेश जाने लगे। यूपीए सरकार में बार-बार नेतृत्व का संकट पैदा होता रहा। सरकार द्वारा जारी एक अध्यादेश को सार्वजनिक रूप से फाड़ने की शर्मनाक घटना सामने आई। यह तो स्पष्ट है कि मनमोहन सिंह सरकार के दस साल का कार्यकाल आर्थिक कुप्रबंधन, वित्तीय अनुशासनहीनता और भ्रष्टाचार का कालखंड था। तब हमने खराब स्थिति पर श्वेत पत्र लाने से परहेज किया। अगर तब ऐसा किया होता तो निवेशकों समेत कई लोगों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता और इससे आर्थिक व्यवस्था पर असर पड़ता।
इस दौरान प्रेसवार्ता में प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी ,उमेश घोरमोड़े मौजूद रहे।
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