November 22, 2024
  • 5:07 pm मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय 23 नवम्बर को बिलासपुर में 143 करोड़ की लागत के विकास कार्यों का करेंगे लोकार्पण
  • 1:16 pm सभी जनप्रतिनिधियों और किसानों को सहकारिता से जोड़ा जाए – केदार कश्यप
  • 1:13 pm मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ सीमेंट ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा आयोजित दीपावली मिलन समारोह में हुए शामिल
  • 12:37 pm सुकमा जिले में आज सुबह सुरक्षाबलों ने एक बड़ी कार्रवाई में 10 नक्सलियों को मार गिराया
  • 6:28 am मुख्यमंत्री ने सपरिवार देखी ‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म

रायपुर, 02 अक्टूबर 2023/ मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने आज यहाँ अपने निवास कार्यालय में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय  लाल बहादुर शास्त्री और शायर हाजी हसन अली की जयंती पर उनके छायाचित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया । इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन भी उपस्थित थे ।

मुख्यमंत्री  बघेल ने महात्मा गांधी के देश के लिए अमूल्य योगदान को याद करते हुए कहा कि गांधी जी ने भारत में स्वाधीनता आंदोलन को नई दिशा दी। उन्होंने सत्य, प्रेम और अहिंसा का मार्ग अपनाकर पूरे विश्व के सामने मिसाल कायम की। उन्होंने देश में जिस ग्राम स्वराज की कल्पना की थी, छत्तीसगढ़ सरकार उसे पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

मुख्यमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री लाल बहादुर शास्त्री को स्मरण करते हुए कहा कि शास्त्री  ने सादगी से जीवन जिया और अपना पूरा जीवन गरीबों की सेवा में अर्पित कर दिया। वास्तव में वे सच्चे गांधीवादी थे। उन्होंने भारतीय स्वाधीनता संग्राम में उनका महत्वपूर्ण योगदान था। उन्होंने वर्ष 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के समय देश को कुशल नेतृत्व प्रदान किया और ‘जय जवान-जय किसान’ का नारा देकर जनता का मनोबल बढ़ाया, जिससे सारा देश एकजुट हो गया।  बघेल ने कहा कि शास्त्री जी जैसे कर्मयोगी सदा लोगों को प्रेरित करते रहेंगे।

मुख्यमंत्री ने  हसन के उर्दू भाषा के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान को याद करते हुए कहा है कि  हाजी हसन अली ‘हसन‘ ने उर्दू भाषा को जनप्रिय बनाने के लिए कई काम किए।  हाजी हसन ने हिन्दी से उर्दू पढ़ना-लिखना सीखने के लिए कई किताबें लिखी, इससे दोनों भाषाओं को सीखने और समझने में रूचि रखने वालों को आसानी हुई है। राज्य सरकार ने उनके सम्मान में राज्य अलंकरण की स्थापना की है। श्री बघेल ने कहा है कि उनका साहित्य उर्दू भाषा को जानने और जनसामान्य में प्रचलित करने के लिए हमेशा रौशनी देता रहेगा।

HNS24 NEWS

RELATED ARTICLES
LEAVE A COMMENT