November 22, 2024
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रायपुर/19/03/2023/साधु संतों पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की आपत्तिजनक टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए छत्तीसगढ़ के पूर्व धर्मस्व मंत्री एवं रायपुर दक्षिण विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल धर्म विरुद्ध आचरण कर रहे हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का यह कहना कि “बीजेपी समर्थित साधु संत जनता को गुमराह कर रहे हैं” यह उनकी हताशा और सनातन धर्म के प्रति उनकी सोच प्रदर्शित करता है।

वैसे भी उनकी कांग्रेस पार्टी ने हमेशा ही हिंदू धर्म का अपमान किया है। जिस पार्टी ने प्रभु राम को काल्पनिक कहा हो उस पार्टी के नेताओं से सनातन धर्म के साधु-संतों के लिए अच्छी भाषा की उम्मीद हमें नहीं है।
मुख्यमंत्री को यह समझना चाहिए कि साधु संत किसी राजनीतिक दल के नहीं वे धर्म के होते हैं, समाज के होते हैं, देश के होते हैं। उनका पूरा जीवन सनातन धर्म की समृद्धि और रक्षा के लिए होता है। ऐसे में उनकी यह टिप्पणी देशभर के साधु संतों और महात्माओं का अपमान है।

रावण भाटा मैदान रायपुर में आयोजित हिंदू संकल्प धर्म सभा को लेकर उन्होंने कहा की संत पूरे देश में धर्म जागरण का कार्य करते हैं। हिंदू समाज का मार्गदर्शन करते हैं। ऐसे में भूपेश बघेल विचलित क्यों हो रहे हैं समझ से परे है? छत्तीसगढ़ माता कौशल्या की जन्मभूमि है, प्रभुराम का ननिहाल है। सनातन धर्म के आदर्श प्रभु राम है। उनका नाम लेने के लिए और धर्म जागरण करने के लिए देश भर के संत अगर निकले हुए तो उससे उन्हें परेशानी क्यों हैं।
आज छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण हो रहा है। आदिवासियों को,गरीब लोगों को लालच देकर फसाया जा रहा है। यहां धर्म संस्कृति को नष्ट करने का प्रयास हो रहा है। छत्तीसगढ़ जैसे शांत प्रदेश को धर्मांतरण के माध्यम से अशांत करने की कोशिश हो रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनकी पूरी सरकार यह रोकने में नाकाम साबित हो रही है ऐसे में हिंदू राष्ट्र के संकल्प के साथ,धर्म की रक्षा के लिए संत निकले हैं तो मुख्यमंत्री जी परेशान हैं। यह कार्य संत हमेशा करते आए हैं।
बृजमोहन ने कहा सनातन धर्म के लिए अयोध्या में प्रभु राम के मंदिर बनाने के लिए, काशी विश्वनाथ की मुक्ति के लिए,मथुरा के मुक्ति के लिए लाखों संतो ने अपना बलिदान दिया है। आहुति दी है। आज अयोध्या में प्रभु राम मंदिर निर्माण का उनका हमारा सपना पूरा हो रहा है।
परंतु यहा उनके राज में छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के माध्यम राष्ट्रांतरण की कोशिश हो रही है।
उन्होंने कहा की संत छत्तीसगढ़ में घूम रहे हैं तो उनको घबराने की जरूरत क्या है। वो कहते है कौशल्या माता की जन्म भूमि को बना रहे हैं। अगर वो खुद को रामभक्त मानते हैं तो यहां आकर माता कौशल्या की भूमि में पधारे संतों का स्वागत करना चाहिए।

HNS24 NEWS

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