November 22, 2024
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रायपुर। टी एस सिंहदेव के पत्र वीके बाद छ ग के सियासत गरमाई,कैबिनेट मंत्री टीएस सिंहदेव को लेकर अब कांग्रेस में ही खींचतान बढ़ गई है। विधायक दल की बैठक में रविवार को  सिंहदेव द्वारा सरकार पर आरोप लगाने वाला सार्वजनिक करने के लिए उन पर कार्रवाई की मांग की गई है। कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बाद 61 विधायकों ने एक पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं।नगरीय निकाय मंत्री शिव डहरिया ने कहा कि इसमें बैठक में शामिल सभी 10 मंत्रियों और विधायकों के भी हस्ताक्षर हैं। प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने कहा, टीएस सिंहदेव ने मुख्यमंत्री को जो पत्र लिखा, उसे सार्वजनिक नहीं करना था। इसे आलाकमान के समक्ष रखेंगे। इधर  सिंहदेव ने कहा कि मैंने भी अपना पक्ष रखने के लिए आलाकमान से समय मांगा है। मंत्री टीएस सिंहदेव ने पंचायत विभाग से इस्तीफे के बाद कहा कि मैं अगर किसी विभाग का मंत्री हूं और बड़ी जिम्मेदारी मिलने के बाद कार्य अच्छा नहीं हो पा रहा है, तो शायद मैं पीछे ही रहूं तो बेहतर है। कुछ प्रस्ताव भी थे जो पूरे नहीं हो पा रहे थे। शायद मैं उस विभाग में मंत्री के तौर पर कारगर नहीं हो पा रहा था। जनप्रतिनिधि भी नाखूश थे। इन सभी कारणों से मैंने विभाग छोड़ने का निर्णय लिया।

विधानसभा परिसर में पत्रकारों से चर्चा में विधायक दल की बैठक में उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग संबंधी सवाल पर मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा, सभी अनुभवी विधायक हैं। लंबे समय से राजनीतिक जीवन में हैं। उनका अपना दृष्टिकोण है। अगर उनको लगता है कि यह अनुशासनहीनता है तो उनको स्वतंत्रता है अपनी राय रखने की। मैंने उस पत्र के माध्यम से बस अपनी मंशा सामने रखी थी। गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर सीनियर ऑब्जर्वर अशोक गहलोत ने 20 जुलाई को अहमदाबाद में बैठक का समय तय किया है। उनका मामला आने से पहले ही वे दिल्ली होकर अहमदाबाद जाने का कार्यक्रम बना चुके थे। अब कोई नेता दिल्ली जाता है ताे हाईकमान से मिलने का समय मांगता ही है। मैंने भी मांगा है। समय मिला तो सभी मुद्दों पर बात होगी। सिंहदेव ने कहा, वे 21 को भी शायद न लौट पाएं। उस दिन विधानसभा में उनके विभागों से जुड़े प्रश्न होने हैं। अगर नहीं आ पाऊंगा तो किसी साथी मंत्री से निवेदन कर लूंगा कि उनके विभागों के प्रश्नों का जवाब दे दें। 22 जुलाई को विधानसभा की कार्रवाई शामिल होने पहुंच जाएंगे।
केंद्रीय मंत्री ने भी उठाए थे सवाल
मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा, पिछले दिनों केंद्रीय पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह छत्तीसगढ़ के दौरे पर आए थे। अपने दौरे की शुरुआत में ही उन्होंने शायद यह टिप्पणी की थी कि छत्तीसगढ़ प्रधानमंत्री आवास और रोजगार गारंटी में खराब काम कर रहा है। उस बात को भी मैंने अपने ऊपर लिया। मैं अगर मंत्री हूं तो विभाग के खराब काम का पहला दायित्व मेरा है। यह बात थी कि मैं उस विभाग में न रहूं तो शायद बेहतर काम हो। कुछ प्रस्ताव थे, जो नहीं हो पा रहे थे तो शायद उस विभाग में मंत्री के रूप में मैं कारगर नहीं हो पा रहा था।
पत्र लिखने से पहले मुख्यमंत्री को किया था फोन
टीएस सिंहदेव ने बताया, इस्तीफे का पत्र लिखने से दो दिन पहले उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से फोन पर बात की थी। उनको अपना पक्ष बताया। पत्र लिखने से पहले भी उनको फोन किया। घंटी बजी, लेकिन बात नहीं हो पाई। शायद उनकी कहीं अन्यत्र व्यस्तता थी। पुनियाजी को भी फोन किया था। उस दिन पीसीसी की बैठक थी तो उनका भी फोन नहीं उठा। बाद में उन्होंने फोन किया था, तब उनको पूरी बात बताई। उन्होंने कहा, इस पर बात करते हैं। आज भी मैं वोट डालकर आ रहा था, मुख्यमंत्रीजी वोट डालने जा रहे थे। मुलाकात हुई, दुआ-सलाम भी हुआ।
रेलवे स्टेशन में स्वागत, पहुंचे समर्थक

पंचायत विभाग से इस्तीफे का पत्र मुख्यमंत्री को लिखने के बाद पहली टीएस सिंहदेव सोमवार को रायपुर पहुंचे। उनकी ट्रेन पहुंचने से पहले ही समर्थक रेलवे स्टेशन पहुंच चुके थे। सभी ने वहां  सिंहदेव का स्वागत किया। इस दौरान  सिंहदेव और कांग्रेस पार्टी के समर्थन में नारेबाजी हुई। समर्थकों के साथ  सिंहदेव का काफिला सिविल लाइंस स्थित उनके सरकारी निवास पहुंचा।

HNS24 NEWS

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