किसानों को लाठी और आंसू गैस : तालिबानियों से बात मोदी सरकार का असली चेहरा बेनकाब
HNS24 NEWS September 1, 2021 0 COMMENTSरायपुर/01 सितंबर 2021। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि मोदी सरकार को तालिबान से बात करना कूबूल है लेकिन 9 माह से दिल्ली बॉर्डर में आंदोलनरत किसानों से नहीं। भूपेश बघेल सरकार और मोदी सरकार का अंतर स्पष्ट है। मोदी सरकार किसान विरोधी, गरीब विरोधी और भ्रष्ट है। छत्तीसगढ़ सरकार किसानों को लगातार राहत देने वाले फैसले कर रही है। वहीं केन्द्र की मोदी सरकार ने 2022 में किसानों को आय दुगुना करना तो दूर कृषि उपकरण टीकाकरण दवाईया, रासायनिक खाद डीजल के मूल्य में बेतहाशा वृद्धि कर दी है। धान के समर्थन मूल्य में केन्द्र सरकार ने मामूली वृद्धि की है, जो ऊंट के मुंह में जीरा के समान है। किसानों की आय दुगुनी करना तो दूर, मोदी सरकार पेट्रोल-डीजल, खाद महंगा कर किसानों के जेब से पैसे निकालने का काम कर रही है। स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों को लागू करने का मोदी सरकार का भी झूठा साबित हुआ।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि इसके ठीक विपरीत अकाल की स्थिति होने पर भी किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना की 9000 रू. प्रति एकड़ की राशि देने का मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ऐतिहासिक फैसला लिया है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना की यह राशि चार किस्तों में किसानों को मिलेगी। अकाल की स्थिति होने पर भी किसानों को 9 हजार रू. प्रति एकड़ राजीव गांधी किसान न्याय योजना की राशि देने की घोषणा से एक बार फिर साबित हो गया कि हर स्थिति में छत्तीसगढ़ कांग्रेस सरकार किसानों के साथ खड़ी है।
कांग्रेस सरकार द्वारा अकाल की स्थिति में भी किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना की प्रति एकड़ 9 हजार रू. की राशि देने की घोषणा करके ग्रामीणों के स्वावलबन और किसानों को आर्थिक स्थिति को मजबूती प्रदान करने एक और मजबूत कदम बढ़ाया है। इस निर्णय से एक बार फिर साबित हो गया कि भूपेश बघेल है तो भरोसा है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि अब स्पष्ट हो गया है कि भाजपा किसानों के हमदर्द बनने का झूठा खोखला दावा करती है। सच यह है कि भाजपा सरकार ने 9 माह से दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे। किसानों की मांग पूरा करना तो दूर उनसे अभी तक ठीक से बात तक नहीं की है। बहुत से किसान इस आंदोलन के चलते शहीद हो गये। केन्द्र सरकार की ओर से न तो उन्हें श्रद्धांजलि दी गई न किसानों के परिजनों से मिलकर संवेदना व्यक्त की गई है। तालिबान की अफगानिस्तान में सरकार भी अभी ठीक से नहीं बनी है। मोदी सरकार को तालिबान से बात करने की इतनी जल्दी है कि सरकार का ढ़ाचा बने और तालिबान सरकार की नीति स्पष्ट हुये बिना अनौपचारिक ही नहीं औपचारिक बात भी शुरू कर दी है।
अगस्त 2015 में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि गुड तालिबान और बैड तालिबान अब में चलने वाला नहीं है। हर किसी को यह तय करने पड़ेगा की वह आंतकवादियों के साथ है या मानवता के साथ है। अगस्त 2015 को अभी 6 साल भी नहीं बीते है और अगस्त 2021 में अब तालिबान को गुड तालिबान और बैड तालिबान की परिभाषा देकर जो कुचक मोदी सरकार ने शुरू किया है उसे देश समझ भी रहा है और उससे असहमत है। अब मोदी सरकार को यह फैसला लेने का समय आ गया है कि यह मानवता के साथ है या आतंकवादियों के साथ है।
कतर में भारत के राजदूत दीपक मित्तल ने दोहा में तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के प्रमुख शेर मोहम्मद अब्बास स्तनेकजेई से औपचारिक मुलाकात कर ली है। अमेरिका के दबाव में आकर मोदी सरकार पहले ही तालिबान से अनौपचारिक चर्चा कर ही रही थी।
तालिबान के नाम से देश के मुसलमान भाईयों के खिलाफ जहर फैलाने वाली भाजपा की सरकार का यह दोहरा चरित्र है। जबकि खुद विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा था कि हाथ में हथियार लेकर राज करने वालों के संग हम बात नहीं कर सकते। खुद तालिबान से गलबहियां कर रही भाजपा की सरकार की वास्तविकता अब स्पष्ट हो गयी है। यह अब तक तालिबान का नाम का उपयोग नफरत फैलाने के लिये करते थे, लेकिन हकीकत में इनको तालिबान से कोई परहेज नहीं है।
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