रायपुर 18 मई 2022, शेयर मार्केट में ऑनलाईन निवेश के नाम पर ठगी करने वाले को राज्य सायबर पुलिस थाना द्वारा गिरफ्तार किया गया। शेयर मार्केट में ऑनलाईन निवेश के नाम पर ठगी करने वाली कंपनी के डायरेक्टर की गिरफ्तारी करने में राज्य सायबर पुलिस थाना को मिली सफलता। आरोपियों द्वारा व्हाटसएप के माध्यम से स्वयं को सिंगापुर की एक फाइनेसियल कंपनी , जिसकी भारत में भी एक शाखा है, का आर्थिक विश्लेषक (फाइनेसियल एनालिस्ट) बताकर दोस्ती की गई एवं ट्रेडिंग एकाउंट खोलने का लिंक भेजकर लिंक में रजिस्टर्ड होकर इन्वेस्टमेंट करने पर म्युचुअल फण्ड से ज्यादा रिर्टन का भरोसा दिलाकर कुल 87 लाख रूपये की धोखाधडी की गई। जब प्रार्थी को यह विश्वास हो गया की वह सायबर ठगी का शिकार हो गया है तब उसने श्रीमान अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक तकनीकी सेवायें के समक्ष प्रस्तुत होकर शिकायत की जिस पर संज्ञान लेते हुये प्रार्थी के लिखित आवेदन पर दिनांक 26.10.2021 को राज्य साइबर पुलिस थाना में अपराध धारा 420 भादवि एवं 66 ( डी ) सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया। श्रीमान पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा के मार्गदर्शन एवं श्रीमान अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक तकनीकी सेवायें प्रदीप गुप्ता के निर्देशन में राज्य साइबर पुलिस थाना की टीम गठित की गई जिसमें प्रकरण के सायबर एनालिसिस पर प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर टीम को मामले की विवेचना हेतु दीगर राज्य महाराष्ट्र एवं कर्नाटक रवाना किया गया। विवेचनाक्रम में यह पता चला कि क्रियेटीव टेक्नालॉजी कंपनी के साथ ही अन्य कई कंपनी ठगी के उद्देश्य से खोली गई जो कि Registrar of companies (ROC) में रजिस्टर्ड करायी गई थी। रजिस्ट्रार आफ कंपनी से जानकारी प्राप्त करने पर इस तरह की अन्य कंपनी की जानकारी प्राप्त हुई जिसमें Ministry of Home Affairs (MHA) द्वारा पूर्व में उपरोक्त कंपनियों पर कार्यवाही हेतु रजिस्ट्रार आफ कंपनी को निर्देशित किया गया था। गिरफ्तार कंपनी के डायरेक्टर मोहसिन एन द्वारा बताया गया कि उसने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर क्रियेटीव टेक्नालॉजी व अन्य कंपनी को विदेशी नागरिक के साथ मिलकर रजिस्टर करवाया था। जिसे विधिवत् गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमाण्ड पर रायपुर लाया गया। अपराध में विदेशी नागरिकों कि संलिपत्ता पायी गई है, अपराध में शामिल अन्य आरोपियों के संबंध में पतासाजी जारी है। दस्तावेज के आधार पर आरोपी द्वारा विभिन्न तिथियों को जिन खाता नंबरो में सम्पूर्ण धोखाधड़ी की राशि जमा कराई गई थी उक्त खातों के बैंक स्टेटमेंट के आधार पर धोखाधड़ी की राशि जिस खातों में ट्रांसफर करायी गयी थी उन खातों की जानकारी लेकर कुल 96 लाख रू. डेबिट फ्रीज कराये गये। इस प्रकरण में राज्य सायबर पुलिस थाना प्रभारी निरीक्षक निशीथ अग्रवाल, उप निरीक्षक अपराजिता सिंह, प्रधान आरक्षक संदीप झा, नरेन्द्र साहू, आरक्षक भुनेश्वर साहू, म. आरक्षक रूबिना बानो की महत्वपुर्ण भूमिका रही ।
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