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रायपुर, 16 मार्च 2022/स्कूल शिक्षा विभाग का अंगना म शिक्षा कार्यक्रम किसी परिचय का मोहताज नहीं है। इस कार्यक्रम को गत वर्ष पूरे राज्य की सभी महिला शिक्षकों द्वारा बढ़-चढ़कर इस में सहभागिता की गई एवं मेले का आयोजन कर छोटे बच्चों की माताओं को गतिविधियां कराते हुए घर के संसाधनों से ही सिखाने की शुरुआत की गई। इस कार्यक्रम को न केवल राज्य स्तर पर, अपितु राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है। नवीन सत्र प्रारंभ होने से पहले पुनः अंगना में शिक्षा 2.0 की शुरुआत की गई है। रायपुर जिले के धरसीवा विकासखंड के शासकीय प्राथमिक शाला जरवाय से इसकी शुरुआत की गई है जिसमें जरवाय गांव की 50 माताएं मेले के माध्यम से अपने बच्चों का परीक्षण कर पाई एवं सपोर्ट कार्ड के माध्यम से उनकी गति को अंकित कर पाई। इस वर्ष अंगना में शिक्षा 2.0 के अंतर्गत स्मार्ट माता का चयन प्रत्येक गांव से किया जाएगा, जिसके अंतर्गत जरवाय गांव की सबसे एक्टिव महिला श्रीमती इंदिरा सूर्यवंशी को स्मार्ट माता के रूप में चुना गया। उन्हें राज्य परियोजना कार्यालय के अतिरिक्त मिशन संचालक श्री के.सी काबरा द्वारा सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के सभी संभाग से दो-दो महिला शिक्षिकाएं नेतृत्व करते हुए उपस्थित थी।

स्मार्ट माता के चयन का आधार समुदाय में उनकी पहुंच, प्रभाव, महिलाओं के मध्य उनकी साख, उनका नेतृत्व कौशल एवं उनके पास या परिवार में स्मार्ट फोन का होना है। स्मार्ट माताओं की जिम्मेदारी होगी कि वे अपने समुदाय से अन्य माताओं को संगठित रखेंगी और उन्हें नियमित रूप से बच्चों को घर पर सिखाने हेतु प्रेरित करने के साथ-साथ संबंधित शाला के शिक्षिकाओं को चल रही स्थितियों के नियमित रूप से अवगत करवाने एवं फीडबैक देने का कार्य कर सकेंगी। स्मार्ट माताओं एवं अन्य सभी माताओं जिनके पास स्मार्ट फोन हैं उन्हें राज्य द्वारा संचालित अंगना म शिक्षा टेलीग्राम ग्रुप में जोड़ा गया। स्मार्ट माता के रूप में चयनित श्रीमती इंदिरा सूर्यवंशी द्वारा इस अवसर पर चयनित होनेपर असीम खुशी महसूस की और कार्यक्रम में जुड़कर बच्चों को लगातार सीखने हेतु सभी माताओं को जोड़कर सक्रिय रखने का प्रण लिया गया। जरवाय गाँव से बड़ी संख्या में उपस्थित ग्रामवासी एवं शाला प्रबन्धन समिति के सदस्यों ने राज्य के पहले मेले के आयोजन का अवसर उनके गाँव को मिलने पर अपने आपको बहुत गौरवान्वित महसूस किया।

अंगना म शिक्षा 2.0 की दूसरी पारी की शुरुआत राज्य स्तर पर दिनांक 14-15 मार्च को समग्र शिक्षा राज्य परियोजना कार्यालय के तत्वावधान में किया गया। इस अवसर पर राज्य कोर ग्रुप में सभी पाँचों संभाग से दस शिक्षकाओं ने सहभागिता देते हुए कार्यक्रम की रूपरेखा एवं मेले का आयोजन कर इसकी शुरुआत की। राज्य में इस दूसरी पारी का पहला मेला रायपुर के जरवाय प्राथमिक शाला में प्रधान पाठक श्री त्रिपाठी एवं उनके शिक्षकों, शाला प्रबन्धन समिति के सहयोग से शुरू हुआ। इस मेले में जरवाय गाँव में संचालित आंगनबाडी शिक्षिकाएं एवं 50 माताओं ने अपने 50 बच्चों के साथ प्रत्येक काउंटर की गतिविधियों को सीखा और अलग से प्रत्येक गतिविधि के घर पर आयोजन हेतु प्रशिक्षण भी लिया।

राज्य में कक्षा दूसरी तक पढ़ने वाले अर्थात सात आयु वर्ग तक के बच्चों को घर पर सीखने में सहयोग देने हेतु महिला शिक्षिकाओं की पहल पर अंगना म शिक्षा कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में तकनीकी सहयोग प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन की ओर से किया जा रहा है। इसमें सभी शालाओं से जुड़े स्थानीय बसाहटों में ऐसे बच्चों की माताओं को एक मेले का आयोजन कर आमंत्रित किया जाता है। मेले में माताएं अपने छोटे बच्चों को साथ लेकर आती हैं। आसपास की शालाओं की महिला शिक्षिकाएं अपने साथ कुछ महिला स्वयंसेवकों को लेकर मेले में नौ अलग अलग काउंटर तैयार कर बच्चों को उनकी माताओं के साथ उनके दक्षता परीक्षण एवं अभ्यास हेतु अवसर प्रदान करती हैं। इन काउंटर में विभिन्न गतिविधियाँ जैसे अनुमान लगाना, कागज़ के खिलौने बनाना, चित्रों पर चर्चा, कूदना, पढ़ना, अंक पहचान, गिनती, जोड़-घटाना, वर्गीकरण जैसे विभिन्न दक्षताओं की पहचान कर उन्हें सपोर्ट कार्ड में अपने बच्चे की विभिन्न दक्षताओं में सही सही स्थिति को अंकित कर स्वयं हस्ताक्षर करने का अवसर प्रदान किया जाता है। आगामी सत्र में माताएं इन सपोर्ट कार्ड पर बच्चे की स्थिति का अंकन कर अपने बच्चे के स्कूल में उसके शिक्षक को देते हुए यह प्रमाणित करेंगी कि उन्होंने घर पर अपने बच्चे को इतना कुछ सिखा दिया है।

कार्यक्रम में राज्य परियोजना कार्यालय के सहायक संचालक डॉ. एम. सुधीश भी उपस्थित थे। कार्यक्रम में जरबाय शाला के प्रधान पाठक कांति त्रिपाठी, संकुल समन्वयक फिरोज खान एवं शाला विकास समिति के अध्यक्ष एवं सभी सदस्य उपस्थित थे।

HNS24 NEWS

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