रायपुर/21 जून 2021। बेलगाम महंगाई पर छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वंदना राजपूत ने कहा कि महंगाई पर आज चुप मोदी मंडली कभी नौटंकी करती थी..। यूपीए सरकार के समय एलपीजी के दाम 300 रुपये के आसपास रहे और 10-11 रुपये बढ़ने पर भी स्मृति ईरानी समेत सभी भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को गुस्सा आता था, आज एलपीजी 900 रुपये के आसपास है, महंगाई डायन के रूप विकराल होता जा रहा है, लेकिन भाजपा नेताओं को गुस्सा आने की जगह अब शायद दिल मे ठंडक महसूस होती है। खाने के तेल में लगी है आग। मोदी जी 7 साल में आपने एक वादा को पूरा किया ना खाने दूंगा। आज हर वर्ग परेशान है, कोरोना महामारी से यदि वह बच जाता है तो महंगाई से मर रहा है प्रतिदिन महंगाई की आग से आम जनता जल रही है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वंदना राजपूत ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को बेलगाम महंगाई नजर नहीं आता, बेरोजगारी नजर नहीं आता महंगाई ने देश में हाहाकार मचा रखा है जिसे ना प्रधानमंत्री जी, ना राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ रमन सिंह को, ना सरोज पांडे को भारतीय जनता पार्टी के किसी भी नेता को दिखाई नहीं दे रहा है। लगातार बढ़ती हुई महंगाई पर मौन?
कोरोना के प्रकोप से परेशान जनता को बढ़ती महंगाई ज्यादा सता रही है। कोरोना के चलते लोगों के काम ठप हो गया बढ़ती महंगाई ने आग में घी डालने का काम किया है सरसों का तेल 90 रूपये से बढ़कर 200 रूपये लीटर पार हो रहा है, रिफाइंड तेल के दामों में भी आग लगा हुआ है। महंगाई ने रसोई का बजट बिगाड़ रखा है अभी आम का सीजन है हर घर में आम का आचार बनाया जाता है आचार बनाने के लिये सरसों के तेल का उपयोग किया जाता है लेकिन वर्तमान में सरसों तेल 200 रूपये लीटर होने के कारण महिलाओं का बजट गड़बड़ हो गया है। आम जनता समझ चुकी है कि मोदी सरकार में तो चटनी भी नसीब नहीं।
मोदी जी को 100 दिन मे महंगाई कम करने का संकल्प याद दिलाते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वंदना राजपूत ने कहा कि सत्ता का बागडोर 7 साल से आपके हाथ में है सात वर्षों में महंगाई को नियंत्रण करने में बीजेपी सरकार असफल रही, बल्कि हर दैनिक जीवन के आवश्यक वस्तुओं के दाम दुगुने, ढाई गुने हो गये है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों मे कमी होने के बावजूद देश में शतक से अधिक प्रति लीटर पेट्रोल लेने में जनता विवश है। डीजल के दाम भी आसमान छू रहे है। एक समय में पेट्रोल और डीजल की कीमतों मे अंतर काफी रहता था, लेकिन आज ये हालत है कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में अंतर बहुत कम हो गया है। महामारी के मार पेट्रोल-डीजल शतक के पार। पेट्रोलियम एवं खाद्य पदार्थों के बढ़ती महंगाई को रोकने के लिये केन्द्र सरकार के पास कोई भी नीति नहीं है। जिसके चलते महंगाई आसमान छू रही है जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है।