रायपुर/1जनवरी 2023 कांग्रेस आरक्षण संशोधन विधेयक पर भाजपा की अवसरवादी राजनीति को बेनकाब करने 3 जनवरी को जन अधिकार महारैली राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में निकालेगी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि जन अधिकार महारैली में प्रदेश भर से सर्वसमाज के एक लाख से अधिक लोग आयेंगे। भारतीय जनता पार्टी राजभवन की आड़ में राजनीति कर रही है। आरक्षण संशोधन विधेयक में विलंब भाजपा का साफ षडयंत्र लग रहा है।भाजपा के षड्यंत्र कारी कदम के विरोध में जनता मुखर हो रही भाजपा का प्रदेश व्यापी विरोध स्वफूर्त हो कर जनता खुद कर रही है भाजपा के खिलाफ पुतला दहन ,पोस्टर लगा रैलियां निकाल कर पोस्ट कार्ड भेज कर लोग विरोध कर रहे हैं। विधानसभा में पारित होने के बाद विधेयक राजभवन हस्ताक्षर होने गया है। वहां क्यो रूका है? किसके कहने पर रुका है? यह स्पष्ट हो चुका है कि यह सब किया धरा भाजपा का है। लोगों के अधिकारों पर राजनीति होरही है कांग्रेस चुप नहीं रहेगी। जनाधिकार रैली में जनता को हकीकत बतायेंगे। भाजपा को बेनकाब करेंगे।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि सरकार ने सभी संवैधानिक पहलुओं की पड़ताल करके उसका तथ्यात्मक निराकरण करके आरक्षण संशोधन विधेयक बनाया है। जिसे विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित किया गया। इस पर राज्यपाल को अविलंब हस्ताक्षर करना चाहिये। अनावश्यक विलंब करने से हर वर्ग को नुकसान हो रहा सभी के हित में यह जरूरी है कि राजभवन विधेयक पर तत्काल निर्णय ले। कांग्रेस सरकार ने वर्तमान विधेयक को बनाने के ठोस आधारों का अध्ययन किया है। कांग्रेस ने सर्व समाज को आरक्षण देने अपना काम पूरी ईमानदारी से करके सभी वर्गो के लिये आरक्षण का प्रावधान किया है। अनुसूचित जन जाति, अनुसूचित जाति को उनकी जनगणना के आधार पर तथा पिछड़ा वर्ग को क्वांटी फायबल डाटा आयोग की रिपोर्ट के आधार पर आरक्षण का प्रावधान किया। इस विधेयक में अनुसूचित जनजाति के लिये 32 प्रतिशत, अनुसूचित जाति के लिये 13 प्रतिशत तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के लिये 27 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है। आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के लोगो को भी 4 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है। 72 प्रतिशत का आरक्षण सभी वर्गो की आबादी के अनुसार निर्णय लिया है। यह विधेयक यदि कानून का रूप लेगा तो हर वर्ग के लोग संतुष्ट होंगे। सभी वंचित वर्ग के लोगों को मुख्यधारा से जोड़ने सामाजिक न्याय को लागू करने यह विधेयक बनाया गया है। इस विधेयक को विधानसभा ने सर्वसम्मति से पारित किया है इसको रोकना जनमत का अपमान है।