November 22, 2024
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रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री निवास में गुरुवार को हरेली पर्व की धूम रही। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्नी मुक्तेश्वरी बघेल और परिजनों के साथ गाय-तुलसी, कृषि यंत्रों और गोमाता की पूजा कर अच्छी फसल की कामना की। ग्राम देवी-देवताओं का आशीर्वाद लिया। पूरी तरह ग्रामीण परिवेश में सजे-धजे मुख्यमंत्री निवास में हरेली पर चारों ओर छत्तीसगढ़ी संस्कृति की छटा बिखरी नजर आई। बाद में उन्होंने पर्व की परंपरा के मुताबिक गेड़ी चढ़कर आनंद लिया। परिवार और मंत्रिमंडल के साथियों के साथ रचूली झूले पर झूलते भी नजर आए। यहां मौजूद लोगों ने छत्तीसगढ़ी लोक संगीत, लोक नृत्य, पारंपरिक गड़वा बाजा, राऊत नाचा, गेड़ी नृत्य, खेल, झूला और पारंपरिक छत्तीसगढ़ी व्यजंनों का आनंद लिया।
मुख्यमंत्री ने लोक नृत्य कलाकारों के साथ गेड़ी नृत्य कर उनका उत्साह बढ़ाया। मुख्यमंत्री ने भौंरा में भी अपना हाथ आजमाया। उन्होंने अपनी बेटी के साथ रचूली झुले का भी आनंद लिया। मंत्री रविंद्र चौबे, ताम्रध्वज साहू, कवासी लखमा, डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, मोहम्मद अकबर, अनिला भेंडिया, संसदीय सचिव चिंतामणि महाराज, चंद्रदेव राय, गोसेवा आयोग के अध्यक्ष महंत राम सुंदर दास, महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने भी इसका आनंद लिया।
जोरा के तीरथराम दस किमी गेड़ी चढ़कर पहुंचे
मुख्यमंत्री निवास में जोरा गांव के 60 वर्षीय तीरथराम सिन्हा भी पहुंचे थे। वे अपने गांव से 10 किमी गेड़ी पर चढ़कर पहुंचे थे। तीरथराम ने बताया, वे दो साल से हरेली पर सीएम हाउस पहुंच रहे हैं। उनकी इच्छा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात की है। इसकी जानकारी मिलने पर मुख्यमंत्री ने तीरथराम को बुलाकर मुलाकात की। गेड़ी पर उनके कौशल की तारीफ की।
गोमूत्र खरीदी करने वाला पहला राज्य बना छग
मुख्यमंत्री कार्यालय में धूमधाम से आयोजित हरेली के अवसर पर राज्य में गोमूत्र की खरीदी की शुरूआत की गई। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर चंदखुरी की निधि स्व-सहायता समूह को 5 लीटर गोमूत्र 20 रुपए में बेचकर राज्य के पहले विक्रेता बने। निधि स्व-सहायता समूह ने गोमूत्र विक्रय की यह राशि भूपेश बघेल के आग्रह पर मुख्यमंत्री सहायता कोष के खाते में जमा की। छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जो पशुपालक ग्रामीणों से दो रुपए किलो में गोबर खरीदी के बाद अब 4 रुपए लीटर में गोमूत्र की खरीदी कर रहा है।
स्व-सहायता समूह को 17 करोड़ का प्रोत्साहन
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस अवसर पर कहा, गोधन न्याय योजना के बहुआयामी परिणामों को देखते हुए देश के अनेक राज्य इसको अपनाने लगे हैं। योजना के तहत अमीर हो या गरीब सभी दो रुपए किलो में गोठानों में गोबर बेच रहे हैं। बीते दो सालो में गोधन न्याय योजना के माध्यम से गोबर विक्रेताओं, गोठान समितियों और महिला समूहों के खाते में 300 करोड़ रूपए से अधिक की राशि अंतरित हुई है। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर राज्य के जैविक खाद उत्पादक 7442 महिला स्व-सहायता समूहों को 17 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन (बोनस) राशि का भी वितरण किया।

HNS24 NEWS

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