November 22, 2024
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  • 5:07 pm मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय 23 नवम्बर को बिलासपुर में 143 करोड़ की लागत के विकास कार्यों का करेंगे लोकार्पण
  • 1:16 pm सभी जनप्रतिनिधियों और किसानों को सहकारिता से जोड़ा जाए – केदार कश्यप
  • 1:13 pm मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ सीमेंट ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा आयोजित दीपावली मिलन समारोह में हुए शामिल

रायपुर : छत्तीसगढ़ में पिछले एक पखवाड़े से हो रही भारी बारिश से बस्तर संभाग में बाढ़ का कहर है। वहीं मध्य और उत्तर छत्तीसगढ़ के अधिकांश बांध और जलाशयों में तेजी से जलभराव हुआ है। प्रदेश के सबसे बड़े जलाशय रविशंकर सागर में 76 हजार क्यूसेक पानी की आवक हो रही है। गंगरेल बांध 91 प्रतिशत भर चुका है। बांध का जलभराव करीब 30 टीएमसी से अधिक हो गया है। बांध क्षेत्र में अलर्ट जारी किया है। बढ़ते जलस्‍तर को देखते हुए गंगरेल बांध के सभी 14 गेट खोल दिए गए हैं। वहीं कबीरधाम के छीरपानी और राजनांदगांव के मटियामोती जलाशय लबालब भर चुके हैं।
इधर महानदी किनारे रहने वाले ग्रामीणों को जिला प्रशासन ने मुनादी कर अलर्ट कर दिया है। महानदी किनारे बसे ग्राम अछोटा, कोलियारी, अमेठी, खरेंगा, कलारतराई, परसुली, सेलद्वीप, देवपुर, तेंदूकोन्हा आदि गांवों में प्रशासन ने मुनादी करा दी है कि गंगरेल बांध से रूद्री बैराज से होते हुए महानदी में कभी भी पानी छोड़ा जा सकता है, ऐसे में ग्रामीण सक्रिय रहें। पानी तेजी से गांवों में भी प्रवेश कर सकता है, इस स्थिति से निबटने ग्रामीण रात में महानदी किनारे की ओर न जाएं, ताकि पानी छोड़ने पर कोई अनहोनी न हो।
28 टीएमसी से अधिक पानी
उल्लेखनीय है रूद्री बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद कहीं न कहीं अनहोनी होती है, ऐसे में महानदी में कोई न फंसे, इसके लिए जिला प्रशासन लगातार हर वर्ग को सजग कर रहा है। गंगरेल बांध में 28 टीएमसी से अधिक जलभराव हो चुका है।
12 बड़े बांधों में 54 प्रतिशत से अधिक जलभराव
जल संसाधन विभाग के स्टेट डाटा सेंटर ने बताया, प्रदेश के 12 बड़े जलाशयों में इस समय 54.48 प्रतिशत तक जलभराव हो चुका है। पिछले साल इसी अवधि में 53.78 प्रतिशत पानी भरा था। मध्यम स्तर के जलाशयों में कुल क्षमता का 58.16 प्रतिशत पानी भर चुका है। 2021 में इस समय तक 46.75 प्रतिशत जलभराव हो पाया था। गंगरेल जलाशय में 697 लाख घनमीटर पानी भर चुका है। वहीं मिनीमाता बांगो जलाशय में 1513.64 लाख घनमीटर पानी भरा है। यह कुल क्षमता का 52.30 प्रतिशत है। वहीं खारंग में 70 प्रतिशत और सिकासार में 79 प्रतिशत जलभराव हुआ है। एक महीने पहले तक इन जलाशयों में सूखे जैसी स्थिति बन रही थी।

HNS24 NEWS

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