रायपुर : दिनांक09 दिसंबर 2019, धान खरीदी में अव्यवस्था फैलाने की भाजपाई कोशिशों की कड़ी निंदा करते हुये प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि किसानों को हो रही परेशानी के लिये भाजपाई ही जिम्मेदार है। पहले मोदी सरकार से कहकर छत्तीसगढ़ के किसानों के धान से बने चांवल सेन्ट्रल पूल में उपार्जन में बाधा डाली गयी। कांग्रेस सरकार ने तो अपने बलबूते पर धान की खरीद आरंभ की है। इससे बौखलाकर किसानों को भड़काने और धान खरीदी केन्द्रों में अव्यवस्था फैलाने में भाजपा और रमन सिंह जैसे किसान विरोधी नेता लगे हुये है।
प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि रमन सिंह की सरकार ने नान और धान में घोटालों और भ्रष्टाचार को अवैध कमाई का जरिया बना रखा था। रमन सरकार के दौरान किसानों को धान बेचने पांच बार सोसायटी जाना पड़ता था। अब तीन बार में किसानों के पूरा धान खरीदा जा रहा है। पूर्ववर्ती रमन सरकार के दौरान धान बेचने वाले किसानों से प्रति बोरा रमन टैक्स की वसूली होती थी। रमन टैक्स वसूलने वाले आज किसानों के हित की बात कर घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं। सोसायटीओं में किसी प्रकार की अव्यवस्था नहीं है। रमन सिंह जी खुद अव्यवस्था फैलाने में लगे है। भूपेश बघेल की सरकार में धान तस्करों और कोचियों पर कार्यवाही की पीड़ा ही रमन सिंह के बयानों से झलक रही है। रमन सिंह जी को किसानों से कोई हमदर्दी नहीं है। इनकी सरकार में जब किसान खेतों में लटक रहे थे, तब रमन सिंह सुवा नृत्य में मटक रहे थे।
प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि कांग्रेस की सरकार में किसानों से 15 क्विंटल धान लिया जायेगा और किसानों को 2500 रू. धान का दाम भी मिलेगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने वादा अनुसार पहले भी किसानो के धान 2500 रुपया क्विं के दर से ही खरीदी किया और आज भी किसानों को उनके धान की कीमत 2500 रुपया क्विंटल ही मिलेगा।
प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने पूछा है कि अगर भाजपा के नेताओं ने छत्तीसगढ़ के किसानों के हित में सेंट्रल पुल के नियम को शिथिल रखने की मांग करते हुए कोई पत्र लिखा है तो वे सार्वजनिक करें? अलग भुगतान मिलने और टोकन दिये जाने के सिस्टम की जो आलोचना की है वह तो रमन सिंह सरकार के समय की ही व्यवस्था है। किसानों का विश्वास खो चुके भाजपा के नेता किसानों को बरगलाने के लिए तथ्यहीन बेबुनियाद मनगढ़ंत आरोप लगाकर खुद को किसान हितैषी बताने में लगे हुए हैं।