रायपुर, 09 दिसम्बर 2019/मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि प्रदेश के किसानों को किसी भी प्रकार की चिंता करने की जरूरत नहीं है। राज्य सरकार पूरा धान खरीदेगी। किसानों को समय पर भुगतान हो रहा है। धान खरीदी के संबंध में फैलाई जा रही अफवाहों से वे दूर रहें। मुख्यमंत्री बघेल के निर्देश पर धान खरीदी की व्यवस्था को चाक-चौबंद करने राज्य के मुख्य सचिव आर.पी. मण्डल अधिकारियों के साथ आज सुबह पड़ोसी राज्यों की सीमा से लगे ईलाकों के साथ ही राजनांदगांव, जांजगीर-चांपा, बिलासपुर, मुंगेली, कवर्धा जिले के कई धान खरीदी पहुंचे। मुख्यमंत्री ने सभी जिला कलेक्टरों को यह ताकीद दी है कि किसानों को धान बेचने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। धान खरीदी केन्द्रों में सभी आवश्यक व्यवस्था दुरूस्त रखी जाए और किसानों को भुगतान समय पर होना चाहिए। आज तक किसानों को एक हजार पांच करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री बघेल के निर्देश पर मुख्य सचिव आज हेलीकाप्टर से अधिकारियों के साथ सुबह साढ़े आठ बजे से निरीक्षण प्रारंभ करते हुए राजनांदगांव जिले के चिरचारी, कवर्धा जिले के रेंगाखार, मुंगेली जिले के पंडरभट्टा, बिलासपुर जिले के कोटा-पिपरसरई-भरारी-नेवरा, जांजगीर-चांपा जिले के चारपारा स्थित धान खरीदी केन्द्रों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने सीधे किसानों से बात-चीत कर धान खरीदी व्यवस्था के बारे में जानकारी ली। किसानों ने बताया कि धान खरीदी केन्द्रों में किसानों को पूरा सहयोग दिया जा रहा है। मंडल ने धान खरीदी केन्द्रों में किसानों के पंजीयन तथा भुगतान के संबंध में दर्ज की जा रही ऑनलाईन जानकारी भी देखी। रेंगाखार में किसान ने बताया कि मोबाइल में पैसे खाते में जमा होने का मैसेज आया है। पंडरभट्टहा मुंगेली में वयोवृद्ध किसान भी वहां पर टोकन पर धान बेचते मिले।
मुख्य सचिव मंडल ने राज्य के किसानों से कहा कि धान खरीदी अभियान के तहत किसानों से केन्द्र द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी की जा रही है। केन्द्र शासन द्वारा कॉमन धान के लिए 1815 और ग्रेड-ए धान के लिए 1835 रूपए का समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया है। खरीदी की रकम किसानों के खाते में सीधे जमा की जा रही है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने प्रदेश के किसानों को आश्वस्त किया है कि राज्य सरकार द्वारा अपने घोषणा पत्र में किए गए वायदे के अनुरूप प्रति क्विंटल 2500 रूपए धान की कीमत देगी। समर्थन मूल्य में धान की खरीदी के बाद अंतर की राशि का भुगतान नई योजना बनाकर किसानों के खाते में किया जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकार प्रति एकड़ 15 क्विंटल के मान से धान खरीद रही है। इसमें किसी भी प्रकार की लिमिट नहीं लगाई गई है। किसान किसी भी प्रकार के अफवाह या भ्रामक बातों में ना आए और निश्ंिचत होकर धान खरीदी केन्द्रों में धान बेचने जाए। उन्होंने किसानों से आग्रह किया है कि धान खरीदी केन्द्रों में धान लाते वक्त यह देख ले कि धान में नमी का प्रतिशत निर्धारित सीमा से अधिक ना हो। धान बेचने से पहले खलिहानों में ठीक से सूखा लें।
मुख्य सचिव मंडल ने धान खरीदी केन्द्रों में अपने सामने ही किसानों का धान तौल करवाकर कांटा-बाट की जांच की और धान की गुणवत्ता को भी परखा और माइश्चर मीटर से धान की नमी भी माप कर देखी। उन्होंने छोटे और मध्यम श्रेणी के किसानों का धान पहले खरीदने के निर्देश उपार्जन केन्द्र प्रभारियों को दिए। निरीक्षण के दौरान मण्डल ने राजस्व विभाग के अनुविभागीय अधिकारियों, खाद्य अधिकारियों, तहसीलदारों और समिति प्रबंधकों को स्पष्ट रूप से कहा है कि समितियों में धान विक्रय के लिए आने वाले किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी नही होनी चाहिए। धान खरीदी केन्द्रों में अवैध रूप से धान विक्रय करने वाले कोचियों और बिचौलियों पर सतत् निगरानी रखी जाए। सीमावर्ती ईलाकों से धान का अवैध परिवहन करते पाए जाने पर इस कार्य में लिप्त सभी लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए।
धान खरीदी केन्द्रों में आने वाले किसानों की सुविधा के लिए आवश्यक इंतजाम भी करने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान खाद्य विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, राज्य विपणन संघ के प्रबंध संचालक श्रीमती शम्मी आबिदी भी साथ थे।
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