शिविर लगाकर लंबित राजस्व प्रकरणों का निराकरण करने के दिए निर्देश
HNS24 NEWS August 7, 2019 0 COMMENTSरायपुर : दिनांक 07 अगस्त 2019 प्रदेश के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा है कि प्रदेश में एक अगस्त से प्रारंभ किए गए खरीफ फसल के गिरदावरी का कार्य पूरी गंभीरता से करंे। राजस्व के लंबित प्रकरणों के निराकरण के लिए प्राथमिकता से आवश्यक उठाएं जाए। प्रशासनिक व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए सभी समन्वय बनाकर कार्य करें। सभी राजस्व अधिकारी क्षेत्र की जनता की समस्याओं को दूर करने हर संभव प्रयास करें। राजस्व प्रकरणों के निराकरण में किसी प्रकार की लापरवाही बरदास्त नहीं की जाएगी। राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने आज यहां कलेक्टोरेट स्थित रेडक्रॉस सभाकक्ष में राजस्व अधिकारियों की संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक लेकर आवश्यक निर्देश दिए।
बैठक में रायपुर ग्रामीण विधायक सत्यनारायण शर्मा, अभनपुर विधायक धनेन्द्र साहू, रायपुर उत्तर विधायक कुलदीप जुनेजा, रायपुर पश्चिम विधायक विकास उपाध्याय, धरसींवा विधायक अनीता योगेन्द्र शर्मा, कसडोल विधायक शकुन्तला साहू, बिन्द्रानवागढ़ विधायक डमरूधर पुजारी, धमतरी विधायक रंजना साहू, बिलईगढ़ विधायक चन्द्रदेव राय, नगरी विधायक ने कहा लक्ष्मी ध्रुव, भाटापारा विधायक शिवरतन शर्मा, राजस्व विभाग के सचिव एन. के. खाखा, रायपुर संभागायुक्त जी. आर. चुरेन्द्र, संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर सहित राजस्व अधिकारी उपस्थित थे।
राजस्व मंत्री अग्रवाल ने कहा कि शासकीय जमीन केवल कागज में न हो अपितु चिन्हांकित कर सुरक्षित भी रखा जाए। शासकीय प्रयोजनों के लिए अर्जन किए गए निजी जमीनों की मुआवजा राशि का भुगतान शीघ्र किया जाए। इसी तरह नजूल, डायवर्सन एवं कृषि भूमि से लगान की राशि यथाशीघ्र वसूल की जाए। पिछली बैठक की अपेक्षा इस बैठक में राजस्व प्रकरणों के निराकरण में तेजी आई है। जहां प्रगति कम है वहां अपेक्षित सुधार किया जाए। संभाग में बाढ़ की स्थिति तथा सूखे से निपटने के लिए कार्ययोजना बनाकर भेजा जाए। राजस्व प्रकरणों का निपटारा शिविर लगाकर किया जाए। सरकार द्वारा ऑनलाईन पंजीयन के माध्यम से क्रेता-विक्रेताओं को सुविधा दी जानी है। ऑनलाईन पंजीयन केे प्रकरणों में दस दिन के भीतर तहसीलदार के समक्ष पेश करें ताकि नामांतरण की कार्यवाही शासन द्वारा निर्धारित समयसीमा में की जा सके। इसके साथ-साथ नक्शा अद्यतीकरण का कार्य सावधानीपूर्वक किया जाए। इसके लिए शासन ने सितम्बर माह की समय-सीमा निर्धारित की है। अग्रवाल ने कहा कि राजस्व प्रकरण 6(4) के तहत अनुदान सहायता, फसल बीमा योजना इत्यादि का क्रियान्वयन हल्का पटवारी द्वारा की गई गिरदावरी पर पूर्णतः निर्भर करेगा। गिरदावरी का कार्य मौके पर जाकर किया जाना है। खरीफ गिरदावरी के लिए शासन द्वारा एक अगस्त से 21 सितम्बर तक की अवधि नियत की गई है। वास्तविक गिरदावरी के डेटा को भुईयां में अद्यतीकरण किया जाना है। वास्तविक गिरदावरी पटवारी के साथ-साथ ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी एवं किसान के समक्ष पंचनामा बनाकर किया जाना है। इसी तरह परिवर्तित भूमि, पट्टे पर आबंटित भूमि के वार्षिक भू-भाटक तथा खनन क्षेत्र से संबंधित पर्यावरण एवं अधोसंरचना विकास उपकर की वसूली में तेजी लायी जाए। अग्रवाल ने कहा कि भू-अभिलेख ऑनलाईन का अपडेशन किया जाना है। यह ध्यान रखें कि किसान की ऋण पुस्तिका एवं भू-अभिलेख के दर्ज नाम में अंतर नहीं होना चाहिए। यह कार्य 30 सितंबर तक अनिवार्य रूप से कर लिया जाए। इसी तरह खसरा, पांचशाला एवं भू-अभिलेख का ऑनलाईन अद्यतन किया जाए। सरकार द्वारा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से जमीन की सीमा हटा दी गई है। इसके तहत सभी किसानों को लाभान्वित किया जाना है।
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