स्वास्थ्य विभाग द्वारा डेंगू नियंत्रण एवं बचाव के लिए दिशा-निर्देश जारी
HNS24 NEWS July 3, 2019 0 COMMENTSरायपुर.: दिनांक 02 जुलाई 2019. स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू के उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में विभागीय अमले को लगातार भ्रमण और निगरानी के निर्देश दिए हैं। जिन इलाकों में पिछले वर्षों में डेंगू के मामले आए हैं, उन क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरतने कहा गया है। संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं शिखा राजपूत तिवारी ने डेंगू नियंत्रण एवं बचाव के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने लोगों को मच्छरों से बचने और इनके पनपने वाले स्रोतों को नष्ट करने की अपील की है।स्वास्थ्य विभाग ने सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को डेंगू के रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए प्रभावित क्षेत्रों में अस्थायी स्वास्थ्य शिविर लगाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही डॉक्टरों और पैरामेडिकल की टीम गठित करने कहा गया है। संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं शिखा राजपूत तिवारी ने लोगों को डेंगू के लक्षण होने पर नजदीक के अस्पताल जाकर खून जांच कराकर डॉक्टर से सलाह लेने की अपील की है। उन्होंने बताया कि डेंगू के जांच की सुविधा रायपुर, जगदलपुर, रायगढ़, राजनांदगांव और अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज तथा कोरबा एवं बिलासपुर जिला चिकित्सालय में है। आरोग्य सेवा टोल फ्री नंबर 104 पर फोन कर इस संबंध में और भी जानकारी ली जा सकती है।संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं ने विभागीय अमले को घरों में जाकर मच्छर पनपने वाले स्रोतों को नष्ट करने तथा आसपास के जलस्रोतों का निरीक्षण कर लार्वा नष्ट करने की कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने लोगों से संपर्क कर डेंगू से बचाव के बारे में जागरूक करने कहा है। विभाग द्वारा जारी एडवाइजरी में लोगों को डेंगू के लक्षणों, जरूरी सावधानियों और बचने के उपायों के बारे में जानकारी दी गई है।
डेंगू के लक्षण
डेंगू के मच्छर अकसर सुबह और शाम को काटते हैं। यदि किसी व्यक्ति को तेज बुखार के साथ सिरदर्द, आंखों में दर्द, मांसपेशियों एवं जोड़ों में दर्द, शरीर पर चकते उभरना, उल्टी व भूख न लगना जैसे लक्षण हैं, तो यह डेंगू हो सकता है।
डेंगू होने पर क्या करें
डेंगू के लक्षण होने पर तरल पदार्थ लिया जाना चाहिए। बुखार होने पर एस्प्रीन न लें, पैरासिटामॉल की दवा लें। शरीर को पूरा आराम दें।
डेंगू से बचने के उपाय
डेंगू से बचने के लिए शरीर को पूरी तरह से ढंकने वाला कपड़ा पहनना चाहिए। गर्भवती महिलाओं एवं शिशुओं को दिन में भी मच्छरदानी लगाकर सोना चाहिए। घर के आसपास अच्छी साफ-सफाई रखें। कचरे का निपटान आवासीय क्षेत्र से दूर करें। घरों में लार्वा ग्रसित कूलर, टैंक, ड्रम, बाल्टी आदि का पानी टेमीफॉस उपचार के बाद खाली करें। यदि कूलर का उपयोग नहीं हो रहा हो तो उसका पानी पूरी तरह खाली कर दें। अनुपयोगी वस्तुएं जिनमें पानी जमा हो सकता है जैसे टीन के डब्बे, कांच व प्लास्टिक के बोतल, नारियल के खोल, पुराने टायर आदि को नष्ट कर दें। गड्डों को पाट दें। नालियों में इंजिन का जला हुआ तेल या मिट्टी तेल का छिड़काव करें। खिड़की-दरवाजों में जाली व परदा लगाकर रखें। घर में पानी संग्रहित करने वाली टंकी, बाल्टी और टब को हमेशा ढक कर रखें। मच्छर भगाने के लिए घर में नीम की पत्तियों का धुआं करें।
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