बस्तर के पत्रकारों के खिलाफ़ झूठे गांजा प्रकरण की पुनः जाँच करके वास्तविक तथ्यों को गृह विभाग आंध्र प्रदेश भेजा जायेगा – गृहमंत्री ने एसपी को दिए निर्देश
HNS24 NEWS August 20, 2024 0 COMMENTSरायपुर, 20 अगस्त 2024 इंडियन जर्नलिस्ट्स यूनियन की आंध्र प्रदेश शाखा APUWJ प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को आंध्र प्रदेश सरकार की गृह मंत्री श्रीमती वी. अनिता से राज्य सचिवालय, अमरावती में उनके कक्ष में मुलाकात की।
यूनियन ने छत्तीसगढ़ के छह पत्रकारों के खिलाफ आंध्र प्रदेश के एएसआर जिले के चिंतूर पुलिस स्टेशन में दायर झूठे मामले को वापस लेने की मांग करते हुए एक ज्ञापन सौंपा है।
यूनियन नेताओं ने गृह मंत्री को छत्तीसगढ़ के कोंटा थाने में हुए घटनाक्रम के बारे में बताया.
यूनियन नेताओं ने मंत्री को आगे बताया कि छत्तीसगढ़ के कोंटा पुलिस थाने के प्रभारी इंस्पेक्टर और चिंतूर एपी के सर्कल इंस्पेक्टर ने आंध्र प्रदेश के चिंतूर पुलिस स्टेशन में पत्रकारों के खिलाफ झूठा गांजा मामला दर्ज करने के लिए मिलीभगत की है।
इस मामले में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा कोंटा थाने के तत्कालीन प्रभारी अधिकारी सब इंस्पेक्टर को साक्ष्य नष्ट करने के आरोप में निलंबित कर उनके खिलाफ़ प्रकरण दर्ज करके गिरफ़्तार कर विभागीय जाँच भी की जा रही है.
गृह मंत्री ने यूनियन के केंद्रीय नेताओं की बात ध्यान से सुनी और तुरंत जिला एसपी से बात की.
गृह मंत्री ने जिला पुलिस अधिकारी को मामले की दोबारा जांच कर जल्द रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया.
संघ ने गृह मंत्री से श्री वाई.एस. रेड्डी के कार्यकाल के दौरान 2019-24 के बीच राज्य में मीडियाकर्मियों के खिलाफ दर्ज सभी झूठे मामलों को वापस लेने का भी अनुरोध किया है।
गृहमंत्री श्रीमती अनिता ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी और मामले को देखने और आवश्यक कार्रवाई करने का वादा किया।
प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कॉमरेड आई.वी. सुब्बाराव अध्यक्ष एपीयूडब्लूजे कर रहे हैं। प्रतिनिधिमंडल में कॉमरेड शिव येचुरी, अध्यक्ष, ए.पी.इलेक्ट्रॉनिक मीडिया जर्नलिस्ट एसोसिएशन, कृष्ण मोहन, यूनियन स्टेट ईसी सदस्य, सत्यनारायण, राम कृष्ण, प्रसन्न कुमार, विजय, सुरेंद्र, सचिवालय बीट के पत्रकार शामिल थे।
इस घटना की शुरुआत से स्टेट वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष पी सी रथ, महासचिव विरेंद्र कुमार शर्मा तथा सचिव सुधीर तम्बोली आज़ाद आंध्र प्रदेश की यूनियन पदाधिकारियों के संपर्क में थे तथा बस्तर के पत्रकारों पर लगाए गए झूठे आरोपों तथा प्रकरणों पर न्याय संगत निर्णय के लिए प्रयास कर रहे थे.।