November 22, 2024
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रायपुर/11अगस्त 2024। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि कोई भी व्यक्ति स्वर्गवासी हो जाये तो उससे सवाल कैसे कर सकते है जब सवाल का जवाब देने के लिये वो व्यक्ति उपस्थित नहीं है। भारतीय जनता पार्टी हमेशा दिवंगत से सवाल करते है गांधी जी से, नेहरू जी से, इंदिरा जी से सवाल करते है। आज मेरे पिताजी से सवाल कर रहे है, मूर्खता की हद हो गयी। मेरे पिताजी से राजनीतिक विरोधाभास थे। उनकी लाइन अलग थी, मेरे लाइन अलग थी। वो कहां आते थे, कहां जाते थे? उन्होंने सर्वोदय से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की और अंतिम क्षणों में यही बात कर रहे थे कि बुद्ध की बात कहते थे बुद्ध के बिना पूरी दुनिया में शांति नहीं हो सकती। उस व्यक्ति के बारे में इस प्रकार ओछी बयान देना बताता है कि संतोष पांडेय की मानसिकता क्या है? ऐसी मानसिकता वाले व्यक्ति को मैं कोई जवाब नहीं देना चाहता। घटिया मानसिकता के व्यक्ति है। किसके साथ संबंध है, किसके साथ नहीं। सब लोग जानते है नक्सली भारतीय जनता पार्टी के मंत्रियों के बंगले में उनके कार्यालय में हफ्ता वसूली किया करते थे। दिवंगत हो गये उनके बारे में सवाल खड़ा करना बड़े ही दुर्भाग्य की बात है।

मानव हाथी द्वंद को रोकने के लिये काम किये थे और हाथी मानव द्वंद को रोके थे और उसमें एमप्लीमेंट भी किया था उसका लाभ मिला। लगातार जंगल को काटते जायेंगे तो हाथी जायेंगे कहां? उनको रोकने का तरीका यही है हाथी प्रभावित क्षेत्र में हाथी जंगल में रहे और उसके लिये पानी और चारा का व्यवस्था करें। यदि उसके आश्रय को नष्ट करते जायेंगे तो हाथी जंगल से निकल कर गांव तरफ आयेंगे।

छत्तीसगढ़ सरकार वन इलेक्शन, वन नेशन कैसे करा सकती है? चुनाव केवल पंचायत, नगरीय निकाय के नहीं होते, चुनाव विधानसभा के भी होते है, लोकसभा के भी होते है जो राज्य सरकार के हाथ में नहीं है। वन नेशन वन इलेक्शन के बारे में ये क्या चर्चा करेंगे, इनकी चर्चा राष्ट्रीय स्तर पर होगी और यह संभव नहीं है वन नेशन, वन इलेक्शन।

एक भी जगह अभ्यारण नहीं बना है। अभी जो मवेशी है वो सड़को और खेतो में है। सड़क में जानमाल का नुकसान हो रहा है और खेतो में फसल का नुकसान हो रहा है और सरकार हाथ में हाथ धरी बैठी हुयी है। किसी भी गांव में जाओ 100-50 छोटे जानवर दिखेंगे। इससे एक तरफ जानमाल का नुकसान हो रहा है और गोबर जहां-जहां पड़े उससे गंदगी फैल रही है, मच्छर पैदा हो रहे है और कई प्रकार की बीमारियां होने की संभावना होती है। शहर या गांव हो वहां हमने गौठान बनाया था उसमें रहने की व्यवस्था थी। विधानसभा में कहा था यह पहली योजना है हिन्दुस्तान में। फसल भी बचाना है और जानमाल की रक्षा भी करना है। अगर कुछ सुझाव है तो एमप्लीमेंट करिये लेकिन गौठान बंद मत करिये, डेढ़ लाख सरकारी जमीन आरक्षित किये थे। गौठान में शेड, टाका बना और घेरा किया और चलती योजना को भाजपा के सरकार बनते ही बंद कर दिया। आज गांव-गांव में खुले जानवर से लोग परेशान है। 16 अगस्त को पाटन में खुले हुये मवेशी को ले जाकर एसडीएम कार्यालय में प्रदर्शन करेंगे। पूरे प्रदेश में यह प्रदर्शन होगा।

HNS24 NEWS

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