शराब नीति मे बदलाव,बिचौलियों की भूमिका खत्म करने और राजस्व बढ़ाने सीएम साय ने उठाया महत्वपूर्ण कदम
HNS24 NEWS June 21, 2024 0 COMMENTSरायपुर : दिसंबर 2023 मे छत्तीसगढ़ में सरकार बदलने के बाद और राज्य कि कमान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को मिलने के बाद अब तक लगभग 6 महीनों में सरकार जनहित में एक के बाद एक महत्वपूर्ण फैसले लेते हुए आगे बढ़ रही है। राज्य के समावेशी विकास पर केंद्रित विष्णुदेव साय के नेतृत्व वाली राज्य सरकार नें हर वर्ग के हित को ध्यान मे रखकर पिछले 6 महीने मे बड़े फैसले किये हैं। राज्य में सुशासन कि झलक उनके फैसलों मे साफ देखी जा सकती है।छत्तीसगढ़ में पिछली सरकार के दौरान हुए घोटालों की जांच के सख्त निर्देश के साथ ही जनविरोधी नीतिओं के बदलाव की दिशा मे राज्य के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय पूरी संवेदनशीलता के साथ काम कर रहे हैं।
*पिछली सरकार में हुआ घोटाला,राजस्व कि क्षति हुई*
विधानसभा चुनाव के दौरान किये गए वादे के अनुरूप पारदर्शी व्यवस्था सुनिश्चित करने कि दिशा मे सीएम साय के नेतृत्व वाली सरकार तत्परता के साथ राज्य के विकास को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रही है और सरकार द्वारा लिए जा रहे जनहित के फैसले जमीन पर दिखने लगे हैं। पिछली सरकार मे शराब घोटाल प्रमुख था। कांग्रेस की तत्कालीन सरकार ने पिछली भाजपा सरकार द्वारा बनाई गई आबकारी नीति में संशोधन कर एफएल-10 लायसेंस का नियम बनाया और अपने चहेते फर्मों को सप्लाई का जिम्मा दे दिया था ।कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में लगभग 2200 करोड़ रुपये का शराब घोटाला सामने आया था, जिसमें ईडी ने 1,300 पन्नों की जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की है। इससे राज्य में जहां अवैध शराब, नकली शराब की बिक्री धड़ल्ले से होने लगी वहीं नकली होलो ग्राम चिपकाकर बोतलों की स्कैनिंग किए बिना घटिया शराब बेचे जाने के गंभीर आरोप लगे थे। इससे राज्य सरकार को हजारों करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ था और शराब उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य को भी गंभीर क्षति पहुंची थी।
*बिचौलियों का रोल खत्म, नई आबकारी नीति से पारदर्शिता आएगी*
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मुख्यमंत्री बनने के बाद मुख्यमंत्री स्वयं इस शराब नीति के विषय पर सतत निगरानी कर रहे हैं।पिछले दिनों लोकसभा चुनाव सम्पन्न होने के बाद हुई पहली कैबिनेट बैठक मे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व मे प्रदेश कि शराब नीति को लेकर जो ऐतिहासिक फैसला लिया गया है अब वह जन चर्चा मे है। राज्य मे आबकारी विभाग मुख्यमंत्री श्री साय के पास है। कैबिनेट बैठक में विदेशी मदिरा के थोक विक्रय एवं भंडारण के लिए नियमों में बड़े और जनहित को ध्यान मे रखकर परिवर्तन किया है। वर्तमान में प्रचलित एफएल 10 एबी अनुज्ञप्ति की व्यवस्था को समाप्त करते हुए सीधे विनिर्माता इकाइयों से विदेशी मदिरा का थोक क्रय किए जाने का अनुमोदन किया गया। विदेशी मदिरा का क्रय इससे पहले लायसेंसियों द्वारा किया जाता था। सरकार ने इस व्यवस्था को समाप्त करने के साथ विदेशी मदिरा क्रय करने की जिम्मेदारी अब छत्तीसगढ़ बेवरेज कार्पोरेशन को दे दी है।अब तक बिचौलियों के माध्यम से शराब की सप्लाई आबकारी विभाग को की जाती थी।मुख्यमंत्री श्री साय ने यह फैसला इसलिए लिया क्योंकि लायसेंसियों के द्वारा विदेशी मदिरा क्रय करने के सिस्टम के कारण प्रदेश में कई विदेशी शराब बनाने वाली कंपनियों के ब्रांड बाजार में नहीं मिल पा रहे थे। बिचौलियों के द्वारा उन्हीं कंपनियों का ब्रांड़ खपाया जा रहा था जो अच्छा मार्जिन देती थी।ऐसे तमाम विषय जिनके कारण सरकार को राजस्व हानि,लोगों तक विदेशी शराब कि उपलब्धता नहीं मिलन,संरचनात्मक भ्रष्टाचार कि शिकायतें मिलने के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पारदर्शी व्यवस्था और सुशासन के संकल्प को पूरा करने कि दृष्टि से सरकार ने खुद छत्तीसगढ़ बेवरेज कार्पोरेशन के माध्यम से शराब खरीदने का फैसला किया है।शराब खरीदी से लेकर वितरण और भुगतान तक कि व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के लक्ष्य से मुख्यमंत्री ने यह फैसला किया है।पिछली सरकार मे आबकारी विभाग कि कार्यप्रणाली पर जो आरोप लगे थे और प्रदेश के साथ देशभर में राज्य कि क्षवि पर जो कुठाराघात हुआ था उससे मुख्यमंत्री श्री साय बेहद आहात थे। पिछले 6 महीने मे ही मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने एक आबकारी विभाग के अधिकारियों को एक सशक्त नीति और कार्ययोजना बनाने के लिए निर्देशित किया था ।कैबिनेट के माध्यम से आबकारी नीति मे किये गए फैसले के दूरगामी परिणाम राज्य हित मे होंगे।
*जनहित के फैसले लेते हुए आगे बढ़ रही सरकार*
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व मे सरकार ने पिछले 6 महीनों में विभिन्न क्षेत्रों में सकारात्मक पहल करते हुए ऊर्जावान निर्णय लिए हैं। जन कल्याणकारी योजनाओं से प्रदेश के समृद्धि के रास्ते खुले हैं। प्रदेश हित मे मुख्यमंत्री श्री साय द्वारा लिए जा महत्वपूर्ण निर्णयों में उनकी सोच, दूरदृष्टि और संवेदनशीलता साफ झलक रही है।आबकारी नीति मे बदलाव के केंद्र मे जनहित और राज्यहित जुड़ा हुआ है। प्रदेश के राजस्व और संसाधान को बढ़ाने की दिशा में मुख्यमंत्री लगातार विभागीय समीक्षा बैठक एवं फैसले ले रहे हैं।मुख्यमंत्री का मानना है जनता कि आकांक्षाओं और उनकी उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए सरकार को नवाचार के साथ निरंतर आगे बढ़ना है।जहां आवश्यकता है वहाँ राज्य सरकार जनभावनाओं के अनुरूप कड़े फैसले लेते हुए आगे बढ़ रही है।
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