राकेश यादव (छत्तीसगढ़ पुलिस सुधार आंदोलन के दौरान बर्खास्त आरक्षक) छत्तीसगढ़ पुलिस परिवार
HNS24 NEWS November 9, 2018 0 COMMENTSछत्तीसगढ़ : सूत्रों से पता चला राकेश यादव ने मुख्यमंत्री को खुला पत्र भेजा । पुलिस की समस्याओ को लेकर राकेश ने सरकार के सामने रखी है । विधानसभा चुनाव पास है ,और पुलिस की समस्याओं को अभी तक सरकार ने अनदेखा कर रखा है। राकेश यादव का कहन है कि सरकार ने आज तक पुलिस की पीड़ा को नही समझा । राकेश ने खुली पत्र पोस्ट किया है। जो इस प्रकार है
खुला पत्र
प्रतिष्ठा में
माननीय मुख्यमंत्री महोदय
छत्तीसगढ़ शासन
विषय – चर्चा बाबत .
मान्यवर ,उक्त विषय अंतर्गत सविनय निवेदन है कि छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2018 , 12 नवंबर के पूर्व पुलिस सुधार के विषय पर आपसे विनम्रता पूर्वक खुली चर्चा करनी है क्योंकि छत्तीसगढ़ पुलिस परिवार के मन में सवाल उमड़ घुमड़ रहे हैं जिनका समाधान 12 नवंबर मतदान के पूर्व होना बेहद ज़रूरी है ताकि समाधान पश्चात आप अजर अमर रहें क़यामत के बाद तक आप छत्तीसगढ़ के माननीय मुख्यमंत्री बने रहें शंका वो जो मन में कायम है – छत्तीसगढ़ में पुलिस सुधार वास्ते आप को ज्ञापन प्रेषित किया गया किंतु कोई निराकरण ना हुआ आपको जनदर्शन में छत्तीसगढ़ पुलिस परिवार द्वारा ज्ञापन सौंपा गया किंतु कोई निराकरण नहीं आपसे पुलिस सुधार विषय पर सद्भावना भेंट करने हेतु समय चाहा गया किंतु समय नहीं मिला आपसे विनम्रता पूर्वक निवेदन किया गया कि पुलिस सुधार विषय पर आपसे खुली चर्चा करनी है किंतु कोई समय नहीं मिला जब न्याय वास्ते माननीय उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ में पुलिस सुधार विषय पर जनहित याचिका ( 30/2015) दायर की गई जिसमें माननीय कमेटी ने पुलिस सुधार विषय पर सकारात्मक रिपोर्ट पेश की और माननीय न्यायालय ने सितंबर 2017 में छत्तीसगढ़ राज्य शासन को आदेश दिया कि वह पुलिस सुधार विषय पर निर्णय ले किंतु अपने कार्यकाल के अंतिम समय तक राज्य शासन ने कोई सकारात्मक आदेश जारी नहीं किया इस तरह राज्य शासन ने माननीय उच्च न्यायालय के आदेश की सरासर अवहेलना की और इसके पश्चात पुलिस सुधार की चाहत रखने वाले पुलिस परिजनों को प्रताड़ित किया गया उनके मौलिक अधिकार कुचले गए थानों में बंद किया गया जेलों में बंद किया गया नोटिस जारी किया गया निलंबित किया गया डिस्मिस किया गया झूठा प्रचार भी किया गया कि पुलिस विभाग में साप्ताहिक अवकाश होना चाहिए छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग में वेतन भत्तों की विसंगति दूर की जाएगी आदि आदि यह भी प्रचारित किया गया कि मेरे जेल में बंद रहने के दौरान माननीय गृहमंत्री महोदय छत्तीसगढ़ शासन मुझसे भेंट करने केंद्रीय जेल आए थे जो कि सरासर गलत है इतना ज्यादा झूठ क्यों इतना दमन क्यों पुलिस परिजनों से इतनी बेरुखी क्यों जो जवान आपको दिन-रात सुरक्षा देते हैं आपको एक भी खरोच ना लगने पाए इसके लिए वह सारी गोलियां अपने सीने पर झेल जाते हैं जो बलिदान हो जाते हैं उनसे आखिर इतनी बेरुखी क्यों उनकी शहादत पर निंदा और शोक का सिलसिला तो लगभग पिछले 15 वर्षों से जारी है लेकिन जब उन्हीं जवानों के अधिकारों की बात आई तो आप मुकर गए जवान बदस्तूर शहीद हो रहे हैं नक्सली हिंसा कायम है और आपकी सरकार भी कायम है समाधान कहां है ? यह पूछते हैं आज आपसे शहीद की बेवा शहीद के बच्चे शहीद की मां शहीद का पिता सुधार की बाट जोहता सारा राज्य खड़ा है पुलिस परिजन हो किसान परिजन हो मजदूर परिजन हो कर्मचारी परिजन हो वनांचल के परिजन हो या फिर कोई और और यह भी पूछते हैं देश के नागरिक कि जब आप जवानों के नहीं हुए तो औरों के कितने हो पाएंगे मैं बर्खास्त जवान यह वचन देता हूं कि यदि आप से खुली चर्चा में हार गया तो ईदगाह भाठा में मैं अपने लिए फांसी चुन लूंगा और आप अपनी सुविधा अनुसार अपने लिए पुरस्कार चुन लीजिएगा यदि आप जीत ना पाए तो !
भूल चूक लेनी देनी .
शुभकामनाएं .
सादर प्रस्तुत .
विनीत
राकेश यादव
(छत्तीसगढ़ पुलिस सुधार आंदोलन के दौरान बर्खास्त आरक्षक) छत्तीसगढ़ पुलिस परिवार
टीप – आपके अभूतपूर्व जवाब का इंतजार रहेगा समाचार पत्र के माध्यम से. शुक्रिया !