रायपुर : भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश कांग्रेस की सरकार पर आर्थिक मोर्चे पर पूरी तरह विफल होने पर जमकर निशाना साधा है। पार्टी ने कहा है कि जो सरकार अपने छोटे-छोटे कर्मचारियों तक को महीनों से वेतन नहीं दे पा रही है, उसे तो किसी भी सूरत में पलभर भी सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार नहीं रह जाता।भाजपा प्रवक्ता व पूर्व विधायक श्रीचंद सुन्दरानी ने कहा है कि राजनांदगांव स्थित छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल में कार्यरत प्लम्बर संतोष साहू का वेतन नहीं मिलने के कारण आत्महत्या कर लेना प्रदेश सरकार के लिए कलंक है। प्रदेश सरकार ने पांच महीनों में ही छत्तीसगढ़ को पूरी तरह कंगाल करके रख दिया और तिस पर हजारों करोड़ रुपए का कर्ज लेकर प्रदेश पर आर्थिक बोझ लाद दिया है। कर्जमाफी के नाम पर राजनीतिक पाखंड करके प्रदेश के खजाने को खाली कर सरकार अपने छोटे कर्मचारियों तक को उनके वेतन का भुगतान नहीं कर पा रही है, इससे अधिक और किस शर्मनाक स्थिति का इंतजार सरकार कर रही है? जब सरकार अपने कर्मचारियों के हितों, आजीविका और परिवार के भरण-पोषण की चिंता नहीं कर सकती है तो ऐसे शर्मनाक हालात में प्रदेश सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं रह जाता है। सुन्दरानी ने कहा कि गैर जरूरी विषयों पर प्रदेश का ध्यान भटकाकर सरकार प्रदेश के भयावह होते हालात के प्रति जरा भी संजीदा नजर नहीं आ रही है। सत्ता प्राप्ति के बाद से ही प्रदेश सरकार हर मोर्चे पर या तो प्रतिशोध की राजनीति या फिर पाखण्ड के शोर में डूबी नजर आई है। जनसुविधाओं और जनकल्याण की जवाबदेही के प्रति बेपरवाह राज्य सरकार की कार्यप्रणाली के चलते एक तो आम आदमी त्रस्त हो चला है, वहीं दूसरी ओर अब प्रशासन तंत्र भी आतंकित और अनियंत्रित होता जा रहा है। सुन्दरानी ने मांग की है कि संतोष साहू की आर्थिक तंगी से वाकिफ होने के बाद भी अफसर इस मामले में संजीदा नहीं हुए। इस मामले में जिम्मेदार अफसरों व अन्यों की भी जवाबदेही सुनिश्चित कर कारगर कार्रवाई की जानी चाहिए।
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