रायपुर: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने राजधानी में स्काईवॉक को लेकर प्रदेश सरकार के नजरिए को जनविरोधी और जन-धन का अपव्यय बताया है। श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री सरकार चलाने में हर मोर्चे पर विफल सिध्द हो चुके हैं और अपनी नाकामियों व लोकसभा चुनाव में शर्मनाक पराजय को छिपाने के लिए ऐसे अनावश्यक व निरर्थक मुद्दों का सहारा ले रहे हैं।भाजपा प्रवक्ता श्रीवास्तव ने कहा कि स्काईवॉक प्रदेश की जनता की गाढ़ी कमाई से बन रहा है और उसमें करोड़ों की लागत लग चुकी है, तब उसे तोड़ने का विचार सरकार को कैसे और क्यों आ रहा है? क्या इसे तोड़ने से समस्या का कोई समाधान निकल जाएगा? क्या इसे तोड़ने में फिर करोड़ों रुपए का अपव्यय और आम आदमी की दिक्कतों में इजाफा नहीं होगा? श्रीवास्तव ने कटाक्ष किया कि दरअसल प्रदेश सरकार की सोच ही कुछ बनाने की रचनात्मकता से प्रेरित नहीं है, वह तोड़ने में ही विश्वास रखती है। जनकल्याणकारी योजनाओं को बंद करना, उनके नाम बदलना, निर्माण कार्यों को रोकना-तोड़ना ही मौजूदा सरकार की राजनीतिक संस्कृति व सनकमिजाजी का प्रमाण है। श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश सरकार स्काई वॉक को तोड़ने के बजाय उसके और बेहतरीन उपयोग के विकल्प पर विचार करती और राजधानी की जनता से सुझााव मांगती तो शायद प्रदेश सरकार को कोई राह सूझती, लेकिन प्रदेश सरकार ने लोगों से इसे तोड़ने के लिए सुझाव मांगे हैं, जिसमें 15 लाख की आबादी वाली राजधानी में अब तक महज 76 सुझाव ही मिलने की बात लोनिवि अफसरों ने बताई है। जाहिर है राजधानी की जनता स्काईवॉक तोड़ने के पक्ष में कतई नहीं हैं। वस्तुतः प्रदेश सरकार इस मामले में भी झूठ का सहारा लेकर स्काईवॉक को तोड़ने के नापाक इरादे संजोए बैठी है और इसे तोड़ने के नाम पर जनमत की अभिव्यक्ति का प्रलाप कर रही है।
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