रायपुर : भारत मे हरित क्रांति के जनक कहे जाने वाले डॉ एम एस स्वामीनाथन का 98 वर्ष की उम्र में 28 सितम्बर को उनके निवास चेन्नई में मृत्यु हो गई है जो भारत के लिए एक बड़ी क्षति है। किसानों के विकास के लिए दिए गए उनके सुझाव आज भी अधूरे रह गए हैं।
किसान नेता एवं आम आदमी पार्टी के राजिम विधानसभा प्रत्याशी तेजराम विद्रोही ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि भारत के कृषि में उत्पादन बढ़ने के बावजूद किसान आत्महत्या की संख्या बढ़ने से चिंतित केंद्र सरकार ने नवम्बर 2004 में कृषि वैज्ञानिक डॉ एम एस स्वामीनाथन की अध्यक्षता में राष्ट्रीय किसान आयोग का गठन किया था जिसे स्वामीनाथन आयोग के नाम जाना जाता है। साल 2020 में राष्ट्रीय स्तर पर हुए किसान आंदोलन का केन्द्र बिंदु सवामीनाथन आयोग के सिफारिशों के अनुरूप किसानों को उनके लागत से डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारण्टी लागू करना था। 28 सितम्बर को संयोग ही कहा जाए कि 28 सितम्बर 2021 को राजिम छत्तीसगढ़ में विशाल किसान महापंचायत कर किसानों के सुझाव स्वामीनाथन आयोग की शिफारिशों को लागू करने की बात को मजबूती से रखा गया था आगे की संघर्ष भी इसी विषय पर जारी रहेगा। किसानों के हित मे उनके सुझावों को लागू करना उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी।