प्रधानमंत्री मोदी और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने स्कूली छात्रों के साथ अन्याय किया : विकास तिवारी
HNS24 NEWS May 17, 2019 0 COMMENTSछत्तीसगढ़ : रायपुर 17 मई 2019 छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता विकास तिवारी ने शिक्षा की गुणवत्ता में प्रदेश का स्थान 18वां आने पर कहा कि इनके जिम्मेदार देश के प्रधानमंत्री मोदी और प्रदेश के पूर्व मुखिया डॉ रमन सिंह है। विकास ने आंकड़ो सहित बताया कि कैसे पिछले 15 सालों में भाजपा राज में सरकारी स्कूलों की हालत खस्ता की गयी थी। उन्होंने बताया कि स्कूली शिक्षा विभाग में शिक्षाकर्मियों के लगभग 50000 पद रिक्त रहे और पंचायत संवर्ग के शिक्षकों के 22,644 पद रिक्त है। गणित, फिजिक्स, केमिस्ट्री, अंग्रेजी एवं कॉमर्स के सभी शिक्षको की भारी कमी के कारण शालेय शिक्षा की गुणवक्ता के क्षेत्र में देश में सबसे ख़राब प्रदर्शन वाले राज्यों में शामिल हुआ। ( The annual survey of School Education Report 2017 ( ASER) केंद्र की मोदी सरकार के द्वारा “सर्व शिक्षा अभियान” अंतर्गत राज्य के आबंटन में निरंतर कमी की गयी थी जिसमे वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में केंद्र से क्रमशः 927.05 करोड़, 622.19 करोड़, 592.62 करोड़ तथा 457.45 करोड़ ही प्राप्त हुये थे। क्या कारण थे कि केंद्र की मोदी सरकार प्रधानमंत्री के प्रचार-प्रसार के लिये पांच हजार करोड़ से ज्यादा फूंक देती है पर शिक्षा के मद में दी जाने वाली राशि को साल दर साल कम किया गया।प्रवक्ता विकास तिवारी ने बताया की पिछले 15 सालों के भाजपा शासन में प्रदेश के शासकीय प्राथमिक शालाओं में कुल दर्ज छात्र-छात्राओं की संख्या में लगातार कमी आ रहीं थी। वर्ष 2014-15 में 21,05,095 छात्रों से घटकर यह संख्या 2017-18 में 18,10,853 मात्र रह गयी थी, ये रमन सरकार के शासकीय शालाओ की असफलता का परिचायक बन गया है। प्रवक्ता विकास तिवारी ने भाजपा से पूछा है कि क्या कारण थे कि 15 सालो के रमन राज में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह का कुनबा और उनके भ्रष्ट अधिकारी और उनका कुनबा मालामाल होते रहे और प्रदेश के स्कूल बदहाल होते रहे, रमन सरकार की अकर्मण्यता और कमीशनखोरी के चलते प्रदेश के सरकारी स्कूलों से दो लाख से ज्यादा बच्चो ने पढ़ाई-लिखाई करना छोड़ दिया जिसके सीधे सीधे जिम्मेदार देश के प्रधानमंत्री मोदी और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ही है। अब प्रदेश में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इन रिक्त पदों में जो भर्ती के आदेश जारी किये है उससे प्रदेश के स्कूलों की दुर्दशा में सुधार होगा और प्रदेश के बच्चो को सरकारी स्कूलों में अध्ययन करने के लिये प्रेरित भी किया जा सकेगा।