रायपुर/ 14 फरवरी 2023। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को भाजपा सांसदो की शिकायत पर लोकसभा सचिवालय द्वारा दिया गया नोटिस विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि राहुल गांधी ने सदन में जो कहा वह भारत के एक-एक आदमी की आवाज है जो राहुल गांधी ने बोला वह पहले से ही पब्लिक डोमेन में है। उसमें कुछ भी असंसदीय नही है। देश में बैठी हुई मोदी सरकार अपनी आलोचना और अपने घोटाले के पर्दाफाश होने से डर रही इसलिये राहुल गांधी को नोटिस भेजा गया है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी के भाषण के अंश को असंसदीय बता कर सदन की कार्यवाही से हटाया गया। अब कांग्रेस नेता को नोटिस भेजकर अपने भ्रष्टाचार के खिलाफ उठने वाली आवाज का दमन जा रहा है। यह मोदी सरकार की तानाशाही देश के लोकतंत्र से ठेस पहुंचाने वाला कृत्य है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि सदन की कार्यवाही से भाषण के अंश को हटाकर राहुल गांधी को नोटिस भेजकर प्रधानमंत्री देश की जनता के सवालो से भाग नही सकते। देश की जनता जानना चाहती एलआईसी और एसबीआई के करोड़ो निवेशक जिन्होंने सरकार पर भरोसा करके अपनी गाढ़ी कमाई इस सरकारी संस्थाओं में लगाया था। जनता के धन का अडानी की कंपनी में क्यों और किसके दबाव में लगाया गया? एलआईसी और स्टेट बैंक के निवेशकों की रकम की सुरक्षित वापसी की घोषणा केन्द्र सरकार करें। यहां पर एलआईसी के 27 करोड़ पालिसी होल्डर तथा एसबीआई के यह करोड़ खाता धारकों के विश्वास और हितों का सवाल है। यह भारत सरकार की विश्वसनीयता पर भी सवाल है। मोदी सरकार अपनी समूह के इस घपलेबाजी की ईडी और सेबी से जांच कराये। मोदी सरकार अडानी के घपले की जांच ईडी से क्यों नहीं करवा रही है? क्या ईडी की स्थापना सिर्फ भाजपा के राजनैतिक विरोधियो के खिलाफ षडयंत्र करने के लिये किया गया है?
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि चंद दिनों में 120 मिलियन डॉलर अर्थात 10 लाख़ करोड़ से अधिक आम जनता के मेहनत का पैसा डूब गया है, देश की जनता को यह जानने का अधिकार है कि आखिर सरकारी बैंकों से अडानी को अनुपातहीन लोन किस के दबाव में दिया गया? षड्यंत्र उजागर होने के बाद भी एलआईसी का पैसा क्यों दबाव पूर्वक अडानी की कंपनी में लगवाया जा रहा है? एलआईसी और एसबीआई देश की जनता का भरोसा है, जिसे षडयंत्र पूर्वक व्यक्तिगत लाभ के लिए अपने पूंजीपत मित्र पर लुटाया जा रहा है। लाखों करोड़ के मनी लांड्रिंग, ब्लैकमनी, विदेशों में फर्जी सेल कंपनी बनाकर अडानी की कंपनी में लगाने के तथ्य उजागर हुए हैं। बाजार में निगरानी रखने की जिम्मेदारी “सेबी“ की होती है, लेकिन मोदी सरकार के दबाव में सेबी भी मौन है।
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