November 22, 2024
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रायपुर। छत्तीसगढ़ की नई तबादला नीति के तहत ट्रांसफर 16 अगस्त से 15 सितंबर तक करने का निर्णय किया गया है। जिला स्तर के तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के तबादले प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से कलेक्टर करेंगे। बिना प्रभारी मंत्री की सहमति तबादले नहीं किए जा सकेंगे। तबादले उन्हीं के होंगे, जो 15 अगस्त 2021 या उससे पहले से वहां कार्यरत हैं। नई नीति में वरिष्ठ अधिकारी का प्रभार किसी कनिष्ठ को देने पर रोक लगाई गई है। नीति में तबादला आदेश निरस्त नहीं किए जाएंगे। निर्धारित अवधि में कार्यभार ग्रहण नहीं करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
अब कलेक्टर यह तय करेंगे कि स्थानांतरण वाला पद जिला कॉडर का है तथा तबादला करने का अधिकार जिला स्तर पर ही होगा। स्थानांतरण के प्रस्ताव संबंधित विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी कलेक्टर के माध्यम से प्रभारी मंत्री को पेश करेंगे। प्रभारी मंत्री का अनुमोदन होने पर कलेक्टर आदेश जारी करेंगे। प्रदेश में तीन सालों से स्थानांतरण पर बैन था। पिछले महीने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में तबादला नीति बनाने मंत्रिपरिषद की उपसमिति बनाई गई थी। समिति के अध्यक्ष गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, मंत्री डॉ. मंत्री मोहम्मद अकबर, प्रेमसाय सिंह टेकाम, डॉ. शिव कुमार डहरिया, अनिला भेंडिया ने दो बैठकों के बाद अपनी सिफारिश मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भेज दी है।
संतुलन बनाने की कोशिश
तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों के मामले में काम करने वाले कुल कर्मचारियों की संख्या का अधिकतम 10 प्रतिशत ही स्थानांतरण किया जा सकेगा। यह भी ध्यान रखा जाएगा कि आदिवासी इलाकों में पदस्थ कर्मचारी का मैदानी में तबादला किया जा रहा है, तो उसकी जगह जाने वाले कर्मचारी का जो मैदानी इलाके से वहां जा रहा है आवेदन हो। इसका आशय यह है कि गांवों में जितने पद खाली हैं, शहरी इलाकों में लगभग उसी के अनुसार पद रिक्त रह सकें। ऐसे हालात न बनें कि शहरों में सब पद भरे रहें और ग्रामीण क्षेत्रों में कर्मचारी न जाएं। जिन पदों व स्थानों पर अधिकारी-कर्मचारी जरूरत से अधिक हैं, ऐसे स्थानों से स्थानांतरण न्यूनता वाली जगहों पर हो। किसी भी परिस्थिति में कमी वाली जगहों से भरे हुए स्थानों पर कर्मचारी नहीं भेजे जाएंगे।
पांच प्रतिशत शिक्षकों के तबादले
शिक्षा विभाग में प्रथम, द्वितीय, तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के अधिकारियों- कर्मचारियों के मामले में उनके कॉडर के कुल स्टाफ का पांच प्रतिशत ही स्थानांतरण होगा। स्थानांतरण से स्कूल शिक्षक विहीन होने या एकल शिक्षक वाले स्कूल से तबादले नहीं होंगे। किसी स्कूल में विषय शिक्षक का पद खाली होने की स्थिति में तबादला नहीं होगा। किसी स्कूल में छात्र-शिक्षक अनुपात 40 से अधिक या 20 से कम होने पर तबादले नहीं होंगे। आदिवासी इलाकों में एवजीदार के बिना नहीं होगा तबादला। आत्मानंद स्कूल तथा कार्यालयों में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ किसी भी स्थानांतरण बिना प्रतिनियुक्ति समाप्त किए नहीं होगा। ई से टी या टी से ई संवर्ग में तबादले नहीं होंगे। सहायक शिक्षक, शिक्षक, व्याख्याता एवं प्राचार्य कॉडर के तबादले शाला व्यवस्था को ध्यान में रखकर ही होंगे। गांवों से शहरों में शिक्षकों को नहीं भेजा जाएगा।
दिव्यांगों के पदस्थापना में सुविधा पर ध्यान
दिव्यांगों की पदस्थापना जिला व राज्य स्तर पर यथासंभव ऐसे स्थानों पर की जाएगी जहां से उन्हें आने-जाने में सुविधा हो। नई जगहों पर दो हफ्ते में ज्वाईनिंग न देने पर कार्रवाई होगी। अनुसूचित क्षेत्रों में रिक्त पद भरने के प्रयास होंगे। स्थानांतरण से रिक्त होने वाले पद की पूर्ति उसी पद या समकक्ष पद से की जाएगी। विशेष कनिष्ठ कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा स्थानीय निवासी होने के आधार पर नियुक्त जिला विशेष में की है तो उसे जिले के बाहर नहीं भेजेंगे, लेकिन अधिसूचित जिलों में परस्पर आपसी स्थानांतरण किए जा सकेंगे।
विभागीय मंत्री करेंगे राज्यस्तरीय तबादले
​​​​​राज्य स्तरीय तबादले विभाग स्तर पर होंगे। ये विभागीय मंत्रियों के अनुमोदन से ही होंगे। प्रथम व द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों के मामले में उनके कॉडर में कार्यरत अधिकारियों की कुल संख्या का 15-15 प्रतिशत एवं तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के मामले में कॉडर का 10 फीसदी ही तबादले किए जा सकेंगे। इसमें वे तबादले भी जोड़े जाएंगे जो जिला स्तर पर प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से किए गए हैं। विभागाध्यक्ष से आवेदन सीधे विभागीय मंत्री को नहीं भेजे जाएंगे। प्रस्ताव पहले एसीएस, पीएस, सेक्रेटरी व स्पेशल सेक्रेटरी स्वतंत्र प्रभार के जरिए ही मंत्री को भेजे जाएंगे। अनुमोदन के बाद विभाग आदेश जारी कर सकेगा। इसमें भी आदिवासी क्षेत्र, ग्रामीण व मैदानी इलाकों में पदस्थापना, आधिक्य व न्यूनता को लेकर जिला स्तरीय तबादलों वाला क्लॉज लागू होगा।

HNS24 NEWS

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