सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर सदन में चले तीखे तीर, एक-दूसरे पर जमकर आरोप
HNS24 NEWS July 27, 2022 0 COMMENTSरायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र में बुधवार को सरकार के खिलाफ पहले अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान आदिवासी दिवस पर टिप्पणी से हंगामा खड़ा हो गया। भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने आदिवासी दिवस पर छुट्टी को राजनैतिक छुट्टी करार दिया, जिसका कांग्रेस के आदिवासी विधायकों ने जमकर प्रतिवाद किया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी इसका विरोध करते हुए अजय चंद्राकर की भाषा पर आपत्ति की।
अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे ने विश्व आदिवासी दिवस 9 अगस्त का जिक्र करते हुए कहा, आदिवासी सम्मान से जुड़े इस दिवस को सरकार ने सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। इस पर भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा, विश्व आदिवासी दिवस उन देशों के लिए घोषित किया गया था, जहां आदिवासी समुदाय संकटग्रस्त हैं। हमारे देश की इतिहास-परंपरा से इसका कोई लेना-देना नहीं है। चंद्राकर ने कहा, यह विशुद्ध रूप से राजनीतिक छुट्टी है। इस बयान के बाद कांग्रेस के लगभग सभी आदिवासी विधायक विरोध में खड़े हो गए। उनका कहना था, ऐसा करके अजय चंद्राकर आदिवासी समुदाय का अपमान कर रहे हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी इसका विरोध किया। उन्होंने कहा, अजय चंद्राकर की यह भाषा हो गई है। किसी को आइटम गर्ल बोल दिया। किसी को चियरलीडर्स बोल दिया। यह ठीक नहीं है। हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने सदन की कार्यवाही को 10 मिनट के लिए स्थगित कर दिया। अजय चंद्राकर ने कहा, मैंने चार बार ये मांग की थी कि सदन में कौन से शब्द असंसदीय हैं या नहीं, ये बता दीजिए। आसंदी मुझे जो भी निर्देश देगा मैं मानूंगा। उन्होंने कहा, मेरे द्वारा दिए गए अब तक के तमाम बयान में मेरे किसी भी शब्द से किसी को ठेस पहुंची हो तो मैं माफी मांगता हूं।
इससे पहले अविश्वास प्रस्ताव पेश करते हुए नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा, इस सरकार ने सदन का विश्वास खो दिया है। उन्हें पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने 84 विंदुओं का अविश्वास प्रस्ताव सदन के पटल पर रखा। अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत करते हुए भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, इस सरकार ने पिछले तीन साल में कुछ भी नहीं किया। जिन वादों के सहारे इनको सत्ता मिली उसको भी पूरा नहीं कर पाए। सरकार के कुनबे में लठ चल रही है। मुख्यमंत्री को मंत्री, मंत्री को मुख्यमंत्री पर ही विश्वास नहीं है। प्रशासन को शासन पर विश्वास नहीं है। इसलिए अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है। कांग्रेस विधायक मोहन मरकाम ने कहा, सत्ता में आने के बाद सरकार ने किसानों की कर्जमाफी, अधिग्रहित जमीन वापस करने, 2500 रुपया प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदने जैसे बड़े काम किए हैं। सरकार आम लोगों के हक में काम कर रही है।
सबसे पहले भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने चर्चा शुरू करते हुए कहा, व्यक्ति नहीं सरकार के खिलाफ आरोप लगाते हैं। सरकार के एक मंत्री हमसे पहले ही मुख्यमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ले आए और उस मंत्री को हटाने का सरकार में दम नहीं है। 18 लाख लोगों के सिर से छत छीन ली जाए, इससे बड़ा अविश्वास कोई नहीं है। मंत्रियों के निर्णयों की समीक्षा चीफ सेक्रेटरी करें, ये कैसी सरकार है। उन्होंने विधायक छन्नी साहू का मामला उठाते हुए कहा, विधायक और विधायक पति भी सुरक्षित नहीं हैं। विधायिका का भी अपमान हो रहा है। ये कहां का हाउस है, जिसे लेकर विधायक कहते हैं कि सारा कार्य हाउस से संचालित हो रहा। प्रदेश की जनता ने नए सपने संजोकर बहुत बड़ा बहुमत दिया, लेकिन साढ़े तीन सालों में जनता के उम्मीद का गला घोट दिया गया है। सरकार अपने राष्ट्रीय नेता को भी झूठी जानकारी दे रही है। उनके राष्ट्रीय नेता कहते हैं कि छत्तीसगढ़ में फूड पार्क बनकर तैयार हो गया है। किसान वहां अपना टमाटर ले जाकर देते हैं। उन्हें नगद पैसा मिल रहा। टमाटर कैचअप बनाकर आ रहे हैं। हम लालटेन लेकर ढूंढ रहे है कि कहा है प्रदेश का फूड पार्क, जहां टमाटर लेकर जाते हैं और केचअप बनाकर आते हैं।
माफिया राज पनप रहा
पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, रेत से तेल निकालने की कहावत थी, लेकिन उस को चरितार्थ करने का काम मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार द्वारा किया जा रहा है। चुनाव आते ही सीमेंट के रेट, लोहे के रेट बढ़ जाते हैं। सरकार की संपत्ति को चोरी करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती। ट्रांसपोर्टर पर कार्रवाई की जाती है, खुदाई करने वाले पर नहीं। मैंने पहले ही कहा था, छत्तीसगढ़ में माफिया राज पैदा हो जाएगा।
हमने किए 30 वादे पूरे, भाजपा वादा कर मुकरी
अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में सत्तापक्ष के विधायक मोहन मरकाम ने कहा, देश में हमारी सरकार ने विश्वास हासिल किया है। 15 सालों की भ्रष्ट सरकार को उखाड़कर जनता ने हम पर भरोसा दिखाया। विपक्ष ने जो आरोप के बिंदु बनाए हैं, उसमें से एक भी आरोप सिद्ध नहीं होते। इनका पहला आरोप है कि हमने जनता के साथ विश्वासघात किया। हम 36 चुनावी वादों को लेकर जनता के बीच गए थे, उनमें से 30 वादों को भूपेश बघेल सरकार ने पूरा कर लिया है। उन्होंने कहा कि 15 साल बीजेपी की सरकार रही है। तीनों चुनाव के भाजपा के संकल्प पत्र हमारे पास हैं। बेरोजगारों को पांच सौ रुपए भत्ता देने का वादा था। हर आदिवासी परिवार को सरकारी नौकरी देने का वादा था। लघु सीमांत किसानों की कर्जमाफी का वादा था। पट्टा देने का वादा था। किसानों को 24 घंटे बिजली देने का वादा था। धान खरीदी में 300 रुपए बोनस देने का वादा किया था। एक एक दाना धान खरीदने का वादा किया था। इन वादों का क्या हुआ?
जनता बेहाल, भाजपा मालामाल
मरकाम ने कहा कि 2013-14 में भाजपा की संपत्ति 700 करोड़ रुपए थी। 2014 के बाद से आज तक की भाजपा की सम्पत्ति 4 हजार करोड़ रुपए है। जनता बेहाल, भाजपा मालामाल। भाजपा अक्सर कहती है कि सत्तर सालों में कांग्रेस ने क्या किया? बीजेपी के लोग ठीक कहते हैं। भाजपा ने अपनी संपत्ति बनाई और कांग्रेस ने परिसंपत्तियां बनाई। कांग्रेस की बनाई संपत्ति बेचकर मोदी देश चला रहे हैं। ये विकास पुरुष नहीं, विनाश पुरुष हैं। जो मोदी कहते थे ना खाऊंगा ना खाने दूंगा। आज गरीबों का निवाला छिनने वाली मोदी सरकार है। उन्होंने नारा दिया गया कि बहुत हुई महंगाई की मार, अबकी बार मोदी सरकार। अब देश की जनता कह रही है कि बहुत हुई महंगाई की मार, अब बस करो मोदी सरकार।
अगली बार 75 सीट लाएगी कांग्रेस
मंत्री रविन्द्र चौबे ने अविश्वास प्रस्ताव के विरोध में विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, हर चर्चा में केवल और केवल हमारे घोषणा पत्र की बात करते हैं। कभी आप पीछे मुड़कर देखते हैं कि दिल्ली में सरकार बनाने के लिए आपने कौन सा घोषणा पत्र बनाया था। हम जो वादा करके आए थे, उस पर जनता को भरोसा है। हमारे 71 विधायक हैं। इसके साथ ही उन्होंने इस बार 71, अगली बार 75 की बात कही। उन्होंने कहा कि बृजमोहन अग्रवाल के वक्तव्य में केवल दो बातें थी। सिंहदेव की चिट्ठी और कांग्रेस का घोषणापत्र। अजय चंद्राकर पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा, किसानों को दिए जा रहे पैसे को आप रेवड़ी कह रहे हैं। यही आपका दुर्भाग्य है। इस देश में किसानों के लिए कोई इतना पैसा नहीं दे सकता। दिल्ली, उत्तरप्रदेश में बीजेपी की सरकार है। धान की की कीमत यूपी में क्या है किसी से पूछ लेना? यूपी में एक हजार रुपए प्रति क्विंटल है। छत्तीसगढ़ में इस साल 2640 रुपए मिलेगा। 1640 रुपए का अंतर है।
केंद्र हमारा पैसा नहीं दे रहा
चौबे ने अपनी सरकार की चर्चा करते हुए कहा, दिल्ली से आप इतना भय क्यों खाते हैं? नेता प्रतिपक्ष सिर्फ यहीं भाषण दे सकते हैं। दिल्ली के नेता आते हैं, तो एक शब्द तक नहीं कहते। केंद्र सरकार से हमें तीस हजार करोड़ रुपए लेना है। इस पर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा, तीस हजार करोड़ रुपए किस-किस मद में लेना है, ये लिखकर दे दें। हम बात करेंगे। रविंद्र चौबे ने कहा, हम उत्पादक राज्य हैं। जीएसटी क्षतिपूर्ति भी केंद्र को करनी चाहिए। रमन सिंह की दस साल जब हुकूमत थी, तब दिल्ली में मनमोहन सरकार थी। तब ऐसी दिक्कत नहीं आई थी। केंद्र हमारा पैसा नहीं दे रहा। राज्य का राजस्व भी कम है। दिल्ली से पैसा तो दिया जाना चाहिए।
मंत्री फोन नहीं उठाते, दुर्व्यवहार करते हैं
भाजपा विधायक पुन्नूलाल मोहिले ने कहा, राज्य में आप हमारे साथ होने वाले दुर्व्यवहार को सुधारिए। मंत्री हमारा फोन नहीं उठाते। दुर्व्यवहार करते हैं, इसे सुधारिए। मैं दिल्ली आपके साथ चलूंगा। उन्होंने कहा, प्रदेश में अराजकता है। इस सरकार में छत्तीसगढ़ का विकास ठप हो गया है। प्रदेश में नरवा, गरुआ, घुरवा, बाड़ी योजना लाई गई। गोठान में गोबर खरीदी की जा रही है। दो रूपए का गोबर खरीदकर 10 रुपए में वर्मी कंपोस्ट बेच रहे हैं, वह भी मिट्टी मिला। किसानों को इसे लेना अनिवार्य कर सरकार उन्हें लूट रही है।
ऐतिहासिक बहुमत के बाद क्या कर रही सरकार
भाजपा विधायक रंजना डीपेंद्र साहू ने कहा, प्रदेश की जनता सरकार पर अविश्वास जता रही है। जो उदय हुआ है, उसका अंत होगा। ऐतिहासिक बहुमत मिलने के बाद भी सरकार क्या कर रही है? कर्ज लेने वाली सरकार है कांग्रेस की। विकास के लिए और कर्ज ले लीजिए। गरीबों को मिलने वाले अनाज पर भी सरकार ने भ्रष्टाचार की है। सरकार ने प्रदेश को हिंसा का गढ़ समझ रखा है। क्या कांग्रेस के यही संस्कार हैं। शराबबंदी के पक्ष में सत्तापक्ष की महिला सदस्य हैं या नहीं। शराबबंदी के लिए कमेटी बनी पर अब तक कोई रिजल्ट नहीं। सरकार का उद्देश्य शराबबंदी नहीं बल्कि शराब का अधिक विक्रय है। बहनों से यदि सरकार ने शराबबंदी का वादा किया है, तो उसे पूरा करना होगा।
समय सीमा तय करने पर हंगामा
पक्ष-विपक्ष में अविश्वास प्रस्ताव पर बोलने के समय पर सदन में जमकर हंगामा हुआ। दरअसल विधानसभा अध्यक्ष ने चर्चा के लिए कांग्रेस सदस्यों के लिए 4.08 घंटा, भाजपा के लिए 56 मिनट, जोगी कांग्रेस के लिए 17 मिनट और बीएसपी के लिए 9 मिनट का समय निधारित किया। छत्तीसगढ़ विधानसभा में सरकार के खिलाफ आए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा जारी है। इस प्रस्ताव के समर्थन और विरोध में बोलने वालों की संख्या 36 बताई जा रही है। सत्ता पक्ष की ओर से व्यवधान पर विपक्ष बिफर गया। आसंदी की समय सीमा की व्यवस्था का हवाला देकर विपक्ष ने हंगामा किया। सभापति सत्यनारायण शर्मा ने समय का ध्यान रखने की बात कही। इस पर सत्तापक्ष के सदस्यों ने भी टिप्पणी की। जिसे लेकर भाजपा सदस्यों ने आपत्ति जताई। मुख्यमंत्री भूपश बघेल ने कहा, सभी अलग-अलग दलों का समय निर्धारित किया गया है। आसंदी ने स्मरण भी दिलाया। फिर भी बृजमोहन जी का कहना है तो मैं बैठ जाता हूं। अगर उन्हें 56 मिनट अकेले कहना है तो बोल लेने दीजिए। मेरे कहने का उद्देश्य है कि समय का पूरा पालन किया जाना चाहिए। बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, मैं 33 सालों से सदन की कार्रवाई में शामिल हो रहा हूं। 10वीं बार अविश्वास प्रस्ताव की चर्चा में शामिल हुआ हूं। आज तक कभी चर्चा को रोकने की कोशिश नहीं हुई। ये अजीब नजारा है। सरकार हमको बोलने नहीं दे रही है।
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