November 22, 2024
  • 1:16 pm सभी जनप्रतिनिधियों और किसानों को सहकारिता से जोड़ा जाए – केदार कश्यप
  • 1:13 pm मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ सीमेंट ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा आयोजित दीपावली मिलन समारोह में हुए शामिल
  • 12:37 pm सुकमा जिले में आज सुबह सुरक्षाबलों ने एक बड़ी कार्रवाई में 10 नक्सलियों को मार गिराया
  • 6:28 am मुख्यमंत्री ने सपरिवार देखी ‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म
  • 7:40 pm सुरक्षा बल का हिस्सा बनकर होता है गर्व: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से बोली महिला कांस्टेबल

रायपुर। सुपेबेड़ा में शुद्ध पेयजल के लिए सामूहिक नल जल योजना और फिल्टर प्लांट की स्वीकृति को लेकर विपक्ष ने कहा कि साढ़े तीन साल में सरकार ने काम तक शुरू नहीं किया है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरु रुद्र कुमार ने कहा, पाइप का रेट बढ़ने के कारण एसओआर में परिवर्तन कर अभी टेंडर बुलाने की प्रक्रिया शुरू की गई है। टेंडर होने के बाद काम शुरू होगा। उन्होंने दावा किया कि 2023 तक हर घर में नल पहुंचा देंगे।
भाजपा विधायक डमरूधर पुजारी ने सुपेबेड़ा को लेकर प्रश्नकाल में पूछा कि राज्य सरकार द्वारा जनघोषणा पत्र 2018 में सुपेबेड़ा को लेकर क्या-क्या घोषणा की गई थी और उसमें कितनी घोषणाएं पूर्ण हो गई? सुपेबेड़ा में सामूहिक नल जल और फिल्टर प्लांट की स्वीकृति कब मिली है? पानी पीने से हुई बीमारी का कारण? पिछले 3 सालों में सुपेबेड़ा में कितने लोगों की मौत हुई है? लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरु रुद्र कुमार ने अपने जवाब में कहा, राज्य सरकार द्वारा आत्मसात जन घोषणा पत्र 2018 में सुपेबेड़ा को लेकर कोई भी घोषणा नहीं की गई थी। सुपेबेड़ा और आसपास के 8 गांवों में तेलनदी से पेयजल के लिए समूह जल प्रदाय योजना की घोषणा 2 फरवरी 2019 को की गई। फिल्टर प्लांट की स्वीकृति अलग से नहीं दी गई है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ मंत्री के साथ संयुक्त दौरे में स्वीकृत योजना पर काम जारी है। 13 अगस्त 2021 को प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त सुपेबेड़ा समूह जल प्रदाय योजना अंतर्गत फिल्टर प्लांट निर्माण का काम सम्मिलित है। उन्होंने कहा कि गरियाबंद में कोई भी सामूहिक नल जल योजना नहीं चल रही है।
इस कारण कार्य में देरी
मंत्री ने बताया कि सूपेबेड़ा में सामूहिक नल जल योजना और फिल्टर प्लांट को राज्य सरकार पहले अपने बजट से बनाने की स्वीकृति दी। ऑनलाइन निविदा बुलाई गई। निविदा प्रकरण में न्यूनतम निविदाकार द्वारा निविदा की वैधता अवधि बढ़ाने असहमति व्यक्त की गई। इसके परिपेक्ष्य में राज्य स्तरीय स्कीम सेक्शनिंग कमेटी की बैठक में 18 फरवरी द्वारा लिए गए निर्णय पर पुन: निविदा आमंत्रण किया गया है। अब इसे जल जीवन मिशन से पूरा किया जाना है। इस बीच पाइप के रेट बढ़ने से रिवाईज्ड एसओआर जारी किया गया। अब टेंडर लगाया जा रहा है। विपक्ष ने आरोप लगाया कि तीन साल में एक भी ईंट नहीं लगी। यहां के लोगों को सरकार वादा करके मुकर रही है।

HNS24 NEWS

RELATED ARTICLES
LEAVE A COMMENT