अनियमित, संविदा और दैवेभो कर्मचारियों के नियमितिकरण पर हंगामा, विपक्ष का वॉकआउट, मुख्यमंत्री ने कहा- महाअधिवक्ता से मांगा गया अभिमत
HNS24 NEWS July 28, 2022 0 COMMENTSरायपुर। विधानसभा में अनियमित, संविदा, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के नियमितीकरण का मामला विपक्ष ने उठाया। विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार कर्मचारियों को गुमराह कर रही है। ढाई साल में कमेटी की बैठक एक बार हुई है। अभी तक विधि विभाग से अभिमत नहीं आया है। मुख्यमंत्री ने कहा, समिति को जल्द बैठक करने और अभिमत देने निर्देशित करेंगे। विपक्ष ने हंगामा करते हुए कहा, सरकार की नीयत नहीं है कि नियमितिकरण करें। विपक्ष ने मुख्यमंत्री के जवाब से असंतुष्ट होकर सदन से वॉकआउट किया।
प्रश्नकाल में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने पूछा कि कितने कर्मचारियों को नियमित किया गया? मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जवाब में कहा, 11 दिसंबर 2019 को प्रमुख सचिव वाणिज्य एवं उद्योग तथा सार्वजनिक उपक्रम की अध्यक्षता में प्रमुख सचिव विधि-विधायी, सचिव सामान्य प्रशासन, सचिव वित्त, सचिव पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग और सचिव आदिम जाति-अनुसूचित जनजाति विकास विभाग की एक कमेटी बनाई गई है। कमेटी की एक बैठक भी हो चुकी है। मुख्यमंत्री ने बताया कि विभागों और निगम, मंडल, आयोगों से कार्यरत अनियमित, दैनिक वेतनभोगी और संविदा कर्मचारियों की जानकारी मंगाई गई है। कई विभागों से जानकारी आ चुकी है। कई विभागों से जानकारी आनी बाकी है। कई मामले कोर्ट में भी चल रहे हैं। 28 मई 2019 को महाअधिवक्ता को चिट्ठी लिखकर अभिमत मांगा गया है। कोरोना की वजह से भी देरी हुई। अब हालात सामान्य हो रहे हैं। कब तक होगा समय सीमा बताना निश्चित नहीं है। हमारी कोशिश है कि घोषणापत्र के वादे पूरे कर दिए जाएं।
ढाई साल में एक बैठक
भाजपा नेता अजय चंद्राकर ने कहा, आज ही की प्रश्नोत्तरी में एक जवाब में बताया गया है कि 25 लोगों का नियमितीकरण किया गया है। इसके लिए अभिमत कैसे मिल गया? वहीं विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि कमेटी ने अब तक अनुशंसा नहीं की है? 9 जनवरी 2020 को कमेटी की बैठक हुई थी। ढाई साल बीत गए। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा, 2020 से 2022 हो गया मगर अब तक अभिमत नहीं आया। विपक्ष ने कहा, सदन को गुमराह किया जा रहा है।
नहीं हो सकता नियमितीकरण
भजापा विधायक सौरभ सिंह ने कहा, सुप्रीम कोर्ट का 2006 का निर्णय है। नियमितीकरण हो ही नहीं सकता था। जनघोषणा पत्र के माध्यम से लोगों को गुमराह किया गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जवाब में कहा, अभिमत भी आएगा और नियमितीकरण भी होगा। विपक्ष ने इस पर नाराजगी जताते हुए सदन में हंगामा करते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। स्थिति को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने 10 मिनट के लिए सदन की कार्रवाई स्थगित कर दी।
जल्द बैठक कर अभिमत लेंगे
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने फिर अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण का मुद्दा उठाया। मुख्यमंत्री ने इस पर कहा मैं निर्देशित करूंगा कि जल्द से जल्द कमेटी की बैठक आयोजित की जाए। अभिमत की प्रक्रिया तेज की जाए। जिन विभागों से जानकारी नहीं आई है, वहां से जानकारी जल्द बुलाने के भी निर्देश दूंगा। मुख्यमंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने वॉकआउट किया।
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