November 22, 2024
  • 5:07 pm मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय 23 नवम्बर को बिलासपुर में 143 करोड़ की लागत के विकास कार्यों का करेंगे लोकार्पण
  • 1:16 pm सभी जनप्रतिनिधियों और किसानों को सहकारिता से जोड़ा जाए – केदार कश्यप
  • 1:13 pm मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ सीमेंट ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा आयोजित दीपावली मिलन समारोह में हुए शामिल
  • 12:37 pm सुकमा जिले में आज सुबह सुरक्षाबलों ने एक बड़ी कार्रवाई में 10 नक्सलियों को मार गिराया
  • 6:28 am मुख्यमंत्री ने सपरिवार देखी ‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म

रायपुर। केंद्र सरकार ने निर्णय लिया है कि जून, 2022 के बाद राज्यों को दी जाने वाली जीएसटी की क्षतिपूर्ति बंद कर दी जाएगी। इससे उत्पादक राज्यों को राजस्व की भारी हानि होगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट किया-हमने केंद्र से जीएसटी क्षतिपूर्ति जारी रखने या वैकल्पिक व्यवस्था बनाने का आग्रह किया था। मैंने 17 राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि केंद्र सरकार से क्षतिपूर्ति दस वर्ष तक जारी रखने के लिए साझा आग्रह किया जाए।
महाराष्ट्र रवाना होने से पहले स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से चर्चा में कहा, क्षतिपूर्ति को जारी रखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से चर्चा हो चुकी है। हालांकि उस पर अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है। इससे उत्पादक राज्यों को नुकसान होना है। छत्तीसगढ के राजस्व में बड़े पैमाने पर कमी आएगी। उन्होंने कहा, कानून बना था कि जीएसटी भारत सरकार को देना था, उस समय नहीं दे पा रहे थे। तब उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार लोन लें ले और पेमेंट की गारंटी राज्य सरकार दे। उसकी पुर्ति हम करेंगे। उस समय भी हमने कहा था कि हर राज्य अलग-अलग बैंकों से बात करेंगे और उनका के ब्याज दर अलग-अलग होगा। शर्ते अलग-अलग होगी ऐसे में भारत सरकार ही लोन लेकर हमको दे दे। उसके विरूद्ध पैसा भारत सरकार को ही देना है, तो पटाने का काम भी वह करें। उस समय यह बात मैने कही थी। अब भारतीय जनता पार्टी से अथर्व्यवस्था सुधर नहीं रहा समझ लिया।
5 हजार करोड़ का नुकसान
उन्होंने कहा, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश जैसे मैन्युफैक्चरिंग राज्यों के लिए जीएसटी क्षतिपूर्ति नहीं मिलना एक बड़ा वित्तीय नुकसान होगा। वि-निर्माण राज्य होने के नाते, देश की अर्थव्यवस्था के विकास में हमारा योगदान उन राज्यों की तुलना में बहुत अधिक है, जिन्हें वस्तुओं और सेवाओं की अधिक खपत के कारण जीएसटी शासन से लाभ हुआ है। यदि जीएसटी क्षतिपूर्ति जून 2022 से आगे जारी नहीं रखा गया, तो छत्तीसगढ़ भारी राजस्व नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। आगामी वित्तीय वर्ष में लगभग 5,000 करोड़ का नुकसान हो सकता है। ठीक इसी तरह दूसरे राज्यों को भो आगामी वित्तीय वर्ष में राजस्व प्राप्तियां कम होगी। राज्यों को इस समस्या से जनहित और विकास कार्यों के लिए पैसों की व्यवस्था करना बहुत कठिन हो जाएगा।
गलत ढंग से जीएसटी लागू करने परिणाम अब आ रहे
जीएसटी जब लागू किया गया था तब भी हमारे लोगों ने कहा था कि इस गलत ढंग से लागू किया जा रहा है। अब वह रिजल्ट सामने आ रहा है। जीएसटी के कारण लगातार महंगाई बढ़ रही है। पेट्रोलियम पदार्थाें के भाव बढ़ रहे है। गैस के भाव बढ़ रहे हैं। रोज पेट्रोल-डीजल में प्रतिस्पर्धा हो रही है। महंगाई भी लगातार बढ़ रही है, अब राज्यों को इसका घाटा होगा। केंद्र सरकार का राजनीतिक बयान बाजी करने के बजाय समस्या के समाधान के बारे में आगे बढ़ना चाहिए।
इन राज्यों को लिखा पत्र
सीएम बघेल ने जिन राज्यों के सीएम को पत्र लिखा है उनमें ओडिशा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, झारखंड, राजस्थान, पंजाब, बिहार, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, हैदराबाद, तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल, तेलंगाना और केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली शामिल है। मुख्यमंत्री बघेल ने इसमें राज्यों के मुख्यमंत्रियों से चर्चा करते हुए तीन बिंदुओं में अपनी बात रखी है, जिसमें उन्होंने कहा है कि केंद्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता में 29 दिसंबर, 2021 को नई दिल्ली में राज्यों के मुख्यमंत्रियों और वित्त मंत्रियों के साथ बजट-पूर्व बैठक में छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों ने जून 2022 में समाप्त होने वाले जीएसटी मुआवजे पर चिंता व्यक्त की थी और केंद्र सरकार से इसे और 5 साल के लिए बढ़ाने का अनुरोध किया, जबकि इस मामले में सभी राज्य केंद्र सरकार से सकारात्मक निर्णय की उम्मीद रखते हैं।
क्षतिपूर्ति जारी रखने की मांग
श्री बघेल ने बताया है कि जीएसटी व्यवस्था की शुरुआत के बाद टैक्स नीति पर राज्यों की स्वतंत्रता बहुत कम हो गई है। वाणिज्यिक टैक्स के अलावा, राज्यों के पास टैक्स राजस्व की अन्य मदों में राजस्व बढ़ाने के लिए विकल्प नहीं बचे हैं। इसलिए, अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 के दुष्प्रभाव से उबरने के लिए और राज्यों को जीएसटी का यथोचित लाभ मिलने तक, राज्यों को केंद्र सरकार से अनुरोध करना चाहिए कि वह कम से कम अगले 5 के लिए जीएसटी की कमी के लिए क्षतिपूर्ति के मौजूदा तंत्र को जारी रखे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विश्वास जताया कि राज्य उनकी बात से सहमत होंगे और एक साथ इस मुद्दे पर केंद्र से सहमति का साझा अनुरोध करेंगे।

HNS24 NEWS

RELATED ARTICLES
LEAVE A COMMENT