आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था पर मोदी के लेक्चर के दौरान अधिकतर भाजपा नेता मायूस और उदास तो कुछ सोए हुए नजर आए : धनंजय
HNS24 NEWS February 2, 2022 0 COMMENTSरायपुर/ 02 फरवरी 2022। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मोदी जी को अब भाजपा के नेता भी सुनना नहीं चाहते हैं। हर हर मोदी घर घर मोदी का नारा लगाने वाले भाजपा के नेता और कार्यकर्ता भी आम जनता की तरह ही अब 2024 में मोदी सरकार की विदाई का इंतजार कर रहे। भाजपा के नेता और कार्यकर्ता भी अब मोदी सरकार के ययोजना पर भरोसा नही करते केंद्र सरकार से किसी भी प्रकार के राहत सहायता या मदद की उम्मीद नहीं करते हैं ना ही रोजगार शिक्षा स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतरी की उम्मीद करते हैं।मोदी जी के आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था के विषय पर लेक्चर के दौरान भाजपा कार्यालय में भाजपा के अधिकांश नेता गंभीर निद्रा में एवं अन्य कामों में व्यस्त होकर टाइम काटते नजर आए।वित्त मंत्री सदन में जब बजट पढ़ती है तो भाजपा के सांसद सो जाते है और जब मोदी जी टेलीप्रॉम्प्टर से पढ़कर बजट की विशेषता बताते है तब भाजपा कार्यालय में भाजपा के नेता और कार्यकर्ताओं सो जाते है। मोदी सरकार के गलत नीतियों के चलते देश हर वर्ग आर्थिक ,शारीरक,मानसिक रूप से थक हुआ है उसमें से भाजपा के नेता भी पीड़ित और प्रताड़ित है। जनता बीते 7 साल से मोदी की मन की बात और जुमला सुनकर पक गई है। अब भाजपा नेता भी मोदी के वक्तव्य से कन्नी काटने लगे हैं। मोदी सरकार के दसवे बजट को लेकर देश के सभी वर्गों में भारी हताशा नाराजगी और आक्रोश है सिर्फ एक ही वर्ग जिसमें चंद पूंजीपति मोदी के मित्र हैं वही इस बजट को लेकर खुश दिख रहे हैं।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सदन में बजट प्रस्तुत की उसके बाद हालात यह हैं कि भाजपा के नेता इस बजट से देश के किसानों को युवाओं को महिलाओं को छात्रों को छोटे मझोले व्यापारियों को क्या मिला यह बताने के स्थिति में नही है।मोदी सरकार के बेहद निराशाजनक और दिशाहीन बजट प्रस्तुत करने के बाद देश की जनता के आक्रोश को दबाने के लिए मोदी के पीआर कंपनी अब पुनः इवेंट कर इस थके हुए बजट को शक्तिशाली और शक्ति वर्धक बताने में जुटे हुए हैं। जबकि सच्चाई यह है कि स्वयं वित्त मंत्री भी इस बजट के सार्थकता के बारे में शत-प्रतिशत बताने में नाकाम है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार के दसवें बजट में मात्र 60 लाख रोजगार उपलब्ध कराने के प्रावधान के बाद भाजपा के नेता 2 करोड़ रोजगार प्रतिवर्ष देने का वादा किए थे वह अब मुंह छिपाते घूम रहे हैं। किसानों की आय बढ़ाने एवं एमएसपी की गारंटी देने का दंभ भरने वाली मोदी सरकार एमएसपी पर खरीदी के बजट में ही लगभग 80हजार करोड रुपए की कटौती कर दी है स्वास्थ्य के क्षेत्र में 3000 करोड़ से ज्यादा कटौती किया गया है खाद्यान्न प्रबंधन में 15 हजार करोड़ की कमी कर दी गई है मनरेगा जो कोरोना काल में मजदूरों को रोजगार देने में रीढ की भूमिका निभाई थी जिसका बजट 1 लाख 50 हजार करोड़ के लगभग था उस में कटौती कर 73000 करोड़ पर कर दिया गया है रसोई गैस पेट्रोल डीजल के दामों में कमी करने कोई प्रावधान नहीं किया गया किसानों के खाद्य सब्सिडी जो एक लाख 40 हजार करोड़ था उस में कटौती कर 1लाख 5 हजार करोड़ कर दिया गया। मोदी सरकार के बजट में हर बार की तरह ही इस बार भी किसान मजदूर महिलाएं युवाओं के साथ धोखाधड़ी हुआ है चन्द पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने मंशा से बजट बनाई गई है 400 से अधिक वंदे मातरम ट्रेन चलाने का सब्जबाग दिखाया गया है। बुलेट ट्रेन का अता पता नहीं है।
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