बृजमोहन अग्रवाल ने लगाया आरोप ,पाकिस्तानी संस्था को 25 एकड़ जमीन देने की तैयारी कर रही है सरकार :
HNS24 NEWS January 2, 2022 0 COMMENTSरायपुर : पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में कालीचरण महाराज को रिहा करने की मांग की है और वही उन्होंने प्रदेश सरकार को घेरते हुए सवाल उठाते हुए कहा अभी एक छोटा विज्ञापन छपा है जिसमें बोरियाखुर्द का जिसमें 25 एकड़ जमीन एक संस्था को देने का दावते इस्लामी संस्था को जमीन देने की तैयारी कर रही है जिसके लिए दावा आपत्ति मांगी गई है,छत्तीसगढ़ के स्वाभिमान की बात करने वाले छत्तीसगढ़ में लगभग 5000 से ऐसे आयोजन आवेदन है जो सामाजिक संस्थाओं में सामुदायिक भवन के लिए जमीन मांगी है उनको कहा गया है 750 फुट से ज्यादा जमीन नहीं दी जा सकती और बृजमोहन अग्रवाल ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा पाकिस्तानी संस्था को जिसका रजिस्ट्रेशन पाकिस्तान में ऐसी संस्था को 25 एकड़ जमीन उनको सामुदायिक भवन बनाने के लिए देने की इश्तिहार निकाली गई है
यह जो संस्था है 1981 में पाकिस्तान के कराची में बने दावत इस्लामी जिस के संस्थापक मौलाना इलियाज कादरी है बृजमोहन ने कहा हम सरकार से पूछना चाहते हैं कि यह संस्था का मुख्यालय कहां है!
देश की सरकार ने इस संस्था को विदेशों से पैसे मिलते हैं यह संस्था भारत में आतंकवाद फैलाने का काम करती है यह संस्था भारत में धर्मांतरण का काम करते हैं ऐसे तथ्य सामने आए हैं मुझे नहीं लगता है कि तहसीलदार ने अपने मर्जी से विज्ञापन निकाला है, निश्चित रूप से राजनीतिक दबाव से यह विज्ञापन निकाला गया है तहसीलदार ने।
इस जमीन में सरकारी पैसे से वृक्षारोपण किया गया है छत्तीसगढ़ में इस बात को लेकर लोगों में बहुत ज्यादा आक्रोश है। बृजमोहन ने कहा मैंने पहले भी कहा था की कवर्धा की घटना में सरकार कार्रवाई नहीं कर रही है और ऐसी घटना रायपुर में कभी घटना घटित हो सकती है घटना अगर हम लोग नियंत्रित नहीं करते तो छत्तीसगढ़ में भी वह घटना बहुत बड़ा सामुदायिक रूप ले सकती थी,
दावत ए इस्लामी संस्था को रायपुर के बोरियाखुर्द में सामुदायिक भवन के निर्माण के लिए शासकीय जमीन आबंटन के ईश्तहार प्रकाशन में त्रुटि के लिए प्रभारी अधिकारी भू-आवंटन एवं अत्तिरिक्त तहसीलदार को एसडीएम देवेंद्र पटेल नोटिस जारी करने के निर्देश दिए है।
दावत ए इस्लामी नामक संस्था ने रायपुर के बोरियाखुर्द में सामुदायिक भवन के निर्माण के लिए 10 हेक्टेयर शासकीय जमीन आबंटन के लिए आवेदन जिला कलेक्टर को जनवरी में किया गया था। आवेदन पर अतिरिक्त तहसीलदार के द्वारा ईश्तहार प्रकाशन का ज्ञापन जारी किया गया था। ईश्तहार प्रकाशन के बाद आवेदक सैयद कलीम ने आवेदन इसलिए वापस ले लिया गया कि उसमें 10 हेक्टेयर लिखा गया है, जबकि संस्था को तो केवल 10 हजार वर्गफूट जमीन की आवश्यकता थी, इसमें खसरा नंबर भी गलत लिखा गया था। तहसीलदार द्वारा उक्त आवेदन को 1 जनवरी 2022 को ही निरस्त कर दिया गया है।
शासन स्तर पर आबंटन
एसडीएम पटेल ने बताया कि आरबीसी के प्रावधान के अनुसार 10 हजार वर्गफुट भूमि आबंटन तहसीलदार/ जिला स्तर पर नहीं किया जा सकता। वहीं किसी संस्था को भूमि आवंटन दावा-आपत्ति के बाद शासन को अनुमोदन हेतु भेजा जाता है। दावत ए इस्लामी का प्रकरण प्रारंभिक स्थिति में ही निरस्त हो गया है।