मुख्यमंत्री आज इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में लगभग 30 करोड़ रूपए लागत के विकास कार्याें का करेगें लोकार्पण
HNS24 NEWS October 8, 2021 0 COMMENTSरायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कल 8 अक्टूबर को इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत लगभग 30 करोड़ रूपये की लागत से निर्मित भवनों एवं अन्य अधोसंरचनाओं का उद्घाटन एवं लोकार्पण करेंगे। मुख्यमंत्री कल प्रातः 11 बजे इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय परिसर स्थित नवनिर्मित कृषि विज्ञान केन्द्र भवन, अक्ती जैवविविधता संग्रहालय, नवनिर्मित नॉलेज सेंटर भवन एवं रिकार्डिंग स्टूडियो तथा फाइटोसेनेटरी प्रयोगशाला का लोकार्पण करेंगे। कृषि विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित समारोह में श्री बघेल उद्यानिकी महाविद्यालय, जगदलपुर एवं कृषि महाविद्यालय, रायगढ़ के नवनिर्मित महाविद्यालय भवन, बालक छात्रावास एवं कन्या छात्रावास भवनों का उद्घाटन भी करेंगे। इसके साथ ही वे 16 कृषि महाविद्यालयों में निर्मित ई-क्लासरूम का वर्चुअल उद्घाटन भी करेंगे। मुख्यमंत्री इस अवसर पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित धान से प्रोटीन, ग्लूकोज एसं शुगर सीरप निर्माण तकनीक का लोकार्पण भी करेंगे तथा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित आठ नवीन फसल किस्मों को प्रसारित करेंगे। समारोह की अध्यक्षता कृषि एवं जैव प्रौद्योगिकी मंत्री रविन्द्र चौबे करेंगे तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री सत्यनारायण शर्मा, विधायक, रायपुर ग्रामीण, श्रीमती अनिता योगेन्द्र शर्मा, विधायक, धरसींवा, डॉ. ए.के. सिंह, उप महानिदेशक प्रसार, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली, डॉ. कमलप्रीत सिंह, कृषि उत्पादन आयुक्त, छत्तीसगढ़ शासन एवं डॉ. एस.के. पाटील, कुलपति, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर उपस्थित रहेंगे।
मुख्यमंत्री श्री बघेल इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में प्रवास की शुरूआत यहां 1 करोड़ 41 लाख रूपये की लागत से नवनिर्मित कृषि विज्ञान केन्द्र भवन के लोकार्पण से करेंगे। वे यहां साढ़े नौ करोड़ रूपये की लागत से निर्मित उद्यानिकी महाविद्यालय जगदलपुर के नवनिर्मित भवन, बालक छात्रावास एवं कन्या छात्रावास का उद्घाटन करेंगे। मुख्यमंत्री साढ़े नौ करोड़ रूपये की लागत से ही निर्मित कृषि महाविद्यालय, रायगढ़ के नवनिर्मित भवन, बालक छात्रावास एवं कन्या छात्रावास का भी लोकार्पण करेंगे । मुख्यमंत्री श्री बघेल राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत 6.65 करोड़ रूपये की लागत से निर्मित फाइटोसेनेटरी प्रयोगशाला का लोकार्पण करेंगे। इस प्रयोगशाला के प्रारंभ होने से छत्तीसगढ़ से खाद्य पदार्थाें के निर्यात हेतु फसलों एवं खाद्य पदार्थाें में हेवीमेटल्स, कीटनाशक तथा विषाक्त तत्वों की जांच की जा सकेगी। बघेल इस अवसर पर खाद्य प्रसंस्करण प्रयोगशाला एवं टिश्यू कल्चर प्रयोगशाला का अवलोकन भी करेंगे। उल्लेखनीय है कि टिश्यू कल्चर प्रयोगशाला में प्रतिवर्ष केला, गन्ना, जरबेरा एवं ऐलोवेरा के 10 लाख टिश्यू कल्चर पौधें तैयार किये जाते हैं।
मुख्यमंत्री बघेल इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत 1.40 करोड़ रूपये की लागत से निर्मित नॉलेज सेन्टर एवं रिकार्डिंग स्टूडियो का उद्घाटन करेंगे एवं यहां से किसानों के नाम संदेश का प्रसारण करेंगे। इस नॉलेज सेन्टर का निर्माण कृषि की आधुनिक तकनीक एवं ज्ञान को डिजीटल रूप में तैयार करने, ऑडीयो विजूअल रिकार्डिंग एवं ऑडीयो विजुअल सामग्री के प्रसारण हेतु किया गया है। इस सेन्टर में फिल्म निर्माण हेतु स्टूडियो तथा छोटे आडिटोरियम की व्यवस्था भी की गई है। बघेल यहां आर.एल. रिछारिया प्रयोगशाला में धान की 24 हजार 750 पारंपरिक प्रजातियों एवं अन्य फसलों की 6 हजार 125 प्रजातियों के जनन द्रव्य संग्रहण हेतु निर्मित अक्ती जैवविविधता संग्रहालय का उद्घाटन भी करेंगे। इस संग्रहालय में धान एवं अन्य फसलों की 30 हजार 875 प्रजातियों का भौतिक रूप से प्रदर्शन किया गया है तथा उनके विशिष्ट गुण एवं विस्तृत जानकारियां डिजीटल रूप में प्रदर्शित की गई हैं। मुख्यमंत्री इस अवसर पर कृषि महविद्यालय रायपुर, राजनांदगांव, जगदलपुर, अम्बिकापुर, बिलासपुर, भाटापारा, कवर्धा, बेमेतरा, कोरिया, जांजगीर-चांपा तथा उद्यानिकी महाविद्यालय जगदलपुर एवं राजनांदगांव में 1 करोड़ 28 लाख रूपये से नवनिर्मित ई-क्लास रूम का वर्चुअल उद्घाटन करेंगे। बघेल यहां इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित चांवल से प्रोटीन, ग्लूकोज, शुगर सीरप के निर्माण की तकनीक का लोकार्पण भी करेंगे। मुख्यमंत्री इस अवसर पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित 8 नवीन फसल प्रजातियों को जारी करेंगे जिनमें धान की बौनी विष्णुभोग, बौनी सोनागाठी, छत्तीसगढ़ धान-1919, छत्तीसगढ़ तेजस्वी धान, मक्के की सी.जी. अगेती संकर मक्का, सोयाबीन की छत्तीसगढ़ सोयाबीन-1115, करायत की सी.जी. करायत-1 तथा गूसबेरी की सी.जी. केप गूसबेरी-1 प्रजातियां शामिल हैं।
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