November 22, 2024
  • 5:07 pm मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय 23 नवम्बर को बिलासपुर में 143 करोड़ की लागत के विकास कार्यों का करेंगे लोकार्पण
  • 1:16 pm सभी जनप्रतिनिधियों और किसानों को सहकारिता से जोड़ा जाए – केदार कश्यप
  • 1:13 pm मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ सीमेंट ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा आयोजित दीपावली मिलन समारोह में हुए शामिल
  • 12:37 pm सुकमा जिले में आज सुबह सुरक्षाबलों ने एक बड़ी कार्रवाई में 10 नक्सलियों को मार गिराया
  • 6:28 am मुख्यमंत्री ने सपरिवार देखी ‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म

मंदसौर : पारस राठौर : ई-श्रम कार्ड के जरिए देश के करीब 38 करोड़ असंगठित मजदूरों का डाटा तैयार किया जाएगा।

ई-श्रम कार्ड योजना से असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को फायदा होगा। इस योजना से देश के लगभग 38 करोड़ से ज्यादा श्रमिक संगठित हो सकेंगे। इस कार्ड की खास बात ये है कि आने वाले समय में सरकार की सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी जो भी योजनाएं होंगी, श्रमिकों को उनका फायदा दिया जाएगा। उन्हें एक कार्ड भी दिया जाएगा, जिसके जरिए मजदूर अगर दूसरे राज्यों में काम करने जाते हैं, तो उन्हें अपनी स्किल के आधार पर काम करने का मौका मिलेगा।

*क्या है ई-श्रम कार्ड*

ई-श्रम कार्ड के जरिए देश के करीब 38 करोड़ असंगठित मजदूरों का डाटा तैयार करना है। इस कार्ड पर उनका 12 अंकों का यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) बनेगा। जिस पर उनके कार्य क्षेत्र और परिवार से संबंधित सभी जानकारी उपलब्ध होंगी। इससे उन्हें सरकार की ओर से चलाई जा रही तमाम सुविधाएं बिना किसी रुकावट के मिल सके।

*क्यों है ई-श्रम कार्ड जरूरी*

दरअसल देखा गया कि देश में असंगठित क्षेत्र के तीन-चार तरह के श्रमिक या मजदूर काम करते हैं, जिन्हें काफी मदद की जरूरत है। इसमें ग्रामीण इलाकों में खेती के काम या मेहनत मजदूरी करने वाले, दूसरे जो शहरों आदि में घरों में काम करते हैं। वहीं तीसरे वो जो खुद का रोजगार करते हैं, जैसे- रेहड़ी, पटरी वाले। इसके अलावा कंस्ट्रक्शन के काम में लगे मजदूर को भी सामाजिक सुरक्षा की जरूरत है। कोरोना काल में कई स्कीमें चलाई गई, लेकिन उस वक्त समस्या ये थी कि किस मजदूर या श्रमिक तक मदद पहुंच पाएगी या नहीं, इसके लिए कोई डाटाबेस नहीं या रिकॉर्ड नहीं था। ऐसा इसलिए क्योंकि ये मजदूर एक जगह नहीं रहते हैं। जहां काम मिलता है वहां चले जाते हैं।

*ग्रामीण क्षेत्रों में कॉमन सर्विस सेंटर कर रहे मदद*

श्रमिकों को अपने रजिस्ट्रेशन के लिए जगह-जगह चक्कर न काटना पड़े, इसके लिए कॉमन सर्विस सेंटर यानि सीएससी रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की गई है। लगभग हर गांव में कॉमन सर्विस सेंटर है और लोग वहां पहुंच रहे हैं। जहां तक डॉक्यूमेंट की बात है, तो मंत्रालय ने काफी आसान प्रावधान रखा है। मजदूर सिर्फ अपना आधार नंबर लेकर जा सकते हैं, अगर आधार से बैंक अकाउंट जुड़ा हुआ है, तो बैंक अकाउंट भी देने की जरूरत नहीं है। 80 प्रतिशत से ज्यादा रजिस्ट्रेशन कॉमन सर्विस सेंटर से हुए हैं। अगर कोई खुद से कराना चाहता है तो www.eshram.gov.in पोर्टल के जरिए करा सकते हैं।

*इन जगहों से भी करा सकते हैं रजिस्ट्रेशन*

एक राष्ट्रीय टोल फ्री नंबर- 14434 भी शुरू किया गया है। जिस पर कॉल करके कोई समस्या का समाधान पा सकते हैं। यहां ये भी जानना जरूरी है कि सिर्फ सीएससी ही नहीं लेबर ऑफिस, या फिर खुद से भी फोन के जरिए रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। बता दें कि ई-श्रमिक पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के बाद एक कार्ड दिया जाएगा। जिस पर एक UN नंबर दिया होगा, जो कि काफी महत्वपूर्ण हैं। इस नंबर पर मजदूर के परिवार के सदस्य आदि की जानकारी होंगी।
इस सरकारी डेटाबेस में पीएम श्रम योगी मानधन योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और पीएम जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) सहित सामाजिक सुरक्षा (पेंशन, बीमा) योजनाओं को जोड़ा जाएगा। असंगठित कामगार इस डेटाबेस प्लेटफॉर्म के माध्यम से इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे। श्रम मंत्रालय ने ई-श्रम पोर्टल पर असंगठित श्रमिकों के पंजीकरण के लिए लगभग 404 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी है।

ई-श्रम पोर्टल और कार्ड से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें

– देश के असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए ई-श्रम पोर्टल है।

– देश के हर मजदूर का रिकॉर्ड रखा जाएगा।

– पीएम श्रम योगी मानधन योजना का मिलेगा लाभ।

– प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना का मिलेगा लाभ।

– प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के दायरे में आएंगे मजदूर।

– मुश्किल घड़ी में श्रमिकों को योजनाओं का मिलेगा लाभ।

– ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन से 25 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा।

– दुर्घटना बीमा पर एक साल का प्रीमियम सरकार देगी।

– रजिस्टर्ड श्रमिक की मृत्यु होने पर परिजनों को 2 लाख रुपये मिलेंगे, वहीं पूर्ण अपंग होने पर मजदूर 2 लाख रु. का हकदार होगा।

– आंशिक रूप से विकलांग को 1 लाख रुपये मिलेगी।

– ई-श्रम कार्ड पूरे देश में होगा मान्य।

– दूसरे राज्यों में काम मिलने में भी होगी आसानी।

– देश के करोड़ों असंगठित कामगारों को पहचान मिलेगी।

HNS24 NEWS

RELATED ARTICLES
LEAVE A COMMENT