नर्स भर्ती घोटाला: एक्शन में कलेक्टर…दोनों बाबुओं को करूंगा सस्पेंड
HNS24 NEWS August 14, 2021 0 COMMENTSअरुण गुप्ता : सीधी : खबर का बड़ा असर हुआ है जहां कलेक्टर रवींद्र चौधरी ने खबर को संज्ञान लेते हुए दो बाबुओं को सस्पेंड करने का निर्देश दिए हैं। तो वही कोविड-19 स्टाफ नर्स भर्ती घोटाला अभी भी थमने का नाम नहीं ले रहा है जहां नित्य नए मामले सामने आ रहे हैं। बीते 12 अगस्त को कलेक्ट्रेट पहुंची कोविड-19 स्टाफ नर्सों ने कलेक्टर को शिकायत पत्र देते हुए बताया कि मेरिट लिस्ट में हमारा नाम ऊपर है लेकिन सीएमएचओ ऑफिस में पदस्थ बाबू विष्णु प्रताप सिंह तथा सुनील गहरवार ने अपने चहेतो को फायदा पहुंचाने के लिए कलेक्टर के द्वारा जारी किए गए कोविड-19 स्टाफ नर्स की लिस्ट से भर्ती प्रक्रिया में उक्त दोनों बाबू ने लंबा गोलमाल किया है आरोप है कि मेरिट लिस्ट में सबसे ऊपर नाम है फिर भी काट कर नीचे वालों स्टाफ नर्सों को लिया गया है। पूरे मामले को लेकर कलेक्टर एक्शन मोड में दिख रहे हैं जहां दोनों बाबुओं को सस्पेंड करने की बात कही है।
ये है पूरा मामला
कोरोना 2021 का लहर काफी भयानक था जहां पीड़ित तड़प तड़प कर दम तोड़ दिया करते थे लेकिन फिर भी स्टाफ नर्स तथा सपोर्ट स्टाफ के द्वारा उक्त मरीजों की भरपूर सेवा की है और थोड़ा और मृत शव को पैकिंग सैनिटाइजर तक अपनी जान जोखिम में डालकर उक्त नर्सों ने किया है। हैरानी और शर्मनाक बात यह है कि जब जुलाई महीने से आगे 21 स्टाफ नर्सों तथा 8 सपोर्ट स्टाफ का रिनुअल करना था तब वह बाबू गिरी में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है।जहां अपने ही आपको न्याय दिलाने के लिए पीड़ित स्टाफ नर्सों को कलेक्टर के चौखट का दरवाजा खटखटाना पड़ा आरोप है कि सीरियल नंबर 10 मनीषा पटेल 45 मार्क्स मिले हैं तथा पीड़ित स्टाफ नर्स का रजिस्ट्रेशन सहित संपूर्ण डाक्यूमेंट्स कंप्लीट है लेकिन सीएमएचओ ऑफिस में चल रहे बाबू राज ने इन को हटाते सीरियल नंबर 11 एवं 12 वंदना कुशवाहा तथा प्रज्ञा सिंह को लिया गया है आज पीड़ित स्टाफ नर्स के द्वारा कलेक्टर के दरवाजे पर बस एक ही बात पूछ रही है कि हमारी क्या गलती है संपूर्ण डाक्यूमेंट्स कंप्लीट होने के बाद भी हमें क्यों निकाला गया है। तो वही दूसरा मामला सीरियल नंबर 28 प्रियंका यादव का है जिसके 37%5 प्राप्तांक हुए हैं लेकिन आरोपी कर्मचारियों के द्वारा प्रियंका यादव को हटाते हुए पूजा सिंह पटेल को लिया गया है।
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कलेक्टर के नियमों पर बाबू ने फेरा पानी
अगर आरोपों की माने तो संविदा में रखे गए बाबुओं के द्वारा कलेक्टर के सपने पर पानी फेर दिया है क्योंकि कलेक्टर ने बकायदा परीक्षा लेकर मेरिट लिस्ट से स्टाफ नर्सों का चयन करने का आदेश जारी किया था। परीक्षा तो हो गई लेकिन मेरिट लिस्ट से नियुक्ति नहीं मिल पाई और एक बार फिर से स्टाफ नर्स की भर्ती प्रक्रिया विवादों में आ गई है। परीक्षा ले कर भर्ती प्रक्रिया में नर्सों ने भी अपनी सहमति जताई थी कि जो काबिल होगी उसी की नियुक्ति की जाएगी लेकिन इन बाबुओं ने कलेक्टर के परीक्षा में भी पानी फेर दिया है क्योंकि अब परीक्षा लेने से कोई फायदा स्टाफ नर्सों को नहीं हुआ बताया तो यह भी गया कि इनके द्वारा पहले से ही लिस्ट तैयार कर ली गई थी सच्चाई जो भी हो यह तो कलेक्टर ही जाने।खैर जब राज एक्सप्रेस ने बाबू का पक्ष जानना चाहा तब उन्होंने कहा कि हमारा किसी प्रकार का हाथ इसमें नहीं है यह सब सीएमएचओ साहब ही जाने सबसे बड़ा सवाल कि आखिर इसकी टोपी उसके सर रख कर अपना पल्ला तो झाड़ा रहा है लेकिन पीड़ित स्टाफ नर्सों को न्याय कब मिलेगा।
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भ्रष्टाचार की आ रही है बू
आखिर जिम्मेदार कर्मचारियों के द्वारा मेरिट लिस्ट से नाम उक्त स्टाफ नर्सों का क्यों काटा गया यह सबसे बड़ा सवाल है कहीं भ्रष्टाचार की भेंट यह कलेक्टर का आदेश तो नहीं चढ़ गया है यह तो देखने वाली बात होगी।लेकिन कलेक्टर ने एक बात तो साफ कर दिया है कि गड़बड़ी करने वाले किसी भी कीमत में बख्शे नहीं जाएंगे वही पीड़ित स्टाफ नर्सों की मांग है कि भ्रष्टाचार और करप्शन में लिप्त बाबू संविदा भर्ती से हैं इसलिए सस्पेंड की जगह इनकी सेवा समाप्ति करनी चाहिए ताकि आगे की व्यवस्था कलेक्टर के निर्देशानुसार सुचारू रूप से जारी रहे।
अधर में लटकी सपोर्ट स्टाफ की लिस्ट
डेढ़ महीना बीत जाने के बाद जिन सपोर्ट स्टाफ के कर्मचारियों ने मरीजों के चिकित्सा के दौरान अपनी जान जोखिम में डालकर तन मन से सेवा किए हैं तथा शव पैकिंग सनराइज करना शवो को ऊपर से नीचे रखना गैस सिलेंडर तक कंधे में रखकर ऊपर से नीचे ले जाया गया है वह लिस्ट डेढ़ महीने बीतने के बावजूद भी आज तक नहीं जारी की गई। जहां प्रशासन भी सवालों के कटघरे में खड़ा हो गया है कि आखिर क्या वजह है जो डेढ़ महीना बीतने के बावजूद भी लिस्ट नहीं जारी की गई है देखना यह होगा कि आखिर इन पीड़ित कर्मचारियों को न्याय कब मिलेगा। यह भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाएंगे।
इनका कहना है
कलेक्टर सीधी रवींद्र चौधरी ने कहा स्टाफ नर्स भर्ती में गड़बड़ी करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा इनको मैं सीधे सस्पेंड करूंगा। और सेवा समाप्त करूंगा ।
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