रायपुर। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कोरबा जिले के पोड़ी उपरोड़ा विकासखण्ड में करीब 50 मवेशियों की मौत के मामले पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आखिरकार ऐसे कौन से टीके मवेशियों को लगाए गए जिसकी वजह से करीब 50 मवेशियों की मौत हो गई। इस पूरे मामले के लिए कौन जिम्मेदार है? और अब तक किस तरह के जांच किए गए हैं। जिससे स्पष्ट हो पाए कि मवेशियों की मौत किन कारणों से हुए है। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में रोका-छोका और गौठान के नाम पर पशुधन रक्षा के दिखावे का काम हो रहा है जमीनी हकीकत कुछ और ही है। इस तरह से एक साथ कई मवेशियों की मौत से उनके मालिकों को जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई कौन करेगा।
नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने सवाल करते हुए कहा कि जो टीका मवेशियों को लगाई गई थी। जिसके कारण लगातार क्षेत्र में मवेशियों के हालात 14 व 15 जुलाई को गंभीर होने लगे थे, तब पशुधन को बचाने के लिए कोई शिविर तत्काल क्यों नहीं लगाई गई और जिस टीके के कारण मौत हुई है उसकी प्रमाणिकता की जांच की गई थी या नहीं। उन्होंने कहा कि जो टीके लगाए गए वह अमानक तो नहीं थे। इसकी जांच भी विशेषज्ञों द्वारा करावाई जानी चाहिए और पूरे घटना को लेकर जो दोषी है उन पर सख्त कार्यवाही की जाये इसके साथ ही मवेशियों के मालिकों को तत्काल मुआवजा दिया जाए ताकि क्षतिपूर्ति के साथ आर्थिक मदद भी हो सके। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व भी प्रदेश में कई स्थानों पर मवेशियों की मौत के मामले लगातार ही बढ़ते जा रहे हैं और प्रदेश की सरकार केवल मात्र रोका-छेका, गौठान व गोबर खरीदी के नाम पर वाहवाही लूटने में लगी है। प्रदेश की सरकार को आत्ममुग्धता से बचने हुए जनहित के कार्य करने चाहिए जिससे जनता को सीधा लाभ मिल सके।
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