नर्सिंग परीक्षा को लेकर प्रदेश सरकार और विभागीय प्रशासन की उदासीनता से हज़ारों नर्सिंग छात्रों का भविष्य दाँव पर : भाजपा
HNS24 NEWS June 20, 2021 0 COMMENTSरायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अनुराग सिंहदेव ने पिछले लगभग सालभर से कोविड सेंटर में ड्यूटी कर रहे नर्सिंग छात्रों की परीक्षा नहीं होने पर प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि दो साल से नर्सिंग परीक्षा को लेकर प्रदेश सरकार और संबंधित विभागीय प्रशासन की उदासीनता ने प्रदेशभर के हज़ारों नर्सिंग छात्रों के भविष्य को दाँव पर लगा रखा है। सिंहदेव ने कहा कि प्रदेश सरकार कोरोना संक्रमण के इस आपदाकाल में भी प्रदेश की बेरोज़गारों, चयनित शिक्षक अभ्यर्थियों और अब नर्सिंग छात्रों को़ भारी संख्या में एकत्रित होकर आंदोलन के लिए विवश करके एक ओर जहाँ जनस्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रही है, वहीं दूसरी ओर परीक्षाएँ नहीं होने से इन नर्सिंग छात्रों को आगे के उच्च अध्ययन व नौकरी पाने में आ रहीं दिक़्क़तों की अनदेखी कर रही है।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता सिंहदेव ने कहा कि शुक्रवार को राजधानी में हुए नर्सिंग छात्रों के आंदोलन के मद्देनज़र कहा कि आयुष विश्वविद्यालय द्वारा परीक्षा शुल्क ले लिए जाने के बाद भी पिछले दो साल से परीक्षाएँ आयोजित नहीं करना इन छात्रों के साथ अन्याय है। एक तरफ़ कोरोना की आड़ लेकर परीक्षाएँ आयोजित नहीं की जा रही हैं, लेकिन दूसरी तरफ़ प्रदेश सरकार ने आदेश निकालकर इन छात्रों को कोविड सेंटर्स में तैनात करके उनकी सेवाएं ले ली। अह चूँकि कोरोना संक्रमण से राहत का समय आया है तो इन छात्रों के बार-बार गुहार लगाने के बाद भी नर्सिंग परीक्षाएँ आयोजित नहीं की जा रही हैं, नतीज़तन ये छात्र एक ही कक्षा में पिछले दो साल से अटके हुए हैं. उनका समय बर्बाद हो रहा है और नर्सिंग कॉलेजों की फीस भी उन्हें भरनी पड़ रही है। अलावे इसके, नौकरी के लिए उनकी आयु-सीमा भी पार हो रही है। सिंहदेव ने तंज कसा कि क्या प्रदेश सरकार ने अन्य वर्गों के साथ-साथ अब छात्रों के साथ भी छलावा करने का मन बना लिया है? प्रदेश सरकार इन छात्रों को कोई रियायत भी नहीं दे रही है, और परीक्षाएँ भी नहीं ले रही है। परेशान नर्सिंग छात्रों की ऑनलाइन या ऑफ़लाइन, किसी भी मोड पर हो, परीक्षाएँ आयोजित करने की मांग करते हुए सिंहदेव ने कहा कि प्रदेश सरकार को अपनी कार्यप्रणाली और सबके साथ छल-कपट करने के अपने राजनीतिक चरित्र पर इसलिए भी शर्म महसूस करनी चाहिए कि नर्सिंग छात्रों ने परीक्षाएँ नहीं होने की दशा में इच्छा-मृत्यु का अधिकार व अनुमति मांगने के लिए विवश हो गए हैं।जनता को इस आपदा काल मे सबसे ज्यादा मदद पहुचाने वाला वर्ग यही है बावजूद इसके सरकार इन्हें छलने का काम कर रही है जो किसी अपराध से कम नही।
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