November 22, 2024
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  • 5:07 pm मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय 23 नवम्बर को बिलासपुर में 143 करोड़ की लागत के विकास कार्यों का करेंगे लोकार्पण
  • 1:16 pm सभी जनप्रतिनिधियों और किसानों को सहकारिता से जोड़ा जाए – केदार कश्यप
  • 1:13 pm मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ सीमेंट ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा आयोजित दीपावली मिलन समारोह में हुए शामिल

छत्तीसगढ़ : रायपुर दिनांक 13 फरवरी को भारतीय जनता पार्टी ने झीरम घाटी मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा प्रकरण वापस करने से इंकार करने पर प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के शक को बेबुनियाद बताया है। पार्टी ने मुख्यमंत्री को शक की बीमारी का इलाज कराने की सलाह भी दी है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि बघेल अब भ्रम फैलाने की राजनीति करके खुद को क्या साबित करना चाहते हैं? यह आईने की तरह साफ है कि एनआईए ने इस मामले में सभी बिंदुओं पर जांच कर ली है और अब यह प्रकरण न्यायिक प्रक्रिया में है। ऐसी स्थिति में एनआईए यह प्रकरण एसआईटी को कैसे सौंप सकती है? लेकिन प्रदेश सरकार ने बावजूद इसके एनआईए से प्रकरण मंगाया ताकि एनआईए के इंकार के बाद वे इसके लिए भी केन्द्र की भाजपा सरकार पर तोहमत जड़ सकें और भ्रम फैलाकर प्रदेश को गुमराह कर सकें। श्री कौशिक ने कहा कि दरअसल शक की बुनियाद तो कांग्रेस- नक्सली रिश्तों पर खड़ी है और उसकी जांच होनी चाहिए। पहली बार छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने विधानसभा चुनाव बहिष्कार का एलान नहीं किया, म.प्र. के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने झारखंड में नक्ललियों से कांग्रेस के लिए समर्थन मांगा, कांग्रेस नेता राजबब्बर ने नक्सलियों को क्रांतिकारी बताया, जेएनयू के टुकड़े-टुकड़े गिरोह के साथ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी खड़े नजर आए, अर्बन नक्सलियों के बचाव में कांग्रेस आगे नजर आई, तो फिर बघेल को शक किस पर है? और वे तो जेब में सबूत लेकर चलते हैं तो अब तक एसआईटी को उन्होंने सबूत सौंपा क्यों नहीं? क्या सबूतों के छिपाए रखना गंभीर अपराध नहीं माना जाना चाहिए?
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष कौशिक ने यह भी पूछा कि सुकमा के टंगियादलम के लीडर की हत्या के मामले में छह आरोपियों को क्लीनचिट देना क्या संकेत कर रहा है? कौशिक ने कहा कि झीरम मामले में दाल में काला ढूंढऩे की  माथापच्ची छोड़कर मुख्यमंत्री अपनी ही एसआईटी को उलझाने और प्रदेश को भरमाने से बाज आएं क्योंकि ज्यादा खोदने से निकली चुहिया नाक ही काट लेती है। और, सवाल यह भी है कि आखिर मुख्यमंत्री एनआईए की जांच से क्यों डर रहे हैं? उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार झीरम के नाम पर शोर मचाकर गर्हित राजनीतिक उद्देश्यों को हासिल करने की फिराक में है पर उसका यह मंसूबा कभी परवान नहीं चढ़ेगा।

HNS24 NEWS

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