November 22, 2024
  • 5:07 pm मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय 23 नवम्बर को बिलासपुर में 143 करोड़ की लागत के विकास कार्यों का करेंगे लोकार्पण
  • 1:16 pm सभी जनप्रतिनिधियों और किसानों को सहकारिता से जोड़ा जाए – केदार कश्यप
  • 1:13 pm मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ सीमेंट ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा आयोजित दीपावली मिलन समारोह में हुए शामिल
  • 12:37 pm सुकमा जिले में आज सुबह सुरक्षाबलों ने एक बड़ी कार्रवाई में 10 नक्सलियों को मार गिराया
  • 6:28 am मुख्यमंत्री ने सपरिवार देखी ‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म

छत्तीसगढ़ :  छत्तीसगढ़ के इतिहास में नई शुरुआत हुई है, जो काम स्व. खूबचंद बघेल, स्व. ताराचंद साहू और स्व. विद्याचरण शुक्ला नही कर पाए उस कार्य को हमने मिलकर बहुत कम समय में पूरा कर लिया है। 7 विधायक और 14 प्रतिशत मतदाताओं का प्रतिनिधित्व करते हुए हम अखण्ड मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के 82 साल के चुनावी इतिहास में पहली बार मान्यता प्राप्त पार्टी बन चुके है। चुनाव चिन्ह मिलने के दो महीने के कम समय और तमाम संसाधनो के भारी आभाव के बावजूद हमनें प्रदेश की राजनीति में क्षेत्रीयता की मजबूत नींव रख दी है। आने वाले वर्ष में लोकसभा चुनाव, नगरीय निकाय चुनाव और त्रिस्तरीय पंचायती राज चुनाव में जनता का विश्वास जीतकर हम इस नींव पर ऐसी ईमारत का निर्माण करेंगे जिसमें आने वाली पीढ़ी गर्व महसूस कर सके। राज्य की कांग्रेस सरकार से हम उम्मीद करते है कि वो अपने अभूतपूर्व और ऐतिहासिक जनादेश के अनुरुप समय बद्ध तरीके से अपने जन घोषणा पत्र में किये गए वादो को पूरा करेगी। इसके लिए हमारा दल भी आपसी वैमनस्यता और दलगत राजनीति से उपर उठकर उनका पूरा सहयोग करेगा। बड़ा खेद का विषय है कि 10 दिन में सम्पूर्ण कर्जा माफी की बात करने वाली कांग्रेस सरकार ने आज 40 दिन बीत जाने के बाद भी प्रदेश के 70 लाख किसानों के मध्य और दीर्घकालीन कर्ज माफ नहीं करने का आदेश पारित कर दिया। साथ ही सरकार ने यह भी निर्णय लिया कि आर.बी.आई. द्वारा नियंत्रित सभी बैंको के कर्जे, निजी वित्तीय और गैर वित्तीय संस्थाओं के कर्जे और गिरवी रखी चल और अचल संपत्ति के विरुद्ध लिए गए कर्जे माफ नहीं किये जायेंगे। ये सरासर प्रदेश के किसानों के साथ वादा खिलाफी है। पूर्ण शराबबंदी की घोषणा करने के बाद भी सरकार द्वारा सरकारी शराब दुकानों में नए नए किस्म और ब्राण्डो की दारु बेचने की निविदाएं बुलाई जा रही है। पूर्व की तरह प्रदेश में सरकारी शराब दुकानो के माध्यम से और कोंचियों के माध्यम से गली-गली में शराब बेची जा रही है। हम मांग करते है कि गणतंत्र दिवस के दिन राज्य सरकार तत्काल पूर्ण शराब बंदी और पूर्ण कर्जमाफी की घोषणा करें और आगामी बजट सत्र में इस उद्देश्य का बजट प्रस्तुत करें। साथ ही कांग्रेस के जन घोषणा पत्र में 7 नए जिले बनाने की बात कही गई है। हम मांग करते है कि गणतंत्र दिवस के इस पावन पर्व में पेण्ड्रा-गौरेला-मरवाही, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी, सक्ती, राजपूर, सारंगढ़ और पत्थलगांव को जिला बनाने की घोषणा की जाए। हम यह भी मांग करते है कि अपने जन घोषणा पत्र के अनुरुप प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को 2500 रुपये मासिक भत्ता इस महीने से प्रारम्भ किया जाये और आउटसोर्सिंग नीति पर पूर्ण विराम लगाते हुए सभी रिक्त पदो पर स्थानीय लोगो को भर्ती और आवश्यकतानुसार स्वास्थ्य एवं शिक्षा सेवा क्षेत्रों में नए पद सृजित कर भर्ती की जाए। हम यह भी मांग करते है कि प्रदेश की गैर सरकारी संस्थाओं में कम से कम 90 प्रतिशत स्थानीय लोगो को रोजगार मुहैया कराया जाए। हम उम्मीद करते है कि कांग्रेस का प्रदेश नेतृत्व अपने राष्ट्रीय नेतृत्व से कड़े शब्दो में असहमति दर्ज करते हुए ‘‘छत्तीसगढ़ प्रथम’’ धर्म का पालन करेगा और पोलावरम बांध का निर्माण, नगरनार इस्पात संयत्र के विनिवेश और कन्हेर बांध निर्माण का पूरजोर विरोध करेगा। साथ ही इंद्रावती, महानदी और उनकी सहायक नदियों के जल बंटवारे में छत्तीसगढ़ के किसानों को प्रथम अधिकार दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा। राजनीति रिश्तो से बड़ी नहीं होती। अगर 15 साल लगातार संघर्ष में हमारे साथ रहे कुछ हमसफर किन्ही कारणों से हमारा साथ छोड़ देते है, तब भी हमारा अभार और शुभकामनाएं उनके साथ हमेशा रहेंगे। आने वाले दिनों में पुराने और नए चेहरों को लेकर हम अपने संगठन का पुननिर्माण करने जा रहे है। मुझे उम्मीद ही नहीं बल्कि विश्वास है 2018 के ऐतीहासिक जनादेश के परिपालन में हम प्रदेश की एक मात्र मान्यता प्राप्त क्षेत्रीय पार्टी होने का धर्म का पालन करते हुए छत्तीसगढ़ के 2.5 करोड़ वासियों की लड़ाई लड़ने में प्रमुख विपक्षी दल की भूमिका निभायेंगे।
मुझे पूरा यकीन है कि आने वाले चुनाओं में प्रदेश की जनता का आशिर्वाद हमको मिलेगा और वह दिन दूर नहीं जब देश के अन्य 26 राज्यों की तरह छत्तीसगढ़ में भी एक ऐसी सरकार बनेगी जो छत्तीसगढ़ के सभी फैसले छत्तीसगढ़ में ही लेगी। जो दिल्ली में दरबारी के रुप में नहीं बल्कि बराबरी से अपनी बात रख सकेगी।।आने वाली दिनो में हमारी तीन प्राथमिकताएं होगी। पहली – हम किसी एक वर्ग या समाज विशेष की पार्टी न बनकर प्रदेश के सभी वर्गो और समाजों का विश्वास हासिल करे। दूसरी – राष्ट्र की फासीवादी और साम्प्रदायिक ताकतो के विरुद्ध सदन से लेकर सड़क तक लड़ाई लड़े। तीसरी – राज्य की कांग्रेस सरकार पर क्रमबद्ध जनांदोलन के माध्यम से प्रदेश में पूर्ण कर्जामाफी और पूर्ण शराब बंदी समेत सबको नौकरी और नियमितीकरण का वादा पूर्ण करवाने के लिए लगातार दबाव बनाते रहें।

HNS24 NEWS

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