जिला प्रशासन की बैठकों में विधायक पांडेय को स्टूल पर बिठाना और विधायक नायक को नही बुलाना लोकतंत्र का कैसा सम्मान? : भाजपा
HNS24 NEWS January 19, 2019 0 COMMENTSछत्तीसगढ़ : रायपुर भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को अपनी पार्टी की चिंता करने और अपने काम पर ध्यान देने की नसीहत दी है। पार्टी ने कहा है कि जिस कांग्रेस में आंतरिक लोकतंत्र के नाम पर एक परिवार की चरण वंदना ही राजनीतिक चरित्र बन गई है, उस पार्टी के मुख्यमंत्री भाजपा को लोकतंत्र का पाठ पढ़ाते शोभा नहीं देते।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व विधायक शिवरतन शर्मा ने शनिवार को एक वक्तव्य में कहा कि मुख्यमंत्री बघेल पहले अपनी पार्टी में लोकतंत्र ढूंढे़ें। भाजपा कार्यकर्ताओं के मान-अपमान की चिंता का प्रपंच रचने के बजाय मुख्यमंत्री बघेल पहले खुद तो अपने कार्यकर्ताओं व विधायकों के मान-सम्मान की फिक्र कर लें। जो पार्टी और उस पार्टी के मुख्यमंत्री अपने वरिष्ठ विधायकों सत्यनारायण शर्मा, अमितेष शुक्ल और अरुण वोरा को हाशिए पर रखकर चल रहे हैं, जो मुख्यमंत्री अपने वरिष्ठ व अनुभवी विधायकों को लोकसभा चुनाव लड़ाकर किनारे लगाने के फार्मूले की रणनीति बना रहे हैं, वे भाजपा के आंतरिक लोकतंत्र को लेकर प्रलाप कर रहे हैं। एक आदिवासी विधायक अमरजीत भगत को लालीपॉप दिखाने वाले मुख्यमंत्री यह तो बताएं कि उनकी सरकार के मंत्री टीएस सिंहदेव के भगत को मंत्री बनाने के अनुमान को खारिज करके बघेल अपनी पार्टी के आदिवासी कार्यकर्ताओं का कैसा सम्मान कर रहे हैं? बिलासपुर में ध्वजारोजण के लिए बिलासपुर के विधायक शैलेश पांडेय की उपेक्षा पर मुख्यमंत्री क्या राय रखते हैं? बिलासपुर की जिला प्रशासन की बैठक में विधायक पांडेय को स्टूल पर बिठाना कौन-सा सम्मान था? मंत्री टीएस सिंहदेव ने भी इस मामले में अफसोस जताया था। रायगढ़ में जिला प्रशासन की बैठक में कांग्रेस के विधायक प्रकाश नायक को नहीं बुलाना सम्मान का कौन-सा पैमाना है? राष्ट्रीय कृषि प्रदर्शनी में कृषि मंत्री को साथ नही ले जाना क्या बघेल की वन मैन शो पटकथा और मंत्री का अपमान नहीं है? भाजपा कार्यकर्ताओं को लेकर फिक्रमंद बघेल इन सवालों पर क्यों तटस्थ हैं? उनकी लोकतंत्र की पहरेदारी का मापदंड अपनी पार्टी में क्यों खरा नहीं उतर रहा है?
प्रवक्ता-विधायक शर्मा ने कहा कि एक माह के सत्ता-काल में ही मुख्यमंत्री जिस दंभपूर्ण राजनीतिक आचरण के प्रतीक बनते नजर आ रहे हैं, दरअसल वह लोकतंत्र के लिए संकट, चिंता और अपमान का परिचायक है। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को लेकर जिस तरह की स्तरहीन व अमर्यादित भाषा का प्रयोग कर रहे हैं, वह क्या मुख्यमंत्री पद की गरिमा के अनुकूल है? भाजपा प्रवक्ता श्री शर्मा ने कहा कि शीशे के घरों में रहने वाले दूसरों के घरों पर पत्थर न उछालें। पहले अपनी पार्टी, अपनी भाषा और अपनी राजनीतिक संस्कृति को लोकतांत्रिक बनाएं, यही मुख्यमंत्री बघेल और कांग्रेस के लिए श्रेयस्कर होगा।