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रायपुर /4,अगस्त2020/ कांग्रेस ने भगवान श्री राम मंदिर के शिलान्यास का स्वागत किया है ।प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि यह अवसर देश के सभी धर्मावलम्बियों के हर्ष और उल्लास का है।श्री राम मंदिर के निर्माण के साथ ही देश मे अमन चैन और भाई चारे के एक नए युग का सूत्र पात भी होगा। उच्चतम न्यायालय के आदेश से यह सम्भव हुआ ।श्री राम मंदिर के नाम पर राजनीतिक रोटी सेंकने वाली भारतीय जनता पार्टी तो कभी चाहती ही नही थी कि श्री राम का मंदिर बने वह तो श्री राम के मंदिर को जबरिया विवादों में घसीटने की जुगत में लगी रहती थी ताकि राम मंदिर के नाम पर हिंदू वोटों का ध्रुवीकरण कर अपनी राजनैतिक जमीन मजबूत की जा सके ।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि श्री राम मंदिर के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का योगदान शून्य रहा है ।प्रधानमंत्री होने के अपने रसूख का फायदा उठा कर मोदी मंदिर का शिलान्यास करने जा रहे है जबकि मंदिर का शिलान्यास हिन्दू साधु संतों ,मठाधीशों शंकराचार्यो के कर कमलों से होना था ।
कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि श्री राम मंदिर निर्माण के लिए पहला प्रयास 1949 में हुआ था तब देश के प्रधानंत्री पं जवाहर लाल नेहरू थे और उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री गोविंद वल्लभ पन्त थे तब 22 और 23 दिसम्बर को पूजा अर्चना कर श्री राम लला की प्रतिमा को गर्भ गृह के अंदर पहुचाया गया था। इसके बाद जब देश के प्रधानमंत्री राजीव गांधी और यूपी के मुख्यमंत्री बीरभद्र सिंह थे तब 1986 में जिला न्यायालय फैजाबाद के आदेश से राजीव गांधी ने श्री राममंदिर का ताला खोलवाया था। इसके बाद श्री राजीव गांधी के प्रधानमंत्री रहते हुए ही 1989 में जब यूपी के मुख्यमंत्री नारायणदत्त तिवारी थे तब श्री राम मंदिर का शिलान्यास राजीव गांधी ने साधु संतों के हाथों करवाया था । श्री राजीव गांधी ने 1989 में अपनी चुनावी सभा की शुरुआत भी अयोध्या से करते हुए कहा कि देश मे राम राज्य लाना आवश्यक है उन्होंने श्री राम मंदिर के विवाद के मसले पर कहा था कि यह मामला हल होना देश के समग्र विकास के लिए भी जरूरी है। जब देश के प्रधानमंत्री कांग्रेस के नरसिम्हा राव बने तब उन्होंने श्री राम मंदिर परिसर की जमीन मंदिर के पक्ष में अधिग्रहित करवाया ताकि मंदिर बनने के मार्ग की बाधा दूर हो सके
कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि राम के नाम पर फर्श से अर्श पर पहुचने वाली भारतीय जनता पार्टी के लिए श्री राम मंदिर हमेशा से एक राजनैतिक मुद्दा रहा यही कारण है कि केंद्र में 1996 तथा 1998 फिर 1999 में सरकार बनाने के बाद भाजपा ने पूर्ण बहुमत का बहाना बना कर मंदिर बनाने से पल्ला झाड़ लिया 12014 में पूर्ण बहुमत की सरकार बनने के बाद भी भाजपा राम मंदिर बनाने के नाम पर बंगले झांकती थी ।2019 के लोकसभा चुनाव के समय भाजपा श्री राम मंदिर के नाम का भी उल्लेख नही करना चाहती थी ।साधु संतों श्री राम लला मंदिर कमेटी के प्रयासों से उनके द्वारा प्रस्तुत तर्को से सहमत हो कर सुप्रीम कोर्ट ने श्री राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया है ।सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को मंदिर निर्माण की कमेटी बनाने के आदेश दिए है तब केंद्र सरकार ने मंदिर निर्माण समिति का गठन किया ।मोदी और भाजपा का मंदिर निर्माण में कोई योग दान नही है ।भाजपा ने तो राम मंदिर के नाम पर देश भर से हजारों करोड़ का चंदा एकत्रित किया जिसका आज तक कोई हिसाब नही दिया ।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि मोदी भाजपा ,आरएसएस के किसी भी नेता का यह नैतिक अधिकार नही की वे श्री राम मंदिर का शिलान्यास करे ।श्री राम मंदिर के शिलान्यास का अधिकार राम भक्तो ,साधु संतों का है भाजपा और मोदी अपनी राजनीति चमकाने सन्तो का हक छीन रहे है।

HNS24 NEWS

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