पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने सदन में उठाया जल जीवन मिशन योजना अंतर्गत हुई अनियमितता का मामला
HNS24 NEWS December 18, 2024 0 COMMENTSरायपुर : पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दुसरे दिन विधानसभा परिसर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया की जल जीवन मिशन योजना केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘जल जीवन मिशन’ के तहत देशभर में हर घर तक शुद्ध पेयजल पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। लेकिन छत्तीसगढ़ में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की लापरवाही एवं अफरा-तफरी में भ्रष्टाचार का शिकार बनी जिसके कारण आज भी कई घर इस योजना से वंचित हैं।
पूर्व सरकार द्वारा इस योजना में घोर अनियमितताएं की गईं, जिसमें अधूरे कार्य, गलत निविदाएं, अपूर्ण प्रोजेक्ट, और फर्जी दस्तावेजों का उपयोग सामने आया। ठेकेदारों ने फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत कर कार्य हथियाए, जिससे योजना में गंभीर भ्रष्टाचार हुआ। अनेक स्थानों पर कार्य तो शुरू ही नहीं हुए, और जिन क्षेत्रों में कार्य हुए, वहां गुणवत्ताहीन कार्यों से जनता को लाभ नहीं मिला। जिसे लेकर विधानसभा में प्रश्न लगाया गया था कि जिसमें उपमुख्यमंत्री एवं पीएचई मंत्री अरूण साव द्वारा जवाब में बताया गया कि 2 वर्षो में 2918 लोगों को नोटिस जारी हुआ है जिसमें कुछ लोगों ने कार्य प्रारंभ भी नहीं किया है और जो ठेकेदार कार्य कर रहें है वे इतनी धीमी गति से कार्य कर रहें है कि लोगों के घर तक पानी पहुंचाना संभव ही नहीं हैं।
कौशिक ने बताया कि इसी प्रकार से जल जीवन मिशन योजना अंतर्गत बड़ी मात्रा में अनियमितता पायी गई है जिसकों लेकर सांसद और पूर्व विधायकों के साथ अन्य लोगों के द्वारा 72 शिकायतें भी की गयी उसकों भी उपमुख्मंत्री अरूण साव द्वारा स्वीकार किया है और स्वीकार करने के बाद में कार्यवाही में प्रक्रियाधीन बतायी जा रही । इसके चलते आम जनता अपने मूलभूत अधिकार ‘जल’ से वंचित रह गई। इससे स्पष्ट है कि इस योजना अंतर्गत बड़ी मात्रा में अनियमितता है और उससे भी ज्यादा जो अनियमितता की बात यह है कि ऐसे लोग जो काम किये है जिसमें 12 से 15 संस्थाएं है जो गलत तरीके से काम प्राप्त करने के लिये ठेकेदारों के द्वारा फर्जी दस्तावेज उसमें लगाई गयी है और दस्तावेजों मे कुटरचना की गयी है। कौशिक ने कहा कि इससे स्पष्ट हो रहा है पूर्ववर्ती कांग्रेस के शासन काल में बडी मात्रा में धांधली हुई और जल जीवन मिशन योजना पुरी तरह से भ्रष्टाचार का मिशन बन चुका था जिस प्रकार से इस मामले अनियमितता पायी गई है यह सीधा-सीधा धारा 420 की मामला बनता है जिसें जांच अधिकारी द्वारा ने यह स्वीकार किया है। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ने उपमुख्यमंत्री अरूण साव से प्रश्न उठाते हुए कहा कि इस मामले में कब तक एफ.आई.आर कब तक हो जाएगी, वसुली की कार्यवाही कब तक की जाएगी और यह मांग करतें हुए कहा कि इस मामले की पूरी कार्यवाही की जिम्मेदारी ईडी को सौंपी जाए। जिस पर पीएचई मंत्री द्वारा सदन आश्वस्त करते हुए कहा कि जैसे ही उच्च स्तरीय कमेटी की अनुशंसा आएगी उसके बाद तत्काल इस मामले पर कार्यवाही शुरू कर दी जाएगी। सभी जिम्मेदार व्यक्तियों पर कार्यवाही होगी और कठोर से कठोर कार्यवाही की जाएगी। कौशिक ने अनियमितता मे पाए जाने वाले व्यक्तियों का नाम बताया जिसमें मेशर्स विजय सालूके बिलासपुर, जिसमे इनके दस्तावेज पाए गए जिस पर उनको केवल 03 वर्षो के लिये, मेशर्स बंसल इंफ्रास्ट्राक्चर रायपुर 03 वर्षो के लिये, के.के नायर भण्डारा महाराष्ट्र 02 वर्षो के लिये, एन.एन टी डेवलपर्स पटना 02 वर्षो के लिये ब्लैक लिस्ट किया गया है ऐसे लगभग 13 नाम और है जिनके खिलाफ एफ.आई.आर करने के मामले बन रहे है और जिस पर पीएचई मंत्री अरूण साव अनुशंसा की प्रतिक्षा कर रहे है जैसे ही अनुशंसा प्राप्त होगी तुरंत कार्यवाही प्रारंभ कर दी जाएगी।
कौशिक ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा जिस प्रकार से मुलभावना थी घरों तक पानी पहुंचाने का किन्तु कहीं न कहीं पूर्ववर्ती सरकार एवं उनके अधिकारी और उनके साथ में ठेकेदारों के मिली भगत के कारण लोगो के घर में पानी पहुंचाने बड़ी अनियमितता पायी गई है और छत्तीसगढ़ के सैकड़ों परिवार पानी से वंचित रहे हैं। भाजपा सरकार के शासन काल में दोशियों पर तत्काल कार्यवाही की जाएगी और जल जीवन मिशन योजना के तहत छत्तीसगढ़ के लाखों परिवारों के घर पर जल पहुचाया जाएगा। कौशिक ने कहा कि इस पूरे मामले की जांच ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) से कराई एवं दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। जिन ठेकेदारों ने फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत किए हैं, उनके खिलाफ 420 व अन्य कानूनी धाराओं के तहत कार्रवाई की जाए। ब्लैकलिस्टिंग पर्याप्त नहीं है; इन ठेकेदारों से जनता एवं सरकारी राशि की पूरी भरपाई करवाई जाए। जल जैसी बुनियादी सुविधा से खिलवाड़ करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नही जाएगा । यह एक गंभीर अपराध है और इसके दोषियों को कठोरतम दंड मिलना चाहिए। यह प्रदेश की जनता का अधिकार है कि उन्हें हर घर जल योजना का पूरा लाभ मिले। जो भी इसमें बाधा बना है, उसके खिलाफ कठोरतम कदम उठाई जाएगी।
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