जगरगुंडा के शैक्षणिक संस्थाओं में 13 वर्षों बाद फिर लौटी रौनक : लखमा
HNS24 NEWS June 24, 2019 0 COMMENTSरायपुर : दिनांक, 24 जून 2019 सुकमा के अतिसंवेदनशील जगरगुंडा क्षेत्र के स्कूलों में बच्चों की रौनक फिर से लौट आयी है। नए शिक्षण सत्र के पहले दिन आज उद्योग मंत्री कवासी लखमा की उपस्थिति में पांच शैक्षणिक संस्थाओं, छात्रावास का संचालन पुनः प्रारंभ किया गया। जगरगुंडा सलवा जूडूम अभियान से पहले तक व्यापारिक केन्द्र और हाईस्कूल तक शिक्षा केन्द्र रहा है। तत्कालीन समय में जगरगुंडा में बैंक का भी संचालन किया जाता था। लेकिन वर्ष 2006 के सलवा जूडूम अभियान के दौरान आसपास के गांव सहित पूरा जगरगुंडा भी खाली हो गया और वहां राहत शिविर में आमजन निवास करने लगे। जगरगुंडा के समीप सलवा जूडूम शुरू होने के बाद से लगभग 13 वर्षों से वहां माध्यमिक और हाई स्कूल का संचालन नहीं किया जा रहा था। इलाके के विद्यार्थी नजदीकी पोटाकेबिन में अध्ययन किया करते थे। नागरिकों के मांग को देखते हुए शासन और जिला प्रशासन के अथक प्रयास से स्कूलों अथक का संचालन पुनः शुरू किया गया है।उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने आज जगरगुण्डा में हाईस्कूल, हायर सेकेण्डरी स्कूल, बालक आश्रम शाला, बालक और कन्या छात्रावास का शुभारंभ किया।उद्योग मंत्री लखमा ने नए शिक्षण सत्र पर बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि जगरगुंडा में 13 वर्षों के बाद पुनः स्कूलों का संचालन शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा शिक्षा के अधिकार के तहत अब कक्षा नवमी से 12वीं कक्षा को दायरे में लाया गया है। इससे क्षेत्र के विद्यार्थियों को कक्षाा पहली से 12वीं तक निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का लाभ मिलेगा। जगरगुण्डा क्षेत्र के बच्चे भी अब स्कूली शिक्षा पूर्णकर उच्च शिक्षा के लिए देश के उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश पास सकेंगे। वह दिन दूर नहीं जब यहां के बच्चे भी उच्च पदों पर आसीन होंगे। श्री लखमा ने कहा कि शिक्षा के जरिए ही भविष्य के द्वार खुलते हैं। शिक्षा से व्यक्त्वि का विकास होगा। बच्चों में सही और गलत चीजों की परख करने की समझ विकसित होगी। इस अवसर पर कलेक्टर चंदन कुमार सहित जिले के विभिन्न विभागों के अधिकारी और स्थानीय जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। उद्योग मंत्री ने शिक्षा सत्र के शुभारंभ अवसर पर स्कूली बच्चों को निःशुल्क पाठ्य पुस्तक का वितरण किया। जगरगुंडा सुकमा जिले का सर्वाधिक नक्सल प्रभावित इलाका है। वर्ष 2006 में नक्सल विरोधी अभियान सलवा जूडूम के दरमियान तत्कालीन दंतेवाड़ा जिले के जगरगुंडा सहित वर्तमान सुकमा जिले के कई स्कूलों व शासकीय भवनों को नक्सलियों द्वारा नष्ट किया गया था। भवनों को क्षतिग्रस्त करने का मुख्य कारण इन भवनों में सुरक्षा बलों की तैनात थी। जगरगंुडा ऐसा क्षेत्र है जहां पर अभी भी राहत शिविर का संचालन किया जा रहा है,जहां लगभग 1200 परिवार निवास करते हैं। शासन द्वारा प्रत्येक तीन माह में राहत शिविर के लिए राशन उपलब्ध कराया जाता है। शासन द्वारा इस क्षेत्र के विकास को गति देने के लिए सड़कों से जोड़ा जा रहा है। इस क्षेत्र को जिला दंतेवाड़ा की ओर से और सुकमा के दोरनापाल से जोड़ा जा रहा है।