रायपुर : भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष पूजा विधानी ने एक महिला द्वारा नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक के विरुद्ध लगाए गए आरोप को बदले की राजनीति के पतन की हद करार देते हुए इन आरोपों को बेहद निंदनीय, शर्मनाक, आधारहीन और राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित बताया है।
श्रीमती विधानी ने कहा की दरअसल उस महिला का राजनीतिक बदले के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। पहले तो सीडी कांड की दिशा मोड़ने के लिए भाजपा कार्यकर्ता प्रकाश बजाज के खिलाफ छेड़छाड़ का झूठा मुकदमा दर्ज करवाया गया। नैतिक पतन की पराकाष्ठा यह है कि अब नेता प्रतिपक्ष पर झूठा आरोप लगवाकर उनकी चरित्र हत्या का षडयंत्र रचा जा रहा है। सार्वजनिक जीवन में श्री कौशिक पर कभी भी किसी भी तरह का आरोप नहीं लगा। उनका संपूर्ण जीवन खुली किताब की तरह है। नारी शक्ति का सम्मान करते हुए उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा देने वाले श्री कौशिक पर घृणित आरोप लगाए जाना बदलापुर की राजनीति का नया अध्याय है। यह भाजपा का चरित्र नहीं है कि कोई नेता किसी भी महिला के साथ अभद्र व्यवहार करे। यह आचरण तो षड्यंत्रकारियों को विरासत में मिला है। श्रीमती विधानी ने कहा कि अपनी ही पार्टी का प्रचार करने आई स्टार प्रचारक अभिनेत्री के साथ किस तरह का भ्रातत्व भाव दिखाया गया था, वह किसी से छुपा नहीं है। श्रीमती विधानी ने कहा कि आरोप लगाने वाली महिला के कंधे पर बंदूक रखकर जिस तरह निम्न स्तर की राजनीति का प्रदर्शन किया गया है, वह छत्तीसगढ़ की राजनीतिक मर्यादा को पूरी तरह तार तार कर गया है। राजनीति में वैचारिक मतभेद का अर्थ यह नहीं होता कि विपक्ष के नेता की चरित्र हत्या की साजिश रची जाए। लेकिन दुर्भाग्य से छत्तीसगढ़ में अब षड्यंत्रों की राजनीति का दौर शुरू हो गया है। नेता प्रतिपक्ष श्री कौशिक पर आरोप लगाने वाली महिला को राजनीतिक कठपुतली बनने से बचने और नारी अस्मिता के सम्मान को बनाए रखने की सलाह देते हुए श्रीमती विधानी ने कहा कि अगर उनके साथ 3 साल पहले कोई अभद्रता हुई थी तो वह अब तक मौन व्रत क्यों धारण किए हुए थीं। श्रीमती विधानी ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता प्रकाश बजाज पर छेड़छाड़ का आरोप लगाने के कुछ ही समय बाद नेता प्रतिपक्ष पर निम्न स्तर का आरोप लगाया जाना यह साबित करता है कि दोनों ही मामले एक ही स्थान से प्रायोजित और संचालित हो रहे हैं।
राजनैतिक जीवन से जुड़े राजनेताओं पर आर्थिक व अन्य प्रलोभन के चलते झेड़झाड़ व इस तरह के आरोप लगाना महिलाओं के लिये आम हो गया है।
व्यक्तिगत रुप से मैं भी महिलाओं का सम्मान करता हुं, परंतु महिलाओं की सुरक्षा हेतु बने कानून का दुरुपयोग इस तरह से दिखाई पड़ना अब आम हो गया है।
किसी महिला के साथ वास्तविक झेड़झाड़ की घटना का मैं विरोध करता हुं, परंतु द्वेश की भावना से उत्पन्न षडयंत्रकारी आरोप भविष्य में स्वयं महिलाओं के लिये ही घातक साबित हो सकता है।
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