November 23, 2024
  • 11:18 pm कृषि अनुसांधान केन्द्र किसानों को वैज्ञानिक पद्धतियों से जोड़ते हुए उनकी आय बढ़ाने में मदद करेगा-उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा
  • 11:10 pm छत्तीसगढ़ में शुरू होगी ‘‘मुख्यमंत्री गुड गवर्नेंस फेलो योजना’’ *गुड गवर्नेंस रीजनल कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री श्री साय ने की घोषणा* *छत्तीसगढ़ के मूलनिवासी छात्रों के लिए पब्लिक पॉलिसी एण्ड गवर्नेस में मास्टर पाठ्यक्रम होगा शुरू
  • 5:07 pm मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय 23 नवम्बर को बिलासपुर में 143 करोड़ की लागत के विकास कार्यों का करेंगे लोकार्पण
  • 1:16 pm सभी जनप्रतिनिधियों और किसानों को सहकारिता से जोड़ा जाए – केदार कश्यप
  • 1:13 pm मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ सीमेंट ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा आयोजित दीपावली मिलन समारोह में हुए शामिल

रायपुर, 28 जुलाई, 2023/मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मंशानुसार क्रियान्वित योजनाओं से छत्तीसगढ़ के किसानों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन दिखाई दे रहा है। शासन की योजनाओं का लाभ लेकर राज्य के किसान अब धान के अलावा अन्य फसलों की तरफ भी रुचि दिखा रहे है। किसान ग्रीष्मकालीन धान के साथ ही साथ अन्य फसलों जैसे कि गेहूं, अलसी, मसूर, मूंग की अच्छी पैदावार प्राप्त कर रहे है।

छत्तीसगढ़ राज्य में लगभग 70 फीसदी आबादी कृषि पर निर्भर है। राज्य का अधिकांश क्षेत्र वर्षा आधारित होने से मौसमी प्रतिकूलता, कृषि आदान में वृद्धि के कारण कृषि आय में अनिश्चितता बनी रहती है। कृषि में पर्याप्त निवेश एवं काश्त लागत में किसानों को राहत देने के लिए राज्य शासन द्वारा किसानों के हित में योजनाएं शुरू की गयी हैं जिसका लाभ लेकर किसान न सिर्फ बेहतर उत्पादन ले रहे हैं बल्कि आर्थिक रूप से भी सशक्त हो रहे हैं।

इसी के अंतर्गत कृषि विभाग द्वारा संचालित टरफा योजना के अंतर्गत किसानों को अनुदान राशि के माध्यम से बीज उपलब्ध कराया जा रहा है और उन्हें उन्हें धान की जगह अन्य फसलों की बुआई के लिए प्रेरित किया जार हा है। धान के अलावा दूसरी फसलों की कम पानी और कम लागत में अच्छी पैदावार होने से जिले किसान अच्छी आय भी अर्जित कर रहे हैं।

योजना का लाभ लेते हुए बिलासपुर जिले के विकासखंड तखतपुर के सिलतरा निवासी किसान  राजेश यादव ने बताया कि उनके पास 1.5 एकड़ कृषि भूमि है। वे अपनी भूमि पर धान की फसल लगाया करते थे। इससे ग्रीष्म ऋतु में धान की फसलों को अत्यधिक पानी की आवश्यकता पड़ती थी। फलस्वरूप धान की पैदावार पर भी असर पड़ता था।  राजेश के अनुसार राज्य शासन की योजना के अंतर्गत कृषि विभाग के माध्यम से उन्हें धान के बदले अन्य फसलों जैसे गेहूं, मूंग, मसूर, मक्का की खेती कम लागत और कम पानी में किए जा सकने की जानकारी मिली।

कृषि विभाग द्वारा गेहूं बीज 50 प्रतिशत अनुदान पर और प्रदर्शन हेतु मसूर बीज प्राप्त हुआ। यादव ने गेहूं और मसूर की मिश्रित बोनी की। कम पानी में फसलों की अच्छी पैदावार हुई, जिससे अच्छा लाभ प्राप्त हुआ।योजना से होने वाली अच्छी पैदावार और अच्छी आय को देखते हुए अब राज्य भर के किसान इस योजना की मिश्रित खेती के लिए प्रेरित हो रहे है।

HNS24 NEWS

RELATED ARTICLES
LEAVE A COMMENT