रायपुर, 3 जुलाई 2023/चालू खरीफ सीजन में राज्य में 3 जुलाई की स्थिति में 3 लाख 33 हजार 100 हेक्टेयर में विभिन्न प्रकार की खरीफ फसलों की बोआई की जा चुकी है। खरीफ फसलों में धान की बोआई सर्वाधिक 2 लाख 82 हजार 930 हेक्टेयर में हुई है। चालू खरीफ सीजन में राज्य में 48 लाख 20 हजार हेक्टेयर में खरीफ फसलों की खेती का लक्ष्य रखा गया है, जो खरीफ 2022 के लक्ष्य से लगभग एक लाख हेक्टेयर अधिक है। मानसून की देरी के चलते राज्य में खरीफ फसलों की बोआई प्रभावित हुई है।
कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार मक्का की 18890 हेक्टेयर में, कोदो 1610 हेक्टेयर में बोनी हो चुकी है। कुटकी और रागी की बोआई भी किसान कर रहे हैं। दलहनी फसलों की बोआई का सिलसिला भी शुरू हो चुका है। राज्य में अरहर, मूंग, उड़द, कुल्थी की बोआई 1650 हेक्टेयर में पूरी की जा चुकी है। तिलहनी फसलों की बोनी 1860 हेक्टेयर में हुई है, जिसमें सर्वाधिक 1170 हेक्टेयर में मूंगफली की बोआई हुई है। साख-सब्जी और अन्य फसलों की बोनी 16090 हेक्टेयर में की जा चुकी है, जबकि गन्ना की बोआई 9940 हेक्टेयर में हुई है।
प्रदेश में 3 जुलाई तक औसत वर्षा 170.1 मि.मी दर्ज की गई है, जो कि इसी अवधि की 10 वर्षों की औसत वर्षा 212.7 मि.मी से 42.6 मि.मी कम है। गत वर्ष इसी अवधि में 160.6 मि.मी वर्षा दर्ज की गई थी। चालू खरीफ सीजन में प्रदेश में 10.18 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज वितरण का लक्ष्य है, जिसके विरूद्ध अब तक 7.22 लाख क्विंटल का भण्डारण किया जा चुका है। किसानों को 4.91 लाख क्विंटल बीज का वितरण किया गया है, जो कि भण्डारण का 68 प्रतिशत है। खरीफ 2023 में 12.19 लाख मीट्रिक टन वितरण के लक्ष्य के विरूद्ध 12.30 लाख मीट्रिक टन उर्वरक का भण्डारण सहकारी एवं निजी क्षेत्रों में किया जा चुका है। राज्य के किसानों द्वारा अब तक कुल 6.73 लाख मीट्रिक टन उर्वरक का उठाव किया गया है, जो कि कुल भण्डारण का 55 प्रतिशत है।
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