November 22, 2024
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रायपुर : भाजपा जिला कार्यालय एकात्म परिसर में आज भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव व नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने प्रेसवार्ता को संबोधित किया।अरुण साव ने कहा भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  ने धान समेत सभी कृषि उपज के मूल्य में पर्याप्त वृद्धि कर अन्नदाताओं का सम्मान किया है। हम इस मूल्य वृद्धि के लिए प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय कृषि मंत्री  नरेंद्र सिंह तोमर का अभिनंदन करते हैं। धान के समर्थन मूल्य में 143 रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि कर इसे अब 2.183 रुपया कर दिया गया है। मोदी की सरकार द्वारा की गयी यह वृद्धि मनमोहन सरकार के कार्यकाल के 1310 रुपए की तुलना में करीब 67 प्रतिशत अधिक है। यहीं मूंग दाल के समर्थन मूल्य में 803 रुपए, मूंगफली में 527 रुपए, मोटे अनाज ज्यार में 210, बाजरा में 150, रागी में 268 रुपए, मक्का में 128 रुपए, अरहर दाल में 400 रुपए, उड़द दाल में 350 रुपए, सोयाबीन में 300 रुपए की वृद्धि की गई है। छत्तीसगढ़ के किसानों को धान के बढ़े समर्थन मूल्य का लाभ तो मिलेगा ही, साथ ही मोटे अनाज की कीमतों में भारी वृद्धि कर भी प्रदेश के किसानों के हित में कल्याणकारी कदम उठाया गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने हमेशा किसानों की वित्तीय स्थिति में सुधार पर ध्यान केंद्रित किया है। मोदी जी की सरकार ने राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, राष्ट्रीय खाय सुरक्षा मिशन, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना जैसी कई योजनाएं प्रारम्भ की जिससे किसानों को उनकी मेहनत और परिश्रम का उचित मूल्य प्राप्त हो और देश का किसान और सशक्त बने।
भाजपा सरकार ने न सिर्फ एम.एस.पी. बढ़ाई बल्कि जन धन खातों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के साथ यह भी सुनिश्चित किया की बढ़ी हुई एम.एस.पी का लाभ सीधे किसानों तक पहुंचे मोदी ने यह सुनिश्चित किया है कि किसानों का एक-एक पैसा उन तक पहुंचे।

साव ने कहा एनडीए सरकार ने एम. एस. पी के अंतर्गत हमारे किसानों की धान उपज लागत पर मार्जिन डेढ़ गुना बढ़ा दिया है। मोदी सरकार ने पिछले 9 वर्षों में एम.एस.पी में 873 रुपये की वृद्धि की है। भाजपा सरकार द्वारा की गयी मौजूदा एम.एस.पी बढ़ोतरी ने भारतीय किसानों को सुरक्षा कवच प्रदान करते हुए उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार किया है।.
मोदी की सरकार में देश का कृषि बजट 5 गुना बढ़ कर 1.25 लाख करोड़ हुआ। आज देश में रिकॉर्ड 320 मिलियन टन अनाज उत्पादन हो रहा है। समर्थन मूल्य पर कृषि उत्पाद खरीदी का भी रिकॉर्ड देश ने बनाया है। ध्यान देने की बात है कि छत्तीसगढ़ के भूपेश सरकार के झूठे दावों के उलट प्रदेश का दाना दाना धान मोदी जी की सरकार ही खरीद रही है. इस मद में पिछले चार वर्षों में 65 हजार करोड़ रुपए से अधिक केंद्र सरकार ने दिया है, वहीं कथित न्याय योजना के नाम पर अनेक फिरतो
में केवल 11-12 हजार करोड़ देकर ही भूपेश सरकार ऐसी डींगे हांक रही है, मानो उसी ने सारी खरीदी की है। यहां एक बात विशेष तौर पर स्मरण रखने की है कि छत्तीसगढ़ में धान खरीदी का जो ढांचा दिख रहा है. वह भाजपा सरकार का ही बड़ा किया है। देश भर में छत्तीसगढ़ की सरकार ऐसी पहली सरकार थी जिसने धान खरीदी को ऑनलाइन प्रणाली से जोड़ा और एक पारदर्शी व्यवस्था के तहत किसानों के खाते में सीधे धान का समर्थन मूल्य देते हुए, बिक्री योग्य दाना दाना धान खरीदने की व्यवस्था लागू की। इससे पहले कांग्रेस की सरकारों में धान बेचना वास्तव में एक दुरूह कार्य था।

साव ने कहा आपको स्मरण होगा कि तब धान खरीदी भ्रष्टाचार का अड्डा हुआ करता था। कांग्रेस की सरकार पानी में भिगो डुबो कर धान को बर्बाद करती थी। ऐसा करने के बावजूद बमुश्किल 5-6 लाख मिट्रिक टन धान खरीद पाती थी तब की कांग्रेस सरकार, जबकि 2018 तक धान खरीदी बढ़ कर करीब 85 लाख मिट्रिक टन तक हो गया था। यह सारी व्यवस्था भाजपा सरकार की देन है। कांग्रेस भी भाजपा के किए कार्यों को ही अपना बता कर गाल बजा रही है। इस सत्र में भी मोदी जी की सरकार ने 61 लाख टन चावल केंद्रीय पूल में खरीदा है जिसमें 90 लाख मिट्रिक टन से भी अधिक धान का उपयोग हुआ है।
धान खरीदी के अलावा खाद पर भी मोदी की सरकार 1.08 करोड़ रुपए से अधिक की सब्सिडी दे रही है। रूस यूक्रेन युद्ध के कारण रासायनिक खाद की कीमत दो गुना से भी अधिक बढ़ गया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में दुगना से अधिक दाम हो जाने के बावजूद भी मोदी ने यह भार देश के किसानों पर पर नहीं पड़ने दिया। तब केवल डीएपी पर सब्सिडी 700 से बढ़ा कर मोदी ने 1200 सब्सिडी कर दिया था। सरकार यूरिया के लिए 70 हजार करोड़ तो अन्य उर्वरकों के लिए 38 हजार करोड़ रुपए की सब्सिडी दे रही है। फॉस्फेट और पोटाश उर्वरकों पर भी सब्सिडी दिए जाएंगे। नाइट्रोजन पर 76 रुपए प्रति किलोग्राम, सल्फर पर 2.8 रुपए प्रति किलोग्राम, फास्फोरस पर 41 रुपए प्रति किलोग्राम और पोटाश पर 15 रुपए प्रति किलोग्राम सब्सिडी दिया जा रहा है।

साव ने कहा केवल छत्तीसगढ़ में 4 लाख मेट्रिक टन से अधिक यूरिया खाद की आपूर्ति केंद्र सरकर ने इस वर्ष किया है। जबकि भूपेश सरकार लगातार न केवल खाद की कालाबाजारी को बढ़ावा दे रही है बल्कि मिट्टी-गिट्टी को महंगी कीमत पर वर्मी कम्पोस्ट कह कर बेचने की धोखाधड़ी भी किसानों से कर रही है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ के 40 लाख से अधिक किसानों के खाते में 1800 करोड़ से अधिक की राशि का भुगतान केंद्र सरकार ने किया है।
छत्तीसगढ़ की पूर्व भाजपा सरकार की उपलब्धियां
– समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की व्यवस्था को ऑनलाइन प्रणाली से जोड़ा था। आईटी का उपयोग किया।
– धान खरीदी कांग्रेस की तबकी सरकार 5 लाख टन के मुकाबले 85 लाख मीट्रिक टन तक किया।
– मुफ्त कृषि ऋण 14 प्रतिशत से शून्य प्रतिशत किया। बिना ब्याज के कर्ज 4.5 लाख किसानों को दिया था बिजली कनेक्शन।
– कृषि लागत में कमी, प्रमुख फसल धन-धान्य से पूर्ण हुए थे अन्नदाता ।
– 1 रूपए किलो में चावल पीडीएस की आदर्श व्यवस्था लागू किया।
– जनता को खाद्य एवं पोषण सुरक्षा का अधिकार देने वाला पहला राज्य ।
इसके उलट छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने
– किसानों के दो वर्ष के बकाये बोनस का भुगतान नहीं किया।
– प्रदेश पर 1.50 लाख करोड़ से अधिक का कर्ज लादा ।
– मंडी टैक्स हटाने का वादा था, जबकि टैक्स दोगुना बढ़ाया।
– 1 हजार से अधिक किसानों द्वारा आत्महत्या । कुल 26 हजार से अधिक आत्महत्या 4 वर्ष
– रक़बा कटौती, धान खरीदी आदि में अनियमितता के कारण हुई किसानों की आत्महत्या |
– खाद की कालाबाज़ारी मिट्टी-गिट्टी को वर्मी कम्पोस्ट कह कर कांग्रेस ने बेचा।
कांग्रेस सरकार ने किसानों से खाद, बीज, बारदाना, रकबा छीना हम भूपेश सरकार से यह मांग करते हैं कि वह मोदी जी द्वारा बढ़ाए गए समर्थन मूल्य का पाई-पाई किसानों को दे, किसानों तक बढ़ी हुई कीमत पहुंचने दे।

साव ने कई आंकड़े को विस्तार से प्रस्तुत किया और बताया कि कांग्रेस के नेतृत्व में चल रही सरकार में अपने कार्यकाल के अंतिम वर्ष 2013-14 में एमएसपी पर खरीदी कर किसानों को केवल 64 हजार करोड़ का भुगतान किया*। जबकि भाजपा के नेतृत्व में चल रही सरकार ने वर्ष 2021-22 में एमएसपी पर खरीदी कर किसानों को लगभग 2लाख 38 हजार करोड़ का भुगतान किया*। *यानी मोदी सरकार किसानों को 4 गुना भुगतान कर रही है।

कांग्रेस के शासन काल में लाभार्थी किसान केवल 70 लाख थे। जबकि भाजपा के शासन में 1 करोड़ 32 लाख से ज्यादा है।

कांग्रेस के शासन काल में 10 वर्षों में डीएपी 520 रूपए प्रति बोरी से 1300 रू. प्रतिबोरी तक बढ़ाई गई, जोकि 10 वर्षों में 145 प्रतिशत की वृद्धि थी।

जबकि भाजपा के शासन काल में 9 वर्षों में केवल 50 रूपए की वृद्धि हुई जोकि न के बराबर है।

कांग्रेस ने जितना समर्थन मूल्य बढ़ाया उतना ही खाद का मूल्य भी बढ़ाया। नींदा नाशक नोविनो गोल्ड प्रति लीटर वर्ष 2014 में 6800 रू था जबकि भाजपा के शासनकाल में वर्ष 2023 में 3200 रु. प्रति लीटर है।

खाद सब्सिडी कांग्रेस कार्यकाल में 38 हजार करोड़ रूपया प्रतिवर्ष थी जबकि भाजपा के कार्यकाल में 1 लाख 8 हजार करोड़ रूपया प्रतिवर्ष है।

2 लाख 60 हजार करोड़ से ज्यादा की राशि किसान सम्मान निधि के रूप में डायरेक्ट किसानों के खाते में डाली गई है।

नेता प्रतिपक्ष भी नारायण चंदेल ने राज्य की कांग्रेस की सरकार से प्रश्न पूछा कि राष्ट्रीयकृत व निजी बैंकों से किसानों द्वारा लिए गए कर्ज को माफ न किए जाने पर कांग्रेस सरकार आज तक मौन क्यों है और यह कर्जा कब माफ होगा, साथ ही उन्होंने किसानों के लंबित पंप कनेक्शन के विषय पर अवगत कराते हुए कहा कि किसान पैसा भरने के बाद भी दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं यही कांग्रेस सरकार की किसानों के प्रति प्राथमिकता को बताने के लिए पर्याप्त है।

प्रेस वार्ता में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव , नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, प्रदेश प्रवक्ता संदीप शर्मा, किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष पवन साहू,भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी माजूद रहे।

HNS24 NEWS

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